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शोभना भरतिया की धोखाधड़ी जायज बताने के लिए राजीव वर्मा ने ‘प्रोजेक्ट बटरफ्लाई’ के नाम पर कर्मियों का किया ब्रेन वॉश

मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से अच्छी खासी सेलरी न देनी पड़े, कम पैसे में मीडियाकर्मियों का शोषण जारी रहे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मनमर्जी-मनमानी चलाई जा सके, इस उद्देश्य से अंग्रेजी और हिंदी अखबारों हिदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान की मालकिन शोभना भरतिया ने अपने अखबारों के मीडियाकर्मियों को रातोंरात इंटरनेट कंपनी का इंप्लाई बना दिया और जबरन साइन करने के लिए मजबूर किया गया. मरता क्या न करता की तर्ज पर सभी ने साइन तो कर दिए लेकिन हर एक मीडियाकर्मी के दिल में यह सवाल उठने लगा कि आखिर हमारी मालकिन इतनी चीटर, फ्रॉड और बेशर्म क्यों है… आखिर हमारे संपादक इतने बेजुबान क्यों हैं… आखिर हमारे देश में कानून और न्याय की इज्जत क्यों नहीं है?

ऐसे सवालों से दो-चार हो रहे हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स के मीडियाकर्मियों को पिछले दिनों एक आंतरिक मेल मिला. यह मेल सीईओ राजीव वर्मा की तरफ से भेजा गया. मेल हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में था ताकि हर एक का ब्रेन वाश ठीक से किया जा सके. पूरी मेल में कहीं भी मजीठिया वेज बोर्ड का हवाला नहीं था. कहीं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर जिक्र नहीं था, कहीं भी कर्मियों से जबरन नई कंपनी में शिफ्ट कराए जाने के लिए कराए गए हस्ताक्षर को लेकर उल्लेख नहीं था. बस, सुहाने सपने दिखाए गए, प्रोजेक्ट बटरफ्लाई का हवाला दिया गया और सबको बातों में उलझाने की कोशिश की गई है. नीचे राजीव वर्मा के हिंदी अंग्रेजी के मेल के पहले वो दस्तावेज दे रहे हैं जिसके जरिए एचटी व हिंदुस्तान के मैनेजमेंट ने अपने कर्मियों को नए टर्म कंडीशन के पेपर पर साइन कराकर रातोंरात नई कंपनी में ट्रांसफर कर डाला ताकि मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी देने की स्थिति ही न आए.

-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से अच्छी खासी सेलरी न देनी पड़े, कम पैसे में मीडियाकर्मियों का शोषण जारी रहे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मनमर्जी-मनमानी चलाई जा सके, इस उद्देश्य से अंग्रेजी और हिंदी अखबारों हिदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान की मालकिन शोभना भरतिया ने अपने अखबारों के मीडियाकर्मियों को रातोंरात इंटरनेट कंपनी का इंप्लाई बना दिया और जबरन साइन करने के लिए मजबूर किया गया. मरता क्या न करता की तर्ज पर सभी ने साइन तो कर दिए लेकिन हर एक मीडियाकर्मी के दिल में यह सवाल उठने लगा कि आखिर हमारी मालकिन इतनी चीटर, फ्रॉड और बेशर्म क्यों है… आखिर हमारे संपादक इतने बेजुबान क्यों हैं… आखिर हमारे देश में कानून और न्याय की इज्जत क्यों नहीं है?

ऐसे सवालों से दो-चार हो रहे हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स के मीडियाकर्मियों को पिछले दिनों एक आंतरिक मेल मिला. यह मेल सीईओ राजीव वर्मा की तरफ से भेजा गया. मेल हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में था ताकि हर एक का ब्रेन वाश ठीक से किया जा सके. पूरी मेल में कहीं भी मजीठिया वेज बोर्ड का हवाला नहीं था. कहीं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर जिक्र नहीं था, कहीं भी कर्मियों से जबरन नई कंपनी में शिफ्ट कराए जाने के लिए कराए गए हस्ताक्षर को लेकर उल्लेख नहीं था. बस, सुहाने सपने दिखाए गए, प्रोजेक्ट बटरफ्लाई का हवाला दिया गया और सबको बातों में उलझाने की कोशिश की गई है. नीचे राजीव वर्मा के हिंदी अंग्रेजी के मेल के पहले वो दस्तावेज दे रहे हैं जिसके जरिए एचटी व हिंदुस्तान के मैनेजमेंट ने अपने कर्मियों को नए टर्म कंडीशन के पेपर पर साइन कराकर रातोंरात नई कंपनी में ट्रांसफर कर डाला ताकि मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी देने की स्थिति ही न आए.

