adim S. Akhter : अर्णब गोस्वामी के बारे में इस साल जून में की गई इसे मेरी भविष्यवाणी कहिए या आशंका, पर ये सच साबित हुई। तब मैंने अपने विश्लेषण में कहा था कि पीएम मोदी के सॉफ्ट इंटरव्यू के बाद अर्णब और टाइम्स नाउ की जो छीछालेदर हुई है, उन हालात में अर्णब की जल्द ही टाइम्स नाउ से विदाई हो सकती है। और कल ही अर्णब की टाटा-बाय बाय वाली खबर आ गई। और जो लोग ये चिंता कर रहे हैं कि अर्णब के बिना टाइम्स नाऊ का क्या होगा, उनके टनाटन न्यूज़ ऑवर डिबेट का क्या होगा, टाइम्स नाऊ की टीआरपी का क्या होगा, वो ज़रा धीरज रखें। मैंने लिखा था कि आज के ज़माने में टाइम्स ग्रुप कभी संपादकों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। उनका फंडा अलग है। जो लोग टाइम्स ग्रुप में काम कर चुके हैं और जिनका थोड़ा बहुत भी मैनेजमेंट से वास्ता रहा है, वो ये बात बखूबी जानते हैं।
सो अर्णब गोस्वामी कितने भी बड़े हो जाएं, संस्थान से बड़े नहीं हो सकते। संस्थान से बड़ा वही एडिटर हो सकता है, जो चौथे स्तंभ का पत्रकार हो और लिखने-पढ़ने वाला हो। अर्णब महज़ एक मैनेजर, न्यूज़ प्रेजेंटर और डिबेटर बन के रह गए। वैसे अर्णब की शोर वाली पत्रकारिता के भी कई फैन हैं, पर व्यक्तिगत रूप से मुझे ये शोर पत्रकारिता कहीं से भी नहीं भाती। ये सच हो सकता है कि अर्णब भारत से प्रसारित होने वाले किसी अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी न्यूज़ चैनल के प्रोजेक्ट का हिस्सा बन जाएं। ये उनकी दिली चाहत रही है और एक कार्यक्रम में अपने दिल की ये बात उन्होंने कही भी थी, जिसका वीडियो मैंने तब फेसबुक पे शेयर किया था। पर अर्णब अगर अंग्रेजी का भारत से प्रसारित होने वाला सीएनएन टाइप न्यूज़ चैनल लाना चाहते हैं, तो इसके लिए टाइम्स ग्रुप से अच्छा प्लेटफार्म और कोई नहीं हो सकता था।
ज़ी वाले भी ऐसा एक चैनल ले के आये हैं, जिसे कोई गांधी महाशय लीड कर रहे हैं, उनका पूरा नाम अभी याद नहीं आ रहा। उनसे एक बार मुलाक़ात हुई है अपनी। पर टाइम्स ग्रुप की तो बात ही निराली है क्योंकि वो हर काम बड़े ishtyle से करते हैं। टाइम्स नाउ को ही देख लीजिए। अर्णब के बिना भी ये चैनल चलता रहेगा और मार्किट लीडर बना रहेगा। आप देखते रहिये। यही टाइम्स ग्रुप की यूएसपी है। बाकी अर्णब आगे क्या करते हैं, इस पे suspence जल्द ही खत्म हो जायेगा।
ये है जून में की गई भविष्यवाणी वाली पोस्ट… अर्नब की working style ने टाइम्स नाऊ और टाइम्स ग्रुप को असहज कर दिया!
नदीम एस. अख्तर कई चैनलों-अखबारों में वरिष्ठ पदों पर रहे हैं. वे मीडिया शिक्षण प्रशिक्षण के कार्य से भी जुड़े रहे.
irk786
November 6, 2016 at 12:26 pm
agle june me kya hoga, jara iski bhi bhavishyvani kar do astro-patrakar mahoday