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स्वीडन में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कांफ्रेंस में जाएंगे ‘दलित दस्तक’ के संपादक अशोक दास

यूरोपीय देश स्वीडन में चार दिनों का ग्लोबल इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म कांफ्रेंस होने जा रहा है। यह कांफ्रेंस 19-22 सितंबर तक स्वीडन के ऐतिहासिक गोथनबर्ग शहर में होगा। इस कांफ्रेंस में 110 देशों के 2000 पत्रकारों के शामिल होने वाले हैं। इस कांफ्रेंस में भारत से छह पत्रकारों को फेलोशिप मिली है, जिसमें ‘दलित दस्तक’ के फाउंडर और संपादक अशोक दास भी शामिल हैं।

कांफ्रेंस के दौरान चार दिनों में लगभग 200 वर्कशॉप, एक्सपर्ट पैनल्स, नेटवर्किंग सेशन और स्पेशल इवेंट होंगे। इस कांफ्रेंस में दुनिया के दिग्गज पत्रकार (Speakers) हिस्सा लेंगे जो तमाम विषयों पर कांफ्रेंस में हिस्सा लेने वाले पत्रकारों को अलग-अलग विषयों पर संबोधित करेंगे।

लगातार चार दिनों तक होने वाले इस कांफ्रेंस में हाल के दिनों में चर्चा में आए AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की पत्रकारिता की अलग-अलग विधाओं सहित न्यूज रूम में होने वाले परिवर्तन को लेकर भी सेशन होंगे। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र से संबंधित खोजी पत्रकारिता, डिजिटल पत्रकारिता, खोजी पत्रकारिता में रिसर्च का महत्व, पत्रकारिता में नई टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव, डाटा ड्राइवेन जर्नलिज्म, पर्यावरण पत्रकारिता और मोबाइल पत्रकारिता जैसे तमाम विषयों पर इसमें महारत रखने वाले दिग्गज पत्रकार और विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को ‘ग्लोबल शाइनिंग लाइट अवार्ड’ से सम्मानित भी किया जाएगा।

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बता दें कि इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में भारत के मूल निवासियों (Indigenous) दलित और आदिवासी समाज के मुद्दों पर केंद्रित मीडिया संस्थान दलित दस्तक के फाउंडर और संपादक अशोक दास को भी फेलोशिप मिली है। अशोक दास ने साल 2012 में दलित दस्तक की शुरुआत की थी। मासिक पत्रिका के रूप में शुरू हुए दलित दस्तक का वर्तमान में वेबसाइट और यूट्यूब चैनल (एक मिलियन सब्सक्राइबर) भी है। अशोक 18-25 सितंबर तक स्वीडन में रहेंगे।

स्वीडन की यह यात्रा अशोक दास की तीसरी विदेश यात्रा है। अशोक इसी साल अप्रैल महीने में कनाडा में एक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस (Dr. Ambedkar International Symposium on Emancipation) में भी शामिल हो चुके हैं। तो फरवरी 2020 में अशोक दास हार्वर्ड युनिवर्सिटी अमेरिका में आयोजित हार्वर्ड इंडिया कांफ्रेंस में भी शामिल हुए थे। उन्होंने वहां कॉस्ट एंड मीडिया पर अपनी बात रखी थी।

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जहां तक ग्लोबल इन्वेस्टीगेशन जर्नलिज्म कांफ्रेंस की बात है तो यह कांफ्रेंस खोजी पत्रकारिता के लिए दुनिया में होने वाली सबसे बड़ी कांफ्रेंस है। यह वैश्विक (ग्लोबल) कांफ्रेंस हर दो साल बाद होता है। पहली बार इसका आयोजन साल 2001 में कोपेनहेगन (डेनमार्क) में हुआ था। तब से यह सिलसिला लगातार जारी है।

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