Republic TV to launch Hindi News Channel soon, before 2019 Lok Sabha Elections…. BJP’s godi media- Republic TV is now ready to launch its Hindi News Channel ahead of the 2019 Lok Sabha Elections. A fundraising note for the Hindi news channel is being circulated by the Gurugram office of Client Associates (a financial consultancy …
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अर्णव गोस्वामी जिन्हें ‘शहरी नक्सली’ बता कर भोंक रहा, जानिए वो सुधा भारद्वाज हैं कौन!
Ajeet Singh : मजदूर नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और मजदूरों आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए 40 साल की उम्र में लॉ की पढ़ाई करके अधिवक्ता बनने वाली सुधा भारद्वाज को ‘शहरी नक्सली’ घोषित करने का घृणित प्रयास किया जा रहा है। रिपब्लिक टीवी ने बुधवार को अपने एक कार्यक्रम में यह दावा किया …
‘रिपब्लिक टीवी’ से इस्तीफा देने वाली श्वेता कोठारी ने लंबा-चौड़ा खुलासा कर किया धमाका, आप भी पढ़ें
श्वेता कोठारी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ से इस्तीफा दे दिया है. वे सीनियर करेस्पांडेंट पद पर थीं. उन्होंने 11 अक्टूबर को इस्तीफा दिया और इसकी सूचना फेसबुक से अपने सभी जानने वालों को दी. उसके बाद उन्होंने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर अपने इस्तीफे का कारण गिनाया तो रिपब्लिक टीवी में भूचाल आ गया.. श्वेता के इस्तीफानामा की आंच से सुपारी संपादक अर्नब गोस्वामी तक झुलस गए… फेसबुक और ट्वीटर पर श्वेता का इस्तीफानामा खूब शेयर और रीट्वीट किया जा रहा है. आप भी पढ़ें…
रिपब्लिक टीवी की महिला पत्रकार का यह चेहरा स्तब्ध करता है!
Prakash K Ray : जिस तरह से फ़ेक न्यूज़ और बुली चैनल रिपब्लिक की रिपोर्टर माइक छीनने झपट रही है, उसे देख कर लगता है कि किसी दिन लफंगे एंकर और लुम्पेन रिपोर्टर तार से गला घोंट कर गेस्ट/पैनलिस्ट की हत्या कर डालेंगे. दूसरे घामड़ चैनल टाइम्स नाउ वाली रिपोर्टर तुलनात्मक रूप से शक्तिशाली लग रही है, अन्यथा खींचतान में उस भले आदमी को चोट भी आ सकती थी.
भड़ास संपादक की ताजा पोस्ट : रिपब्लिक टीवी वाले कटहे कुक्कुर की तरह गैर-भाजपाई नेताओं के पीछे भों-भों करते भाग रहे
Yashwant Singh : भाजपा वित्त पोषित रिपब्लिक टीवी वाले कटहे कुक्कुर की तरह गैर-भाजपाई नेताओं के पीछे भों भों करते टहल रहे हैं. मेरा उपरोक्त वाक्य यह बताने के लिए काफी है कि मीडिया यानि चौथा खंभा आजकल सियासी आधार पर बंट गया है. भाजपाई मीडिया, कांग्रेसी मीडिया, मुस्लिम परस्त मीडिया, हिंदूवादी मीडिया. इन सभी का एक ही मकसद, सबसे बड़ा बाजारू यानि कारपोरेट मीडिया बनना.
बजरंद दल वाले स्टिंग पर वीएचपी ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अरनब गोस्वामी को लिखा पत्र, पढ़ें
To,
Mr Arnab Goswami
Republic TV
Mumbai
Sub: Contents shown on Republic TV with the intention to malign Bajrang Dal’s image.
Dear Arnab,
This has reference to the fake sting operation telecasted on your news channel ‘Republic Tv’ under the caption of ‘Hindu Fringe Exposed’ on 5th June 2017 with prime time debate No. 2 at 10.10 PM ( https://www.youtube.com/watch?v=f-8rMhrNk-c ) and its repeat telecasts thereafter, with a sole intent to defame, malign and tarnish the image of our youth wing ‘Bajrang Dal’. Your channel Republic Tv, under the garb of ‘sting’ has attempted to portray our dedicated self-less nationalist cadres in bad light.
टाइम्स नाऊ वालों ने टेप न चलाने के वास्ते लालू यादव और शशि थरूर से कौन-सी डील की थी!
Saurabh Bhaarat : टाइम्स नाउ चैनल ने अपने पुराने सम्पादक अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक चैनल पर FIR कर दी है। टाइम्स नाउ का आरोप है कि चाराचोर लालू और माफिया शहाबुद्दीन के बीच बातचीत और सुनन्दा पुष्कर हत्या केस में शशि थरूर से जुड़े जो टेप अर्नब ने अपने चैनल पर दिखाकर टीआरपी बटोरी, वो दरअसल टाइम्स नाउ के पास बहुत पहले से थे और अर्नब ने बिना टाइम्स नाउ की अनुज्ञा के ये टेप अपने चैनल पर चला दिये।
‘रिपब्लिक’ न्यूज चैनल में किस पार्टी ने लगाया पैसा, सपा नेता ने अर्नब के सामने लाइव कर दिया खुलासा (देखें वीडियो)
रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने लाइव डिबेट शो में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी को खूब खरी खोटी सुनाई। अर्नब सपा प्रवक्ता पर इतने नाराज हो गए कि ये तक कह डाला कि तुम होते कौन हो मुझसे इस तरह बात करने वाले। तुम्हें राजनीति में जितना समय नहीं हुआ उससे 10 गुना ज्यादा समय से मैं पत्रकारिता कर रहा हूं।
पत्रकारिता का अर्नबीकरण!
Sanjaya Kumar Singh : अर्नब गोस्वामी को मैं नहीं देखता। भाजपा से उसके संबंध जानने और उसके झुकावों को देखने के बाद अर्नब को निष्पक्ष नहीं माना जा सकता है। ऐसे में कल नए चैनल के उद्घाटन को लेकर भी दिलचस्पी नहीं रही। लालू यादव से संबंधित ऑडियो के प्रसारण और उसमें गैंगस्टर शहाबुद्दीन का लालू यादव से कहना, “खत्तम है आपका एसपी” – ऐसा कोई मतलब नहीं देता है जो बताया और बनाया जा रहा है। एक साल पुराने इस मामले को जिस तरह पेश किया गया है वह भाजपा समर्थन और लालू-नीतिश विरोध ज्यादा पत्रकारिता या रिपोर्टिंग कम है। ठीक है, अंग्रेजी का यह चैनल बिहार के मतदाताओं पर क्या प्रभाव छोड़ पाएगा। फिर भी…
‘रिपब्लिक’ की लांचिंग के दिन अर्नब गोस्वामी सुपारी जर्नलिस्ट नज़र आए!
पूरा नेशन जानना चाहता था कि अर्नब गोस्वामी जिस चैनल को लेकर आ रहे हैं उसके तेवर कैसे होंगे? मीडिया की घटती विश्वसनीयता के बीच वो किन खबरों को तव्वजो देंगे। लेकिन ये कहने में कोई संकोच नहीं कि अर्नब ने न केवल दर्शकों को बल्कि पत्रकारों को भी निराश किया। सुबह करीब 10 बजे से लेकर रात के 1 बजे तक वो लालू प्रसाद और डॉन शाहबुद्दीन की कथित ऑडियो टेप को बार-बार दिखाते रहे। जिसमें शाहबुद्दीन लालू प्रसाद यादव से सीवान के एसपी को हटाने की बात कर रहे हैं। ऑडियो में शाहबुद्दीन को ‘आपका एसपी खत्म है’ कहते हुए सुनाया गया।
बधाई, एक और ‘निष्पक्ष’ चैनल बाजार में आ गया :)
अर्नब गोस्वामी और राजीव चंद्रशेखर का रिपब्लिक टीवी अब लॉन्च हो गया है। इस मौक़े पर ज़रा मालिक राजीव चंद्रशेखर के बारे में बता दूं। फ़िलहाल वो राज्यसभा सांसद हैं और केरल में NDA के उपाध्यक्ष हैं। डिफेंस पर स्टैंडिंग कमेटी में भी वो हैं। उनकी कंपनी को भारतीय एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स में तकनीकी सहयोग का ठेका मिला हुआ है। बीते साल ये ठेका मिला। चैनल जब शुरू हुआ तो उनकी कंपनी जुपिटर कैपिटल के CEO अमित गुप्ता ने एडिटोरियल को मेल लिखा कि कंटेंट “प्रो मिलिट्री” होना चाहिए। मिलिट्री नैशनलिज़्म चंद्रशेखर की आइडियोलॉजी में फिट बैठता है, लेकिन इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण ये फैक्ट है कि मिलिट्री के साथ उनका धंधा चलता है। बिजनेस इंटरेस्ट है।
अरनब गोस्वामी का खुलासा- प्रबंधन ने मुझे टाइम्स नाऊ के स्टूडियो जाने से रोक दिया तो देना पड़ा इस्तीफा
केजरीवाल पर निशाना साधा था जिसके कारण मुझे मेरे स्टूडियो में ही जाने से रोक दिया गया… इसके दो दिन बाद मैंने टाइम्स नाऊ छोड़ दिया… टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल छोड़कर द रिपब्लिक मीडिया वेंचर शुरू करने वाले पत्रकार अरनब गोस्वामी ने खुलासा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधने पर उन्हें उनके स्टूडियो में जाने पर ही रोक दिया गया था। अरनब गोस्वामी ने यह बात बीएजी फिल्म्स के मीडिया इंस्टीट्यूट आईसॉम्स द्वारा आयोजित मीडिया फेस्ट मंथन 2017 में कही।
अरनब गोस्वामी के नए चैनल का नाम ‘रिपब्लिक’ होगा
अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ के साथ 10 साल तक रहने के बाद एडिटर इन चीफ पद से इस्तीफा देने वाले अर्नब गोस्वामी ने खुद का चैनल लाने की जो घोषणा की थी, वह अब मूर्त रूप लेने लगा है. चैनल के नाम की घोषणा कर दी है. चैनल का नाम ‘रिपब्लिक’ होगा. अरनब गोस्वामी के नए वेंचर का नाम होगा Republic जो यूपी चुनाव से पहले लांच हो जाएगा. चर्चा है कि रिपब्लिक चैनल की लांचिंग रिपब्लिक डे के दिन की जाएगी. ज्ञात हो कि टाइम्स नाऊ छोड़ने के पूरे एक महीने बाद अरनब गोस्वामी ने अपने नए वेंचर के नाम की घोषणा की है.
अर्णब गोस्वामी और रवीश कुमार पत्रकारिता के दो विपरीत छोर हैं : उदय प्रकाश
Uday Prakash : There have been two striking popular and leading poles in TV journalism spirited these days. One in English and the other in Hindi. I’m always skeptical about Hindi as it’s always characterized by the people who represent it, in politics, culture and media. My friends here on Facebook know about my views through my posts time and again. One of the poles, in English was Times Now, anchored by Arnab Goswami and the other, in Hindi is NDTV, with its anchor Ravish Kumar.
