Deepankar Patel : “Sex sells better than anything else.” टॉइम्स 13 रूपये महीने में महिला को MAN बेच रहा है. टॉइम्स नेटवर्क का Times of india में एक एडवर्टीजमेंट छपा है. एडवर्टीजमेंट में घुघराले बालों वाली महिला है, और एडवर्टीजमेंट में लिखा है “Gift yourself a better MAN”. आगे विज्ञापन में लिखा गया है… Find …
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टाइम्स नाऊ वालों ने टेप न चलाने के वास्ते लालू यादव और शशि थरूर से कौन-सी डील की थी!
Saurabh Bhaarat : टाइम्स नाउ चैनल ने अपने पुराने सम्पादक अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक चैनल पर FIR कर दी है। टाइम्स नाउ का आरोप है कि चाराचोर लालू और माफिया शहाबुद्दीन के बीच बातचीत और सुनन्दा पुष्कर हत्या केस में शशि थरूर से जुड़े जो टेप अर्नब ने अपने चैनल पर दिखाकर टीआरपी बटोरी, वो दरअसल टाइम्स नाउ के पास बहुत पहले से थे और अर्नब ने बिना टाइम्स नाउ की अनुज्ञा के ये टेप अपने चैनल पर चला दिये।
अरनब गोस्वामी का खुलासा- प्रबंधन ने मुझे टाइम्स नाऊ के स्टूडियो जाने से रोक दिया तो देना पड़ा इस्तीफा
केजरीवाल पर निशाना साधा था जिसके कारण मुझे मेरे स्टूडियो में ही जाने से रोक दिया गया… इसके दो दिन बाद मैंने टाइम्स नाऊ छोड़ दिया… टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल छोड़कर द रिपब्लिक मीडिया वेंचर शुरू करने वाले पत्रकार अरनब गोस्वामी ने खुलासा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने पर उन्हें उनके स्टूडियो में जाने पर ही रोक दिया गया था। अरनब गोस्वामी ने यह बात बीएजी फिल्म्स के मीडिया इंस्टीट्यूट आईसॉम्स द्वारा आयोजित मीडिया फेस्ट मंथन 2017 में कही।
अर्णब गोस्वामी के बारे में इस पत्रकार ने जून महीने में ही कर दी थी भविष्यवाणी
adim S. Akhter : अर्णब गोस्वामी के बारे में इस साल जून में की गई इसे मेरी भविष्यवाणी कहिए या आशंका, पर ये सच साबित हुई। तब मैंने अपने विश्लेषण में कहा था कि पीएम मोदी के सॉफ्ट इंटरव्यू के बाद अर्णब और टाइम्स नाउ की जो छीछालेदर हुई है, उन हालात में अर्णब की जल्द ही टाइम्स नाउ से विदाई हो सकती है। और कल ही अर्णब की टाटा-बाय बाय वाली खबर आ गई। और जो लोग ये चिंता कर रहे हैं कि अर्णब के बिना टाइम्स नाऊ का क्या होगा, उनके टनाटन न्यूज़ ऑवर डिबेट का क्या होगा, टाइम्स नाऊ की टीआरपी का क्या होगा, वो ज़रा धीरज रखें। मैंने लिखा था कि आज के ज़माने में टाइम्स ग्रुप कभी संपादकों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। उनका फंडा अलग है। जो लोग टाइम्स ग्रुप में काम कर चुके हैं और जिनका थोड़ा बहुत भी मैनेजमेंट से वास्ता रहा है, वो ये बात बखूबी जानते हैं।
टाइम्स नाऊ से अरनब गोस्वामी ने इस्तीफा दिया, खुद का चैनल लांच करेंगे
मीडिया इंडस्ट्री की एक बड़ी खबर सामने आ रही है. टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल के चर्चित एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संपादकीय विभाग की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान किया. बताया जा रहा है कि अर्णब जल्द ही अपना न्यूज चैनल लांच करेंगे. टाइम्स नाऊ चैनल का मालिक टाइम्स आफ इंडिया अखबार समूह है जिसके मालिक विनीत जैन और समीर जैन हैं.
