यूपी के जनपद बस्ती में महिला नायब तहसीलदार से दुष्कर्म व मारपीट के मामले का राजस्व परिषद ने संज्ञान लिया है. मामले में बस्ती जिला प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई है. इस हाईप्रोफाइल हुए मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्व परिषद ने लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब को जांच सौंपी है. बता दें कि रोशन जैकब बस्ती की DM रह चुकी हैं और यहां की कार्य प्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ भी हैं.
25 हजार रूपये का इनामिया फरार आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के बारे में ताजा जानकारी ये है कि बस्ती पुलिस ने आरोपी के घर नोटिस चस्पा कर दी है.
आरोपी तहसीलदार का भाई आरसी शुक्ल नोएडा से संचालित होने वाले वाले बड़े न्यूज चैनल ‘आजतक’ में एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर की पोजीशन पर तैनात है. इसके भी दबाव का कहीं ना कहीं अंदाजा लगाया जा रहा है.
इधर महिला नायब तहसीलदार मामले में बस्ती जिला प्रशासन की तरफ से जिस तरह आरोपी घनश्याम शुक्ला को बचाने का प्रयास किया गया, वह अधिकारियों की मंशा की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. बस्ती जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की भी मामले में छवि धूमिल हुई है. सूत्रों की मानें तो बस्ती जिला प्रशासन की तरफ से राजस्व परिषद को भेजी गई रिपोर्ट में पीड़िता अधिकारी के चरित्र पर ही सवाल खड़े किए गए थे.
मामले के तूल पकड़ने के बाद बैकफुट पर आई बस्ती पुलिस ने आनन-फानन में महिला तहसीलदार का मेडिकल कराने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया. बस्ती पुलिस ने आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला के खिलाफ 376, 452, 323, 504, 354, 307 और 511 जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, इससे पहले बस्ती पुलिस न सिर्फ मामले को दर्ज करने में हीलाहवाली करती दिखी, बल्कि मामला दर्ज होने के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार करने से भी बचती रही.
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती दीपेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि, ‘फरार चल रहे नायब तहसीलदार के ऊपर 25000 रुपए का इनाम घोषित कर दिया है. जल्द ही हम लोग नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी कर लेंगे. नायब तहसीलदार को गिरफ्तार करने के लिए बस्ती जिले से 6 टीम में लगाई गई है.
क्या है पूरा मामला?
फरार नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला पर आरोप है कि, उन्होंने 11-12 नवंबर की रात बगल के आवास में रह रही महिला नायब तहसीलदार के आवास में जबरन घुसकर मारपीट और बलात्कार का प्रयास किया था. महिला अफसर ने कोतवाली थाना में आरोपी के खिलाफ 17 नवंबर को हत्या का प्रयास, रेप सहित अन्य आरोपों के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. जिसपर बस्ती पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था. आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर भाजपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बस्ती पुलिस और जिला प्रशासन पर आरोप लगाया था कि, आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को प्रशासन बचाने में लगा हुआ है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मामले में भाजपा सरकार को घेरा था.
सुनें पीड़िता को…