अर्णब गोस्वामी के बारे में इस पत्रकार ने जून महीने में ही कर दी थी भविष्यवाणी
adim S. Akhter : अर्णब गोस्वामी के बारे में इस साल जून में की गई इसे मेरी भविष्यवाणी कहिए या आशंका, पर ये सच साबित हुई। तब मैंने अपने विश्लेषण में कहा था कि पीएम मोदी के सॉफ्ट इंटरव्यू के बाद अर्णब और टाइम्स नाउ की जो छीछालेदर हुई है, उन हालात में अर्णब की जल्द ही टाइम्स नाउ से विदाई हो सकती है। और कल ही अर्णब की टाटा-बाय बाय वाली खबर आ गई। और जो लोग ये चिंता कर रहे हैं कि अर्णब के बिना टाइम्स नाऊ का क्या होगा, उनके टनाटन न्यूज़ ऑवर डिबेट का क्या होगा, टाइम्स नाऊ की टीआरपी का क्या होगा, वो ज़रा धीरज रखें। मैंने लिखा था कि आज के ज़माने में टाइम्स ग्रुप कभी संपादकों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। उनका फंडा अलग है। जो लोग टाइम्स ग्रुप में काम कर चुके हैं और जिनका थोड़ा बहुत भी मैनेजमेंट से वास्ता रहा है, वो ये बात बखूबी जानते हैं।
टाइम्स की दुकान और पत्रकार से छुटकारा
अर्नब गोस्वामी ने टाइम्स नाऊ क्यों छोड़ा, वे जानें। पर जैसा कि नौकरी छोड़ने वाले ज्यादातर पत्रकारों के साथ होता है, नौकरी छोड़ने के समय हर कोई कहता है, अपना कुछ काम करेंगे। ऐसा कई पत्रकारों के मामले में हुआ है। कई साल से हो रहा है। किसी एक का क्या नाम लेना – लोग जानते हैं और जो नहीं जानते उनके लिए नाम बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। वैसे यह सच है कि नौकरी छोड़ने के बाद कइयों ने अपना काम शुरू भी किया, कर भी रहे हैं पर ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि जैसी संस्था छोड़ी वैसी ही खड़ी कर ली। या जो है वैसी होने की ओर अग्रसर है। फिर भी अर्नब गोस्वामी के बारे में कहा जा रहा है (उन्होंने नहीं कहा है) कि वे चैनल शुरू करेंगे। और फिर इससे जुड़ी अटकलें। मेरी दिलचस्पी उसमें नहीं है।
टाइम्स नाऊ से अरनब गोस्वामी ने इस्तीफा दिया, खुद का चैनल लांच करेंगे
मीडिया इंडस्ट्री की एक बड़ी खबर सामने आ रही है. टाइम्स नाऊ न्यूज चैनल के चर्चित एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने संपादकीय विभाग की बैठक में अपने इस्तीफे का ऐलान किया. बताया जा रहा है कि अर्णब जल्द ही अपना न्यूज चैनल लांच करेंगे. टाइम्स नाऊ चैनल का मालिक टाइम्स आफ इंडिया अखबार समूह है जिसके मालिक विनीत जैन और समीर जैन हैं.
अरनब बोले- मुझे नहीं मिली कोई सुरक्षा और न ही सुरक्षा पाने के लिए इच्छुक हूं
वाई श्रेणी सुरक्षा मिलने की खबर का टाइम्स नाउ के प्रधान संपादक अरनब गोस्वामी ने खंडन किया है. उन्होंने कहा- मैं ऐसी खबरों को पढ़ सुन कर हैरान हूं. यह बेतुकी और हास्यास्पद खबर है कि मैं वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी और 20 सुरक्षा गार्ड के साथ चलूंगा. मैं सच में हैरान हूं. मैंने न तो कोई सुरक्षा मांगी है और न ही सरकार ने दी है.
अरनब गोस्वामी ने लाइव शो से पूर्व एसीपी शमशेर पठान को बाहर निकाल दिया
पूर्व एसीपी शमशेर पठान को टाइम्स नाउ के लाइव शो न्यूजआवर से अरनब गोस्वामी ने बाहर निकाल दिया. पैनलिस्ट शमशेर पठान ने कुछ ऐसा कह दिया कि जिससे लाइव शो के दौरान टीवी एंकर अरनब गोस्वामी उखड़ गए और उन्हें गेट आउट कह दिया. अरनब गोस्वामी ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर डिबेट कर रहे थे. अरनब ने शमशेर की राय जाननी चाही तो उन्होंने अपने तर्क में महिला गेस्ट की खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी. पठना ने शो में मौजूद पैनलिस्ट शाजिया इल्मी और एक अन्य महिला को कुछ ऐसा कह दिया जो अरनब को पसंद नहीं आया.
लाखों सेलरी पाने वाले भक्त संपादकों अरनब-सुधीर को Y कैटगरी देने पर मोदी की लानत-मलानत
Markandey Katju :Why should Arnab Goswamy be provided Govt. security, and that too of the Y category, which means 20 guards will be with him day and night. Who will pay the salaries of these guards? It will be the government, which really means the public, because these salaries come from the taxes we pay. So we will have to pay for Arnab’s security.
