Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

नशा छुड़ाने के नाम पर डीएडिक्शन सेंटर वालों ने नौजवान को पीट-पीट कर मार डाला!

दीपांकर-

कितना दुखद है ये सब. एक पिता अपने बेटे की नशे की लत छुड़वाने के लिए उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजता है जहां उसे नशा छुड़ाने के नाम पर इतना पीटा जाता है कि उसकी मौत हो जाती है. पढ़ें पिता सूरज कुमार सिन्हा की पीड़ा…

Advertisement. Scroll to continue reading.

सूरज कुमार सिन्हा-

इलाज के नाम पर हमारे आयुष को पीट-पीटकर मार दिया गया

वह नादान था, बावला था , अपने मम्मा को बहुत प्यार करता था !अपने छोटे भाई पर जान न्योछावर करता था! मुझसे पॉप पॉप कर ही बात करता था ! न जाने कहां से उसे गांजा पीना, सिगरेट पीना अच्छा लगने लगा था. हम उसे देखकर गुस्सा होते थे ,असहाय महसूस करने लगे थे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

हमें लगा कि पटना में चलने वाला डीएडिक्शन सेंटर हमारे आयुष को सुधार देगा. जैसा हम नहीं कर पा रहे हैं. 21 दिसंबर को उसे फुलवारीशरीफ मौर्या कॉलोनी के मानस हॉस्पिटल में ले गए थे. जिसके संचालक डॉ संतोष कुमार एनएमसीएच में सरकारी डॉक्टर है.

हमें क्या पता था कि सुधारने के लिए ले जाया जा रहा आयुष वापस लौटकर नहीं आएगा . ऐसा महसूस भी होता तो घर पर ही रहते ..उसकी शैतानियां को चुपचाप झेलते और कभी ना कभी तो वह मेरी बात को मानता ही !!मुझसे प्यार जो करता था. मुझे दो बार वहां जाने के बाद भी उससे मिलने नहीं दिया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अंततोगत्वा , नए साल पर 4 जनवरी को मैं गया और उससे मिला तो उसने कहा कि पापा सुजीत नाम का स्टाफ मुझे 29 दिसंबर को बहुत पीटा है .जबड़े में बहुत दर्द था पेट में बहुत दर्द था .2 दिनों तक मैं खाना नहीं खा सका .आप ले चलिए .मैं कुछ भी नहीं करूंगा .मैंने स्टाफ को समझाया.. डॉक्टर से बात की.. लेकिन उससे कहा कि बेटा अब आपके साथ ऐसा नहीं होगा .आप प्लीज कुछ दिन और वेट करो बेटा.

फिर से 8 जनवरी को उससे मिलने गया .वह नॉर्मल दिख रहा था .मैं खुश था . मैंने कहा कि 14 तारीख को आपको आकर ले जाऊंगा . कल 12 .01.23 तकरीबन 4:00 बजे शाम को डॉक्टर संतोष मुझे फोन करके सूचित करते हैं कि आपका बेटा काफी वोमिटिंग किया है उसका pulse और BP नहीं मिल रहा है .क्या मैं उसे पारस में एडमिट करवा दूं? यह सुनकर मैं सन्न रह गया .उनसे पूछा इतना सीरियस कैसे हो गया ? हमारा आयुष!! आप लोगों ने क्या किया उसके साथ डॉक्टर ने कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है . हमने कुछ भी तो नहीं किया है . मैंने कहा आप तुरंत उसे पटना एम्स लेकर जाइए, हम लोग वहीं पहुंचते हैं .

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे रास्ते , डॉक्टर का फोन आता रहा कि हम कहां तक पहुंचे ..कहां तक पहुंचे ? उसे वेंटिलेटर पर डाल दिया गया था. सीपीआर के बाद भी वह रिवाइव नहीं कर पा रहा था. अब पता चलता है कि मरा हुआ जो लाया गया था एम्स में. वहां के डॉक्टरों ने कहा कि आप हिम्मत से काम लीजिए.. बहुत देर हो चुकी है. औपचारिकताएं बाकी है .

क्या आप पोस्टमार्टम कराना चाहेंगे ?मेरा जवाब था , बाप होने के साथ एक तार्किक व्यक्ति भी हूं. जरूर जानना चाहूंगा कि हमारे बेटे के बेटे की मौत का क्या कारण है. प्लीज एक बार मोर्चरी में जाने से पहले देख लेने दीजिए. देखने जाता हूं उसके शरीर पर जख्मों के निशान देखता हूं. मारपीट के निशान देखता हूं .फोटो लिया है दिल दहलाने वाली तस्वीरें ….कल्पना नहीं कर पा रहा हूं कि मेरे बेटे को कितना दर्द होगा.. उसे मार कर मौत की नींद सुला दिया गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

डीएडिक्शन में इलाज के नाम पर सिर्फ यातनाएं , मासूम की पिटाई और माता – पिता , भाई को हमेशा के लिए दे दिए गए हैं ना भरने वाले .. आयुष नहीं रहा . उसकी आत्मा कह रही है और आप इन्हें मत छोड़ना .यह गंदे लोग हैं .एफ आई आर करवाई है ..आगे बढूंगा..

अब मेरा जीवन उसकी आत्मा को न्याय दिलाने के लिए ही समर्पित है.. अपेक्षा करता हूं एक पिता की वेदना को समझेंगे और मेरे साथ हो सके तो खड़े रहिएगा .अपने करियर में गंदे शर्ट कमीज पहने गरीबों को न्याय के लिए लड़ते देखा है और जीतते हुए देखा है. मैं तो बहुत धनी हूं.. क्योंकि आप लोगों का साथ है. मैं भी जीतूंगा.. आयुष की आत्मा जीतेगी.


नागमणि पांडेय- बहुत ही दुःखद घटना है एक प्रशासनिक अधिकारी के बेटे के साथ यह हाल हुआ है तो आम इंसान के साथ क्या होता होगा ? इसके लिए मुख्यमंत्री Nitish Kumar जी को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने की जरूरत है ।इसके साथ ही पत्रकारों को भी इस विषय को गंभीरता से उठाने की जरूरत है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अश्विनी कुमार श्रीवास्तव- भारत में नशा मुक्ति केंद्रों का हाल बहुत बुरा होता जा रहा है। नशा छुड़ाने के नाम पर मोटा पैसा बटोरने के अलावा भर्ती मरीजों को बुरी तरह मारने- पीट कर हत्या तक किए जाने की खबरें बढ़ती जा रही हैं।

अश्विनी शर्मा- BHU के साथी और बिहार में प्रशासनिक आधिकारी Suraj Kumar Sinha की वेदना असहनीय है। जिस निर्ममता के साथ उनके बेटे की नशा मुक्ति केंद्र में जान ली गईं है वो नशा छुड़ाने के नाम पर होने वाली बर्बरता की कहानी बयान कर रहा है। सदा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहने वाले सूरज भाई आज बेटे के लिए इंसाफ़ मांग रहे हैं। सूरज भाई आपके बेटे को वापस तो नहीं लाया जा सकता है लेकिन अपराधियों को सजा दिलाने के लिए आपके शुभचिंतक कटिबद्ध हैं। हम किसी भी हद तक लड़ेंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement