औकात में आ गए अर्णब गोस्वामी, देखें रिपब्लिक टीवी का माफीनामा

बेसिर पैर की खबरें दिखाकर टीआरपी बटोरने में उस्ताद अर्णब गोस्वामी के न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी को आखिरकार अपनी एक हरकत के लिए माफी मांगने को मजबूर होना पड़ा. मुसलमानों के खिलाफ लगातार फर्जी खबरें दिखाकर घृणा फैलाने वाले इस रिपब्लिक टीवी की एक गलत खबर से नाराज कई मुस्लिम समूहों ने पत्र लिखकर तत्काल …

अरनब गोस्वामी का ऐलान- ‘रिपब्लिक भारत’ नाम से हिंदी में होगा चैनल लांच! देखें वीडियो

अंग्रेजी न्यूज चैनल रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी ने अपने हिंदी चैनल का हेड शमशेर सिंह को नियुक्त करने के बाद एक वीडियो के जरिए ऐलान किया है कि उनके हिंदी चैनल का नाम ‘रिपब्लिक भारत’ होगा.

हिंदी में रिपब्लिक टीवी लांच करने के लिए अरनब गोस्वामी यूं जुटा रहे हैं रुपय्या…

Republic TV to launch Hindi News Channel soon, before 2019 Lok Sabha Elections…. BJP’s godi media- Republic TV is now ready to launch its Hindi News Channel ahead of the 2019 Lok Sabha Elections. A fundraising note for the Hindi news channel is being circulated by the Gurugram office of Client Associates (a financial consultancy …

अर्णव गोस्वामी जिन्हें ‘शहरी नक्सली’ बता कर भोंक रहा, जानिए वो सुधा भारद्वाज हैं कौन!

Ajeet Singh : मजदूर नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और मजदूरों आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए 40 साल की उम्र में लॉ की पढ़ाई करके अधिवक्ता बनने वाली सुधा भारद्वाज को ‘शहरी नक्सली’ घोषित करने का घृणित प्रयास किया जा रहा है। रिपब्लिक टीवी ने बुधवार को अपने एक कार्यक्रम में यह दावा किया …

‘रिपब्लिक टीवी’ से इस्तीफा देने वाली श्वेता कोठारी ने लंबा-चौड़ा खुलासा कर किया धमाका, आप भी पढ़ें

श्वेता कोठारी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ से इस्तीफा दे दिया है. वे सीनियर करेस्पांडेंट पद पर थीं. उन्होंने 11 अक्टूबर को इस्तीफा दिया और इसकी सूचना फेसबुक से अपने सभी जानने वालों को दी. उसके बाद उन्होंने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर अपने इस्तीफे का कारण गिनाया तो रिपब्लिक टीवी में भूचाल आ गया.. श्वेता के इस्तीफानामा की आंच से सुपारी संपादक अर्नब गोस्वामी तक झुलस गए… फेसबुक और ट्वीटर पर श्वेता का इस्तीफानामा खूब शेयर और रीट्वीट किया जा रहा है. आप भी पढ़ें…

‘रिपब्लिक’ की लांचिंग के दिन अर्नब गोस्वामी सुपारी जर्नलिस्ट नज़र आए!

पूरा नेशन जानना चाहता था कि अर्नब गोस्वामी जिस चैनल को लेकर आ रहे हैं उसके तेवर कैसे होंगे? मीडिया की घटती विश्वसनीयता के बीच वो किन खबरों को तव्वजो देंगे। लेकिन ये कहने में कोई संकोच नहीं कि अर्नब ने न केवल दर्शकों को बल्कि पत्रकारों को भी निराश किया। सुबह करीब 10 बजे से लेकर रात के 1 बजे तक वो लालू प्रसाद और डॉन शाहबुद्दीन की कथित ऑडियो टेप को बार-बार दिखाते रहे। जिसमें शाहबुद्दीन लालू प्रसाद यादव से सीवान के एसपी को हटाने की बात कर रहे हैं। ऑडियो में शाहबुद्दीन को ‘आपका एसपी खत्म है’ कहते हुए सुनाया गया।