अर्नब गोस्वामी की working style ने टाइम्स नाऊ और टाइम्स ग्रुप को असहज कर दिया!
Nadim S. Akhter : बरखा ने जो कुछ कहा, वह अर्नब द्वारा कही गई बात का जवाब भर था और मैं व्यक्तिगत रूप से बरखा से सहमत हूं कि कोई शिखर पर बैठा पत्रकार यानी अर्नब ये कैसे कह सकता है कि कश्मीर पर उनसे अलग राय रखने वाले पत्रकारों का ट्रायल हो और उन्हें सजा मिले! यानी टाइम्स ग्रुप से जुड़ा एक बड़ा पत्रकार दूसरे पत्रकारों और मूलरूप से मीडिया की आजादी पर हमला करने की हिमायत और हिमाकत आखिर कर कैसे सकता है? सो चुप्पी तोड़नी जरूरी थी और बरखा ने चुप्पी तोड़कर सही किया. वरना अर्नब और बेलगाम हो जाते.
ओम थानवी ने टाइम्स नाऊ वालों के बुलाने पर भी डिबेट में न जाने के कारणों का किया खुलासा
Om Thanvi : पिछले कुछ हफ़्तों से टाइम्ज़ नाउ से फ़ोन आता है कि अर्णब गोस्वामी के ‘न्यूज़ आवर’ में शिरकत करूँ। पर मेरा मन नहीं करता। एक दफ़ा समन्वयक ने कहा कि आप हिंदी में बोल सकते हैं, अर्णब हिंदी भी अच्छी जानते हैं आपको पता है। मुझे कहना पड़ा कि उनकी हिंदी से मेरी अंगरेज़ी बेहतर है। फिर क्यों नहीं जाता? आज इसकी वजह बताता हूँ। दरअसल, मुझे लगता है अर्णब ने सम्वाद को, सम्वाद में मानवीय गरिमा, शिष्टता और पारस्परिक सम्मान को चौपट करने में भारी योगदान किया है।
मोदी के इंटरव्यू में अर्णब गोस्वामी खुद एक्सपोज हो गए, सोशल मीडिया पर हो रही थू थू
Mukesh Kumar : बहुत बेरहम मीडियम है टीवी। आप कभी किसी को एक्सपोज़ कर रहे होते हैं तो कभी खुद भी एक्सपोज़ हो रहे होते हैं। राहुल गाँधी को आपने एक्सपोज़ किया मगर मोदी को इंटरव्यू करते हुए खुद देश के सामने। प्रधानमंत्री का पहला इंटरव्यू लेते समय न्यूज़ ऑवर के आक्रामक, दूसरों की बोलती बंद कर देने वाले या दूसरों को बोलने ही न देने वाले, बड़बोले, तर्कों और रिसर्च से लैस अर्नब गोस्वामी को क्या हो गया था? वे इतने नरम क्यों थे, बार-बार नवनीत लेपन क्यों कर रहे थे? क्या उन्होंने ये इंटरव्यू कुछ शर्तों के साथ किया? क्या प्रश्न पहले से तय थे? क्या ये पीआर एक्सरसाइज थी? और हाँ, इतना बड़ा चैनल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू करे और तकनीकी स्तर पर इतनी बड़ी चूक करे अच्छा नहीं लगता। ऑडियो बहुत खराब था भाई।
मोदी का टाइम्स नाऊ पर इंटरव्यू : अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे
Nadim S. Akhter : किसी भी समाचार संस्थान और पत्रकार की प्रतिष्ठा बनने व जनता में उसका विश्वास जमने में काफी लम्बा वक्त लगता है. ये चीजें आते-आते आती हैं. लेकिन प्रतिष्ठा गंवाने और विश्वास खोने में मिनट भी नहीं लगते. कल Times Group के चैनल Times Now पर अर्नब गोस्वानी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी का लिया गया इंटरव्यू Modern Television Era में एक केस स्टडी साबित होने वाला है. आरोपों के अनुसार, अगर यह प्रायोजित इंटरव्यू था भी तो भी अर्नब गोस्वामी एक सुलझे हुए पत्रकार की तरह कम से कम बिहेव तो कर सकते थे !!! वो तो मोदी जी से ऐसे बात कर रहे थे कि जैसे मोदी जी उनकी क्लास ले रहे हों और अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे.