पीएम मोदी के Soft Interview का इनाम! अरनब गोस्वामी को Y कैटिगरी की सुरक्षा मिली
Nadim S. Akhter : अरनब गोस्वामी को “पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण” उसी दिन मिल गया था, जिस दिन उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का Soft Interview लिया था. भारत सरकार की ओर से अरनब को मिली Y कैटिगरी की सुरक्षा उसकी पहली कड़ी भर है. Soft Journalism का ये कमाल आगे कइयों के सिर चढ़कर बोलने वाला है. Soft रहके ही स्वादिष्ट SOFTY खाई जा सकती है. बस Softy पिघलने से पहले उसे गटकने का हुनर आना चाहिए. Soft Journalism तेजी से फैलती बीमारी है. पत्रकारों के अलावा सोशल मीडिया पर citizen journalists भी द्रुत गति से इसकी चपेट में आ रहे हैं.
मोदी से सटने की कोशिश क्यों कर रहे अर्नब गोस्वामी?
Mukesh Kumar : अर्नब गोस्वामी की नीयत मुझे ठीक नहीं लगती। जिस तरह से चमचागीरी वाले अंदाज़ में उन्होंने पीएम को जन्मदिन पर बधाईयाँ दीं, उससे पता चलता है कि वे मोदी से सटने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पहले मोदी का नवनीत लेपन मार्का इंटरव्यू और हर रोज़ सरकार का ढोल पीटना बताता है कि उनके इरादे पत्रकारिता से इतर कुछ और भी हैं। विनीत जैन के कहने से वे ऐसा कर रहे होंगे, ये मुझे नहीं लगता।
अर्नब गोस्वामी की working style ने टाइम्स नाऊ और टाइम्स ग्रुप को असहज कर दिया!
Nadim S. Akhter : बरखा ने जो कुछ कहा, वह अर्नब द्वारा कही गई बात का जवाब भर था और मैं व्यक्तिगत रूप से बरखा से सहमत हूं कि कोई शिखर पर बैठा पत्रकार यानी अर्नब ये कैसे कह सकता है कि कश्मीर पर उनसे अलग राय रखने वाले पत्रकारों का ट्रायल हो और उन्हें सजा मिले! यानी टाइम्स ग्रुप से जुड़ा एक बड़ा पत्रकार दूसरे पत्रकारों और मूलरूप से मीडिया की आजादी पर हमला करने की हिमायत और हिमाकत आखिर कर कैसे सकता है? सो चुप्पी तोड़नी जरूरी थी और बरखा ने चुप्पी तोड़कर सही किया. वरना अर्नब और बेलगाम हो जाते.
ओम थानवी ने टाइम्स नाऊ वालों के बुलाने पर भी डिबेट में न जाने के कारणों का किया खुलासा
Om Thanvi : पिछले कुछ हफ़्तों से टाइम्ज़ नाउ से फ़ोन आता है कि अर्णब गोस्वामी के ‘न्यूज़ आवर’ में शिरकत करूँ। पर मेरा मन नहीं करता। एक दफ़ा समन्वयक ने कहा कि आप हिंदी में बोल सकते हैं, अर्णब हिंदी भी अच्छी जानते हैं आपको पता है। मुझे कहना पड़ा कि उनकी हिंदी से मेरी अंगरेज़ी बेहतर है। फिर क्यों नहीं जाता? आज इसकी वजह बताता हूँ। दरअसल, मुझे लगता है अर्णब ने सम्वाद को, सम्वाद में मानवीय गरिमा, शिष्टता और पारस्परिक सम्मान को चौपट करने में भारी योगदान किया है।
बरखा दत्त ने अरनब गोस्वामी के लिए कहा- ”क्या यह आदमी पत्रकार है? शर्मिंदा हूं”
एनडीटीवी 24×7 की सलाहकार संपादक बरखा दत्त ने टाइम्स नाऊ के प्रमुख संपादक अरनब गोस्वामी के लिए एक ट्वीट में लिखा, ‘‘टाइम्स नाऊ मीडिया के दमन की बात करता है, वो जर्नलिस्ट्स पर मामला चलाने और उन्हें सजा दिलाने की बात करता है, क्या यह शख्स जर्नलिस्ट है? उस शख्स की तरह ही इस इंडस्ट्री का हिस्सा होने के लिए शर्मिंदा हूं.’’