बधाई, एक और ‘निष्पक्ष’ चैनल बाजार में आ गया :)

अर्नब गोस्वामी और राजीव चंद्रशेखर का रिपब्लिक टीवी अब लॉन्च हो गया है। इस मौक़े पर ज़रा मालिक राजीव चंद्रशेखर के बारे में बता दूं। फ़िलहाल वो राज्यसभा सांसद हैं और केरल में NDA के उपाध्यक्ष हैं। डिफेंस पर स्टैंडिंग कमेटी में भी वो हैं। उनकी कंपनी को भारतीय एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स में तकनीकी सहयोग का ठेका मिला हुआ है। बीते साल ये ठेका मिला। चैनल जब शुरू हुआ तो उनकी कंपनी जुपिटर कैपिटल के CEO अमित गुप्ता ने एडिटोरियल को मेल लिखा कि कंटेंट “प्रो मिलिट्री” होना चाहिए। मिलिट्री नैशनलिज़्म चंद्रशेखर की आइडियोलॉजी में फिट बैठता है, लेकिन इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण ये फैक्ट है कि मिलिट्री के साथ उनका धंधा चलता है। बिजनेस इंटरेस्ट है।

अरनब गोस्वामी का खुलासा- प्रबंधन ने मुझे टाइम्स नाऊ के स्टूडियो जाने से रोक दिया तो देना पड़ा इस्तीफा

केजरीवाल पर निशाना साधा था जिसके कारण मुझे मेरे स्टूडियो में ही जाने से रोक दिया गया… इसके दो दिन बाद मैंने टाइम्स नाऊ छोड़ दिया… टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल छोड़कर द रिपब्लिक मीडिया वेंचर शुरू करने वाले पत्रकार अरनब गोस्वामी ने खुलासा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने पर उन्हें उनके स्टूडियो में जाने पर ही रोक दिया गया था। अरनब गोस्वामी ने यह बात बीएजी फिल्म्स के मीडिया इंस्टीट्यूट आईसॉम्स द्वारा आयोजित मीडिया फेस्ट मंथन 2017 में कही।

अर्णब गोस्वामी और रवीश कुमार पत्रकारिता के दो विपरीत छोर हैं : उदय प्रकाश

Uday Prakash : There have been two striking popular and leading poles in TV journalism spirited these days. One in English and the other in Hindi. I’m always skeptical about Hindi as it’s always characterized by the people who represent it, in politics, culture and media. My friends here on Facebook know about my views through my posts time and again. One of the poles, in English was Times Now, anchored by Arnab Goswami and the other, in Hindi is NDTV, with its anchor Ravish Kumar. 

अर्णब गोस्वामी के बारे में इस पत्रकार ने जून महीने में ही कर दी थी भविष्यवाणी

adim S. Akhter : अर्णब गोस्वामी के बारे में इस साल जून में की गई इसे मेरी भविष्यवाणी कहिए या आशंका, पर ये सच साबित हुई। तब मैंने अपने विश्लेषण में कहा था कि पीएम मोदी के सॉफ्ट इंटरव्यू के बाद अर्णब और टाइम्स नाउ की जो छीछालेदर हुई है, उन हालात में अर्णब की जल्द ही टाइम्स नाउ से विदाई हो सकती है। और कल ही अर्णब की टाटा-बाय बाय वाली खबर आ गई। और जो लोग ये चिंता कर रहे हैं कि अर्णब के बिना टाइम्स नाऊ का क्या होगा, उनके टनाटन न्यूज़ ऑवर डिबेट का क्या होगा, टाइम्स नाऊ की टीआरपी का क्या होगा, वो ज़रा धीरज रखें। मैंने लिखा था कि आज के ज़माने में टाइम्स ग्रुप कभी संपादकों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। उनका फंडा अलग है। जो लोग टाइम्स ग्रुप में काम कर चुके हैं और जिनका थोड़ा बहुत भी मैनेजमेंट से वास्ता रहा है, वो ये बात बखूबी जानते हैं।