यौन उत्पीड़न के कई आरोपों से घिरे आरके पचौरी ने टीओआई और टाइम्स नाऊ के खिलाफ दायर याचिका अदालत से वापस ली
यौन उत्पीड़न के कई मामलों में आरोपी टेरी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और जाने माने पर्यावरणविद आरके पचौरी ने टाइम्स आफ इंडिया और टाइम्स नाऊ को संचालित करने वाली मीडिया कंपनी बेनेट कोलमैन कंपनी लिमिटेड के खिलाफ याचिका अदालत से वापस ली. पचौरी ने बेनेट कोलमैन के खिलाफ कार्यवाही करने और जांच के नतीजे से संबंधित खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग मानने से इनकार करने वाले एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी.
टाइम्स नाउ पर 50,000 रुपये के जुर्माने से मीडिया ट्रायल करने वाले चैनल सबक लेंगे?
न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएसए) ने टीवी समाचार चैनल टाइम्स नाउ को राष्ट्रीय राजधानी में छेड़छाड़ की एक कथित घटना की खबर दिखाते हुए मीडिया ट्रायल करने और आरोपी को दोषी घोषित करने का दोषी पाया और उसपर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रवींद्रन समाचार प्रसारित करने वाले चैनलों द्वारा गठित स्वनियामक संस्था एनबीएसए के प्रमुख हैं। संस्था ने चैनल से टाइम्स नाउ पर दिखाए गए एक साक्षात्कार को लेकर खेद जताने से जुड़ा एक संदेश दिखाने के लिए भी कहा।
टाइम्स नाऊ चैनल पर चला डंडा, जुर्माना भरने और माफी मांगने के आदेश
टाइम्स नाऊ चैनल पर एनबीएसए यानि न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने तगड़ा डंडा चलाया है. एनबीएसए ने टाइम्स नाऊ से कहा है कि जज मत बनो, गलती के लिए जुर्माना भरो और सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगो. एनबीएसए ने इस अंग्रेज़ी समाचार चैनल टाइम्स नाऊ पर पचास हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है. साथ ही सार्वजनिक यानि ऑन एयर माफी मांगने को कहा है. पूरा मामला पिछले साल अगस्त का है. चैनल ने एक कथित शोहदे का साक्षात्कार दिखाते हुए उसे अपनी तरफ से दोषी करार दिया था.
जेएनयू को बदनाम करने वाले ‘इंडिया न्यूज’ और ‘जी न्यूज’ का गेस्ट बनने से शीबा असलम फ़हमी का इनकार
Sheeba : आज सुबह से इंडिया न्यूज़ और ज़ी न्यूज़ की तरफ से फ़ोन आते रहे पैनल में बैठने के लिए. दोनों किसी मुस्लिम-महिला केंद्रित घटना पर बहस में आमंत्रित कर रहे थे. मैंने विरोध जताते हुए मना कर दिया की जेएनयू को आपने जिस तरह षड्यंत्र कर के बदनाम किया उसके बाद हम आपके चैनल की टीआरपी की ग़ुलामी में सहयोग देने नहीं आएँगे.
टाइम्स नाऊ का लायसेंस रद्द कर अरनब गोस्वामी को जेल भेज देना चाहिए
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फर्जी वीडियो दिखाने में आगे रहने वाले न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ और इसके संपादक अरनब गोस्वामी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने फेसबुक पर एक संक्षिप्त पोस्ट लिखी है, जो इस प्रकार है :
टाइम्स नाऊ पर अरनब ने वित्त मंत्री और पूर्व मुख्य न्यायाधीश को आमने-सामने तर्क युद्ध के लिए बिठा दिया
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ द्वारा पिछले सप्ताह एनजेएसी अधिनियम को असंवैधानिक घोषित कर दिये जाने के बाद पहली बार केंद्र सरकार की किसी कद्दावर शख्सियत व न्यायपालिका के शीर्ष पर रही शख्सियत ने आमने सामने टीवी पर बहस की है. अंगरेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ के प्रस्तोता अरिंदम गोस्वामी के साथ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढा ने यह बहस की है, जिसमें दोनों ने अपनी-अपनी संस्थाओं (जिनसे वे जुड़े रहे हैं) के पक्ष में जोरदार दलील दी है अौर एक-दूसरे के फैसलों पर आपत्ति दर्ज करायी है.