मोदी के इंटरव्यू में अर्णब गोस्वामी खुद एक्सपोज हो गए, सोशल मीडिया पर हो रही थू थू
Mukesh Kumar : बहुत बेरहम मीडियम है टीवी। आप कभी किसी को एक्सपोज़ कर रहे होते हैं तो कभी खुद भी एक्सपोज़ हो रहे होते हैं। राहुल गाँधी को आपने एक्सपोज़ किया मगर मोदी को इंटरव्यू करते हुए खुद देश के सामने। प्रधानमंत्री का पहला इंटरव्यू लेते समय न्यूज़ ऑवर के आक्रामक, दूसरों की बोलती बंद कर देने वाले या दूसरों को बोलने ही न देने वाले, बड़बोले, तर्कों और रिसर्च से लैस अर्नब गोस्वामी को क्या हो गया था? वे इतने नरम क्यों थे, बार-बार नवनीत लेपन क्यों कर रहे थे? क्या उन्होंने ये इंटरव्यू कुछ शर्तों के साथ किया? क्या प्रश्न पहले से तय थे? क्या ये पीआर एक्सरसाइज थी? और हाँ, इतना बड़ा चैनल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू करे और तकनीकी स्तर पर इतनी बड़ी चूक करे अच्छा नहीं लगता। ऑडियो बहुत खराब था भाई।
मोदी का टाइम्स नाऊ पर इंटरव्यू : अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे
Nadim S. Akhter : किसी भी समाचार संस्थान और पत्रकार की प्रतिष्ठा बनने व जनता में उसका विश्वास जमने में काफी लम्बा वक्त लगता है. ये चीजें आते-आते आती हैं. लेकिन प्रतिष्ठा गंवाने और विश्वास खोने में मिनट भी नहीं लगते. कल Times Group के चैनल Times Now पर अर्नब गोस्वानी द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी का लिया गया इंटरव्यू Modern Television Era में एक केस स्टडी साबित होने वाला है. आरोपों के अनुसार, अगर यह प्रायोजित इंटरव्यू था भी तो भी अर्नब गोस्वामी एक सुलझे हुए पत्रकार की तरह कम से कम बिहेव तो कर सकते थे !!! वो तो मोदी जी से ऐसे बात कर रहे थे कि जैसे मोदी जी उनकी क्लास ले रहे हों और अर्नब एक स्टूडेंट की तरह Yes Sir-Yes Sir करते जा रहे थे.
खुद अपने बारे में भी झूठी खबर देते हैं अरनब गोस्वामी! देखिए, प्रसार भारती ने कैसे दिखाया आइना
जेएनयू प्रकरण में इंडिया न्यूज, इंडिया टीवी और जी न्यूज के साथ मिलकर पूरे देश के माहौल बिगाड़ने के दोषी अरनब गोस्वामी खुद अपने चैनल के बारे में सबको झूठ ही बताते रहे हैं। प्रसार भारती ने एक ट्वीट करके मामले का खुलासा किया है। प्रसार भारती के ट्वीट के मुताबिक अरनब का 97 फीसद व्यूवरशिप का दावा पूरी तरह से खोखला है। असल में अंग्रेजी में देखे जाने वाले चैनलों में उनका कुल हिस्सा सिर्फ 37 फीसद है। टाइम्स नाऊ की जगह देश में डीडी न्यूज सबसे ज्यादा देखा जाता है जो कि कुल व्यूवरशिप का 62 फीसद है।
वेद प्रताप वैदिक बोले- अरनब गोस्वामी बहुत नीच आदमी है (देखें वीडियो)
वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार हैं. काफी सुलझे हुए पत्रकार माने जाते हैं. भाषा और विचार के स्तर पर संतुलित माने जाते हैं. लेकिन अरनब गोस्वामी को लेकर उनका गुस्सा ऐसा फूटा कि उन्होंने अरनब गोस्वामी को ना जाने क्या क्या कह दिया, वह भी पूरी मीडिया के सामने. उपर दिए गए तस्वीर पर क्लिक करिए और वीडियो देखिए.