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-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

प्रोजेक्ट बटरफ्लाई

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People Communication

प्रिय साथियों

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साल 2015 एचटी मीडिया के लिए बहुत अहम है और मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऐसा क्यों है। हम आए दिन सुनते हैं कि मीडिया जगत तेजी से बदल रहा है। स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन की संख्या पूरे भारत में बढ़ रही है। सोशल मीडिया वेबसाइट और तेजी से उभरते ऑनलाइन ब्रांड खबरों केपारंपरिक स्रोतों की जगह ले रहे हैं। पाठक खबरें पढ़ने और सूचनाएं साझा करने के लिए नए मंच कीओर रुख कर रहे हैं।
 
कई प्रकाशन कंपनियां इन बदलावों को लेकर चिंतित हैं। वे इन्हें सालों से चले आ रहे काम के तौर-तरीकों और आय के स्त्रोतों के लिए खतरा मान रही हैं। लेकिन एचटी मीडिया में हम इन बदलावों कोखतरे नहीं, मौके के तौर पर देख रहे हैं। आसपास हो रहे बदलावों को समझते हुए और उनके हिसाब सेढलते हुए हमने खबर, मनोरंजन व शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत कारोबार खड़ा किया है। आने वाले दिनों मेंमीडिया जगत में संभावित अन्य बड़े बदलावों को देखते हुए हमने न्यूज तंत्र में बेहद अहम औरमहत्वाकांक्षी परिवर्तन लाने की भी पहल की है। इसके तहत डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म, पाठकों कीपसंद, खबरों के बदलते अंदाज और आय के स्रोत को हमारे काम में शामिल किया जाएगा। हम अपनेपाठकों को हर उस मंच पर न्यूज सामग्री उपलब्ध कराएंगे, जो उनके लिए मायने रखती है।
 
इस दिशा में ‘प्रोजेक्ट बटरफ्लाई’ के रूप में हमने पहला कदम बढ़ा दिया है। जैसा कि आप में से कईलोग जानते हैं कि यह प्रोजेक्ट ‘न्यूजरूम’ पर केंद्रित है। इसका मकसद एचटी हाउस की पहली मंजिलका पुनर्निमाण है, जिससे हमारी तीनों संपादकीय टीमें (हिन्दुस्तान टाइम्स, मिंट और हिन्दुस्तान)एक छत के नीचे आ जाएंगी। उन्हें बेहतर तकनीकी सेवाओं और वीडियो सुविधाओं के अलावाकामकाज का ज्यादा मुखर व पारदर्शी माहौल भी मिलेगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह न्यूजरूमअपनी तरह का सबसे आधुनिक और सुविधाजनक न्यूजरूम होगा। इससे उन बदलावों को गतिमिलेगी, जिनके लिए हम पिछले एक दशक से प्रयासरत हैं।
 
‘प्रोजेक्ट बटरफ्लाई’ के तहत हम एचटी मीडिया को इटली के आईडॉस मीडिया की ओर से विकसितमजबूत कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम ‘मेथॉड’ में ढालने जा रहे हैं। हम अपनी तीनों संपादकीय टीमों (हिन्दुस्तान टाइम्स, हिन्दुस्तान और मिंट) के डिजिटल ढांचे को नया कलेवर देने जा रहे हैं। हम जोबदलाव कर रहे हैं, उससे हमारी प्रिंट और ऑनलाइन टीमें समग्र रूप से काम कर सकेंगी। इससे हमेंरियल टाइम में खबरें मुहैया कराने की पाठकों की बढ़ती मांग पर खरा उतरने में मदद मिलेगी।
 
नए सिस्टम का प्रभावशाली इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए एचटी मीडिया अपनी कार्य प्रणाली मेंमूलभूत बदलाव करेगा। इसके लिए एक ओर जहां नए पद गठित किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफपुराने पदों के लिए नई जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं। सभी बदलावों को अमल में लाने के लिएव्यापक ट्रेनिंग कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।
 
एक मजबूत और प्रभावशाली न्यूज सिस्टम से न सिर्फ हमारी वेबसाइट और तेजी से उभरते मोबाइलउत्पादों के प्रदर्शन में सुधार आएगा, बल्कि पाठक संख्या व आय में इजाफे के नए मौके भी मिलेंगे।साथ ही डिजिटल उपभोक्ताओं की पसंद-नापसंद को देखते हुए हमें अपने प्रिंट संस्करणों के कंटेंट औरडिजाइन को बेहतर बनाने में भी आसानी होगी।
 