अरनब गोस्वामी ने अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित किया
Abhishek Srivastava : टाइम्स नाउ के अरनब गोस्वामी आज बिहार चुनाव पर अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित कर रहे थे। अरनब शायद एबीपी न्यूज़ नहीं देखते, वरना वे इस निष्कर्ष पर पहुंचते कि संघ में एक भी आदमी सोचने वाला नहीं है। शाम को जब मुनव्वर राणा ने एबीपी के लाइव शो में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया, तब सिन्हाजी ने खीझ में कह डाला कि इस पुरस्कार वापसी के पीछे प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच हैं। अव्वल तो उदय प्रकाश से लेकर नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी लगायत तमाम लेखक इनमें से किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं।
Double Standards of Arnab Goswami!
Subject : double standards of arnab goswami… see WEBLINK
Dear Editor ,
bhadas4media.com
Please check this link
http://www.timesnow.tv/ENTERTAINMENT/Team-Shamitabh-at-the-TIMES-NOW-studios/videoshow/4473502.cms
आउटलुक वालों ने टाइम्स नाऊ वाले अर्नब गोस्वामी को विलेन बना दिया…
Arnab Goswami होने का मतलब… आउटलुक वालों ने टाइम्स नाऊ वाले अर्नब गोस्वामी को विलेन बना दिया. घोषणा कर दी कि अर्णब ने भारत में टीवी न्यूज की -हत्या- कर दी. ठीक है, मान लेते हैं कि आउटलुक वाले बहुत समझदार हो गए हैं (विनोद मेहता के जाने के बाद) और मैगजीन निकालते-निकालते अब उन्हें टीवी न्यूज की भी अच्छी खासी समझ हो गई है. हो सकता है कि इसके एडिटर साब ने टीवी न्यूज इंडस्ट्री में खबरों की महत्ता-गुणवत्ता पर कोई पीएचडी भी लिख डाली हो और कोई बड़ा सर्वे भी कराया हो (शायद सपने में).
‘टाइम्स नाऊ’ चैनल का बॉयकाट होगा, सोशल एक्टिविस्टस की तरफ से अरनब गोस्वामी को खुला पत्र
Dear Mr Arnab Goswami,
We, the undersigned, who have on many occasions participated in the 9:00 p.m. News Hour programme on Times Now, anchored by you, wish to raise concerns about the shrinking space in this programme for reasoned debate and the manner in which it has been used to demonize people’s movements and civil liberties activists.
‘टाइम्स नाऊ’ में बंपर वैकेंसी, अप्लाई करें
टाइम्स नाउ को कॉरस्पोंडेंट, सीनियर कॉरस्पोंडेंट, डिप्टी न्यूज एडिटर, न्यूज एडिटर- आउटपुट आदि पदों के लिए योग्य मीडियाकर्मियों की तलाश है. इन पदों के लिए 3 वर्ष से लेकर 10 वर्षों का अनुभव चाहिए. आवेदकों को न्यूज चैनल में काम करने का भी अनुभव होना जरूरी है. चैनल में न्यूज गेदरिंग, असाइनमेंट डेस्क के लिए भी जगह वैकेंसी है. चैनल को कॉरस्पोंडेंट, सीनियर कॉरसपोंडेंट, डिप्टी न्यूज एडिटर, न्यूज एडिटर की जरूरत है. आवेदकों को न्यूज चैनल में 3 से 10 साल का अनुभव होना चाहिए.