इस साल के सबसे ताकतवर लोगों की TOP 100 की लिस्ट में पत्रकार रवीश कुमार और अरनब गोस्वामी भी शामिल
नई दिल्ली : साल 2016 के 100 सबसे ताकतवर भारतीयों की लिस्ट जारी करते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने जो सूची जारी की है उसमें पत्रकार रवीश कुमार का भी नाम शामिल है. सूची में राजनीति, खेल, सिनेमा, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से इस सूची में टॉप पर हैं. इस लिस्ट में पत्रकारों को भी शामिल किया गया है जिसमें रवीश कुमार और अरनब गोस्वामी का नाम भी मौजूद है.
टाइम्स नाऊ का लायसेंस रद्द कर अरनब गोस्वामी को जेल भेज देना चाहिए
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फर्जी वीडियो दिखाने में आगे रहने वाले न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ और इसके संपादक अरनब गोस्वामी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार ने फेसबुक पर एक संक्षिप्त पोस्ट लिखी है, जो इस प्रकार है :
अरनब गोस्वामी ने अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित किया
Abhishek Srivastava : टाइम्स नाउ के अरनब गोस्वामी आज बिहार चुनाव पर अपने शो में Rakesh Sinha को ”आरएसएस का इकलौता सोचने वाला आदमी” (RSS’s only thinking man) कह कर संबोधित कर रहे थे। अरनब शायद एबीपी न्यूज़ नहीं देखते, वरना वे इस निष्कर्ष पर पहुंचते कि संघ में एक भी आदमी सोचने वाला नहीं है। शाम को जब मुनव्वर राणा ने एबीपी के लाइव शो में साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया, तब सिन्हाजी ने खीझ में कह डाला कि इस पुरस्कार वापसी के पीछे प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच हैं। अव्वल तो उदय प्रकाश से लेकर नयनतारा सहगल और अशोक वाजपेयी लगायत तमाम लेखक इनमें से किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के पतन की पराकाष्ठा… सलमान खान पर 5 पेज बिछा दिया!
Nadim S. Akhter : TIMES NOW वाले अर्नब गोस्वामी भी कमाल है. हमेशा लाइमलाइट में रहना चाहते हैं. ये देखकर ताज्जुब हुआ कि कल रात के थकाऊ News Hour शो के बाद आज सुबह-सुबह एंकरिंग करने स्टूडियो में बैठ गए हैं. माने के Live हो गए हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट में आज सलमान खान मामले की सुनवाई होनी है, सो अर्नब पूरी फौज के साथ तैयार हैं. और एक मैं हूं कि खामोख्वाह इस इवेंट को लाइटली ले रहा था. जब अर्नब ने इतनी बड़ी तैयारी कर रखी है तो दूसरे चैनलों, खासकर हिन्दी के चैनलों ने क्या किया होगा, अंदाजा लगा रहा हूं.
तेज गति कार चलाकर फंसे अर्णब गोस्वामी! (देखें तस्वीरें)
टाइम्स नाऊ के बड़बोले एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी इन दिनों एक नए कारण से चर्चा में है. कुछ लोगों का आरोप है कि वे तेज गति से कार चला रहे थे. इसकी शिकायत पुलिस को पहुंची तो मुंबई की ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए उनकी कार उठवा ली. अर्णब को जुर्माना भरने के बाद छोड़ा गया. वहीं, कुछ अन्य लोगों का कहना है कि कार कोई दूसरा शख्स तेज गति से चला रहा था, अरनब ने तो पुलिस को सूचना देकर इस कार को पकड़वाया. ये पूरा घटनाक्रम असल में इन दो तस्वीरों के कारण चर्चा में है जिसे किसे ने मौके पर क्लिक कर लिया.