टाइम्स की दुकान और पत्रकार से छुटकारा

अर्नब गोस्वामी ने टाइम्स नाऊ क्यों छोड़ा, वे जानें। पर जैसा कि नौकरी छोड़ने वाले ज्यादातर पत्रकारों के साथ होता है, नौकरी छोड़ने के समय हर कोई कहता है, अपना कुछ काम करेंगे। ऐसा कई पत्रकारों के मामले में हुआ है। कई साल से हो रहा है। किसी एक का क्या नाम लेना – लोग जानते हैं और जो नहीं जानते उनके लिए नाम बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। वैसे यह सच है कि नौकरी छोड़ने के बाद कइयों ने अपना काम शुरू भी किया, कर भी रहे हैं पर ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि जैसी संस्था छोड़ी वैसी ही खड़ी कर ली। या जो है वैसी होने की ओर अग्रसर है। फिर भी अर्नब गोस्वामी के बारे में कहा जा रहा है (उन्होंने नहीं कहा है) कि वे चैनल शुरू करेंगे। और फिर इससे जुड़ी अटकलें। मेरी दिलचस्पी उसमें नहीं है।

टाइम्स नाऊ से अरनब गोस्वामी ने इस्तीफा दिया, खुद का चैनल लांच करेंगे

मीडिया इंडस्ट्री की एक बड़ी खबर सामने आ रही है. टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल के चर्चित एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संपादकीय विभाग की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान किया. बताया जा रहा है कि अर्णब जल्द ही अपना न्यूज चैनल लांच करेंगे. टाइम्‍स नाऊ चैनल का मालिक टाइम्स आफ इंडिया अखबार समूह है जिसके मालिक विनीत जैन और समीर जैन हैं.

अरनब गोस्वामी ने लाइव शो से पूर्व एसीपी शमशेर पठान को बाहर निकाल दिया

पूर्व एसीपी शमशेर पठान को टाइम्स नाउ के लाइव शो न्यूजआवर से अरनब गोस्वामी ने बाहर निकाल दिया. पैनलिस्ट शमशेर पठान ने कुछ ऐसा कह दिया कि जिससे लाइव शो के दौरान टीवी एंकर अरनब गोस्वामी उखड़ गए और उन्हें गेट आउट कह दिया. अरनब गोस्वामी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर डिबेट कर रहे थे. अरनब ने शमशेर की राय जाननी चाही तो उन्होंने अपने तर्क में महिला गेस्ट की खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी. पठना ने शो में मौजूद पैनलिस्ट शाजिया इल्मी और एक अन्य महिला को कुछ ऐसा कह दिया जो अरनब को पसंद नहीं आया.

लाखों सेलरी पाने वाले भक्त संपादकों अरनब-सुधीर को Y कैटगरी देने पर मोदी की लानत-मलानत

Markandey Katju :Why should Arnab Goswamy be provided Govt. security, and that too of the Y category, which means 20 guards will be with him day and night. Who will pay the salaries of these guards? It will be the government, which really means the public, because these salaries come from the taxes we pay. So we will have to pay for Arnab’s security.

पीएम मोदी के Soft Interview का इनाम! अरनब गोस्वामी को Y कैटिगरी की सुरक्षा मिली

Nadim S. Akhter : अरनब गोस्वामी को “पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण” उसी दिन मिल गया था, जिस दिन उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का Soft Interview लिया था. भारत सरकार की ओर से अरनब को मिली Y कैटिगरी की सुरक्षा उसकी पहली कड़ी भर है. Soft Journalism का ये कमाल आगे कइयों के सिर चढ़कर बोलने वाला है. Soft रहके ही स्वादिष्ट SOFTY खाई जा सकती है. बस Softy पिघलने से पहले उसे गटकने का हुनर आना चाहिए. Soft Journalism तेजी से फैलती बीमारी है. पत्रकारों के अलावा सोशल मीडिया पर citizen journalists भी द्रुत गति से इसकी चपेट में आ रहे हैं.

ओम थानवी ने टाइम्स नाऊ वालों के बुलाने पर भी डिबेट में न जाने के कारणों का किया खुलासा

Om Thanvi : पिछले कुछ हफ़्तों से टाइम्ज़ नाउ से फ़ोन आता है कि अर्णब गोस्वामी के ‘न्यूज़ आवर’ में शिरकत करूँ। पर मेरा मन नहीं करता। एक दफ़ा समन्वयक ने कहा कि आप हिंदी में बोल सकते हैं, अर्णब हिंदी भी अच्छी जानते हैं आपको पता है। मुझे कहना पड़ा कि उनकी हिंदी से मेरी अंगरेज़ी बेहतर है। फिर क्यों नहीं जाता? आज इसकी वजह बताता हूँ। दरअसल, मुझे लगता है अर्णब ने सम्वाद को, सम्वाद में मानवीय गरिमा, शिष्टता और पारस्परिक सम्मान को चौपट करने में भारी योगदान किया है।

मोदी के इंटरव्यू में अर्णब गोस्वामी खुद एक्सपोज हो गए, सोशल मीडिया पर हो रही थू थू

Mukesh Kumar : बहुत बेरहम मीडियम है टीवी। आप कभी किसी को एक्सपोज़ कर रहे होते हैं तो कभी खुद भी एक्सपोज़ हो रहे होते हैं। राहुल गाँधी को आपने एक्सपोज़ किया मगर मोदी को इंटरव्यू करते हुए खुद देश के सामने। प्रधानमंत्री का पहला इंटरव्यू लेते समय न्यूज़ ऑवर के आक्रामक, दूसरों की बोलती बंद कर देने वाले या दूसरों को बोलने ही न देने वाले, बड़बोले, तर्कों और रिसर्च से लैस अर्नब गोस्वामी को क्या हो गया था? वे इतने नरम क्यों थे, बार-बार नवनीत लेपन क्यों कर रहे थे? क्या उन्होंने ये इंटरव्यू कुछ शर्तों के साथ किया? क्या प्रश्न पहले से तय थे? क्या ये पीआर एक्सरसाइज थी? और हाँ, इतना बड़ा चैनल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू करे और तकनीकी स्तर पर इतनी बड़ी चूक करे अच्छा नहीं लगता। ऑडियो बहुत खराब था भाई।

मोदी का टाइम्स नाऊ पर इंटरव्यू : अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे

Nadim S. Akhter : किसी भी समाचार संस्थान और पत्रकार की प्रतिष्ठा बनने व जनता में उसका विश्वास जमने में काफी लम्बा वक्त लगता है. ये चीजें आते-आते आती हैं. लेकिन प्रतिष्ठा गंवाने और विश्वास खोने में मिनट भी नहीं लगते. कल Times Group के चैनल Times Now पर अर्नब गोस्वानी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी का लिया गया इंटरव्यू Modern Television Era में एक केस स्टडी साबित होने वाला है. आरोपों के अनुसार, अगर यह प्रायोजित इंटरव्यू था भी तो भी अर्नब गोस्वामी एक सुलझे हुए पत्रकार की तरह कम से कम बिहेव तो कर सकते थे !!! वो तो मोदी जी से ऐसे बात कर रहे थे कि जैसे मोदी जी उनकी क्लास ले रहे हों और अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे.

वेद प्रताप वैदिक बोले- अरनब गोस्वामी बहुत नीच आदमी है (देखें वीडियो)

वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार हैं. काफी सुलझे हुए पत्रकार माने जाते हैं. भाषा और विचार के स्तर पर संतुलित माने जाते हैं. लेकिन अरनब गोस्वामी को लेकर उनका गुस्सा ऐसा फूटा कि उन्होंने अरनब गोस्वामी को ना जाने क्या क्या कह दिया, वह भी पूरी मीडिया के सामने. उपर दिए गए तस्वीर पर क्लिक करिए और वीडियो देखिए.