Double Standards of Arnab Goswami!
Subject : double standards of arnab goswami… see WEBLINK
Dear Editor ,
bhadas4media.com
Please check this link
http://www.timesnow.tv/ENTERTAINMENT/Team-Shamitabh-at-the-TIMES-NOW-studios/videoshow/4473502.cms
आउटलुक वालों ने टाइम्स नाऊ वाले अर्नब गोस्वामी को विलेन बना दिया…
Arnab Goswami होने का मतलब… आउटलुक वालों ने टाइम्स नाऊ वाले अर्नब गोस्वामी को विलेन बना दिया. घोषणा कर दी कि अर्णब ने भारत में टीवी न्यूज की -हत्या- कर दी. ठीक है, मान लेते हैं कि आउटलुक वाले बहुत समझदार हो गए हैं (विनोद मेहता के जाने के बाद) और मैगजीन निकालते-निकालते अब उन्हें टीवी न्यूज की भी अच्छी खासी समझ हो गई है. हो सकता है कि इसके एडिटर साब ने टीवी न्यूज इंडस्ट्री में खबरों की महत्ता-गुणवत्ता पर कोई पीएचडी भी लिख डाली हो और कोई बड़ा सर्वे भी कराया हो (शायद सपने में).
रजनीकांत, आलोक नाथ और आलिया भट्ट के बाद अब अरनब गोस्वामी की बारी
होली के मौके पर टाइम्स नाऊ के एंकर अरनब गोस्वामी को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया और मोबाइल पर खूब वायरल हुआ. इसमें कहा गया है कि रजनीकांत, आलोक नाथ और आलिया भट्ट पर तो खूब जोक मारे गए. अब बारी अरनब गोस्वामी सीरिज शुरू करने की है. तो लीजिए पढ़िए, अरनब गोस्वामी के बारे में आजकल सोशल मीडिया के लोग क्या क्या इजहार ए खयाल करते हैं…
‘टाइम्स नाऊ’ चैनल का बॉयकाट होगा, सोशल एक्टिविस्टस की तरफ से अरनब गोस्वामी को खुला पत्र
Dear Mr Arnab Goswami,
We, the undersigned, who have on many occasions participated in the 9:00 p.m. News Hour programme on Times Now, anchored by you, wish to raise concerns about the shrinking space in this programme for reasoned debate and the manner in which it has been used to demonize people’s movements and civil liberties activists.
अंग्रेजी न्यूज चैनल का अहंकारी एंकर और केजरीवाल की जीत
Binod Ringania
पिछले सप्ताह राष्ट्रीय विमर्श में जिस शब्द का सबसे अधिक उपयोग किया गया वह था अहंकार। दिल्ली में बीजेपी की हार के बाद लोगों ने एक स्वर में कहना शुरू कर दिया कि यह हार अहंकार की वजह से हुई है। इन दिनों तरह-तरह का मीडिया बाजार में आ गया है। एक तरफ से कोई आवाज निकालता है तो सब उसकी नकल करने लगते हैं। और एक-दो दिन में ही किसी विचार को बिना पूरी जांच के स्वीकार कर लिया जाता है। इस तरह दिल्ली में हार की वजह को बीजेपी का अहंकार मान लिया गया। कल को किसी राज्य में बीजेपी फिर से जीत गई तो ये लोग उसका विश्लेषण कैसे करेंगे पता नहीं।
अर्नब गोस्वामी पत्रकारिता छोड़ने का फैसला कर चुके थे, मुंबई ने उन्हें रोक लिया!
Nadim S. Akhter : Times Now वाले अर्नब गोस्वामी को मैं पसंद करता हूं. आप उन्हें अच्छा कहें या बुरा कहें या जो कहें, मुझे लगता है कि तमाम सीमाओं के बावजूद (एक बार फिर दोहरा रहा हूं, बाजार और सियासत की तमाम सीमाओं के बावजूद) वो अपना काम शिद्दत से कर रहे हैं. हां, अफसोस तब होता है जब रवीश कुमार के अलावा हिंदी चैनलों में मुझे अर्नब जैसा passionate एक भी पत्रकार नहीं दिखता.