टाइम्स ऑफ इंडिया के पतन की पराकाष्ठा… सलमान खान पर 5 पेज बिछा दिया!

Nadim S. Akhter : TIMES NOW वाले अर्नब गोस्वामी भी कमाल है. हमेशा लाइमलाइट में रहना चाहते हैं. ये देखकर ताज्जुब हुआ कि कल रात के थकाऊ News Hour शो के बाद आज सुबह-सुबह एंकरिंग करने स्टूडियो में बैठ गए हैं. माने के Live हो गए हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट में आज सलमान खान मामले की सुनवाई होनी है, सो अर्नब पूरी फौज के साथ तैयार हैं. और एक मैं हूं कि खामोख्वाह इस इवेंट को लाइटली ले रहा था. जब अर्नब ने इतनी बड़ी तैयारी कर रखी है तो दूसरे चैनलों, खासकर हिन्दी के चैनलों ने क्या किया होगा, अंदाजा लगा रहा हूं.

तेज गति कार चलाकर फंसे अर्णब गोस्वामी! (देखें तस्वीरें)

टाइम्स नाऊ के बड़बोले एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी इन दिनों एक नए कारण से चर्चा में है. कुछ लोगों का आरोप है कि वे तेज गति से कार चला रहे थे. इसकी शिकायत पुलिस को पहुंची तो मुंबई की ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए उनकी कार उठवा ली. अर्णब को जुर्माना भरने के बाद छोड़ा गया. वहीं, कुछ अन्य लोगों का कहना है कि कार कोई दूसरा शख्स तेज गति से चला रहा था, अरनब ने तो पुलिस को सूचना देकर इस कार को पकड़वाया. ये पूरा घटनाक्रम असल में इन दो तस्वीरों के कारण चर्चा में है जिसे किसे ने मौके पर क्लिक कर लिया.

डिबेट में अर्णब ने जब किया आशुतोष को शर्मसार

दिल्ली : अर्णव गोस्वामी को दाद तो देनी ही पड़ेगी. साथ ही उनकी प्रोडक्शन टीम को. जिस तरह आशुतोष की कही बात को उन्होंने Live झूठा करार दिया और उस दिन के फुटेज को तुरंत चला दिया, आशुतोष हतप्रभ रह गए. इसे कहते हैं तेजी. टीवी की तेजी, जवाब देने की तेजी, टीम की तेजी… और अर्णब के तेवर देखिए. वो भी पूरे रौ में हैं. मजा आ गया.

https://www.youtube.com/watch?v=xCRn6Rmxcn8

रजनीकांत, आलोक नाथ और आलिया भट्ट के बाद अब अरनब गोस्वामी की बारी

होली के मौके पर टाइम्स नाऊ के एंकर अरनब गोस्वामी को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया और मोबाइल पर खूब वायरल हुआ. इसमें कहा गया है कि रजनीकांत, आलोक नाथ और आलिया भट्ट पर तो खूब जोक मारे गए. अब बारी अरनब गोस्वामी सीरिज शुरू करने की है. तो लीजिए पढ़िए, अरनब गोस्वामी के बारे में आजकल सोशल मीडिया के लोग क्या क्या इजहार ए खयाल करते हैं…

अर्नब गोस्वामी पत्रकारिता छोड़ने का फैसला कर चुके थे, मुंबई ने उन्हें रोक लिया!

Nadim S. Akhter :  Times Now वाले अर्नब गोस्वामी को मैं पसंद करता हूं. आप उन्हें अच्छा कहें या बुरा कहें या जो कहें, मुझे लगता है कि तमाम सीमाओं के बावजूद (एक बार फिर दोहरा रहा हूं, बाजार और सियासत की तमाम सीमाओं के बावजूद) वो अपना काम शिद्दत से कर रहे हैं. हां, अफसोस तब होता है जब रवीश कुमार के अलावा हिंदी चैनलों में मुझे अर्नब जैसा passionate एक भी पत्रकार नहीं दिखता.