यकीनन, हम सब जानते हैं कि तितलियों के जीवन की शुरुआत छोटे से कैटरपिलर के संघर्ष से होतीहै। यह प्रोजेक्ट भी पूरे संस्थान के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा, क्योंकि इसके तहत हम अतीत केसर्वश्रेष्ठ और भविष्य की नई संभावनों को संजोने का प्रयास करेंगे। लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि हमइसके नतीजों पर बेहद गौरवांवित महसूस करेंगे।
 
मैं एचटी मीडिया को ज्यादा आकर्षक, प्रासंगिक और समृद्ध बनाने के इस सफर से जुड़ने के लिए आपसभी का आह्वान करता हूं। समय के साथ तकनीक, मंच, चैनल, पाठक और हमारे प्रतिद्वंद्वी बदलसकते हैं। लेकिन हमारे पांच मूल्य-मंत्र : साहस, सतत सुधार, जनप्रतिबद्धता, जिम्मेदारी और सशक्तिकरण कभी नहीं बदलेंगे। इन्हीं मूल्यों के साथ हम रोज हमारे पाठकों को सर्वश्रेष्ठ सामग्री देनेऔर कुछ नया परोसने के इरादे से काम पर आते हैं। यह एक जुनून है, जो कभी नहीं बदलेगा।
 
आइए, तेजी से डिजिटल होती दुनिया ने हमें जो मौके दिए हैं, उन्हें अपनाकर 2015 को एचटी मीडियाके लिए बदलाव का साल बनाएं।
 
शुभकामनाओं के साथ
 
राजीव वर्मा​

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Project Butterfly

People Communication

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Dear Colleagues,

2015 is a very big year for HT Media, and I want to tell you why. We all hear the drumbeat, louder and louder each day: the world of media is changing. Smartphones and data connections are proliferating across India; social media platforms and upstart brands are displacing storied mastheads; audiences are demanding radically different ways of interacting with news and information. Many publishers are deeply anxious about these changes, seeing them as a threat to long established ways of working, and to revenue streams that they view as theirs by right.
 
At HT Media, we are looking at these changes as an opportunity, rather than a threat. We have already built strong news, entertainment and education businesses by understanding and adapting to the shifting landscape around us. As a more profound set of changes confronts, we plan to do the same — starting with an ambitious and aggressive transformation of our news operations to put digital platforms, audience habits, content and revenue at the heart of everything we do. We will serve our audience on every platform that matters to them.
 
The first major step is already underway, in the form of Project Butterfly. As many of you are aware, this is a project focused on the newsroom. Its outward expression is the renovation of the first floor at HT House, which will now become the integrated hub of our editorial operations — with Hindustan Times, Mint, and Hindustan sharing one space, with state-of-the-art networks and video facilities, and with a much more transparent, open working environment. We expect it to be the finest facility of its kind in the region, and that it will catalyse the changes we have been seeking for almost a decade.
 
To that end, we are moving Hindustan Times onto a powerful content management system built by Milan, Italy-based Eidos Media – Methode. We are overhauling our digital infrastructure across all news operations – Hindustan Times, Hindustan and Mint. The capabilities we are building will enable us to adopt a fully integrated print and digital approach to our work, instead of keeping our legacy and online teams separate. This approach will prepare us properly to face the accelerated demands of real-time news consumption.
 
And to make sure the technology is effectively used, HT will be undertaking a fundamental realignment of its working practices. New roles are being created, old ones are being redesigned and a massive training programme is being put in place to support these changes.
 
A stronger, more efficient news operation won’t just boost the performance of our website and fast-improving mobile products – although those are very important goals.  It will enable us to take advantage of emerging opportunities to grow revenue and deepen our relationship with the audiences that matter most to us. It will also underpin a more rigorously designed and managed print portfolio, with content that is more dynamic and more responsive to the insights that we are able to gather by understanding the behaviour of our digital audiences.
 
Of course, as everyone knows, butterflies begin life as caterpillars.
 
This project will challenge the whole organisation deeply, as we seek to preserve the best of the past and embrace the possibilities of the future, but I am confident that we will all be proud of the results. I am counting on each one of you to join me in the journey, and the creation of a more vibrant, relevant, prosperous HT Media.
 
Technology, platforms, channels, people and our competitors may change with time, as they must. However, what will not change are our enduring values of courage, continuous self renewal, people centricity, responsibility and empowerment. With these enduring values we come to work each day to help our audience and try and make a difference. This is one quest that will never change.
 
Let’s make 2015 a year of transformation of our enterprise by embracing the opportunities brought to us by a fast-digitalising world.
 
With Best Wishes
 
Rajiv Verma  

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0 Comments

  1. HT staffer

    April 27, 2015 at 1:33 pm

    एचटी के प्रोजेक्ट बटरफ्लाई को लेकर हिन्दी और अंग्रेजी में राजीव वर्मा द्वारा जारी ईमेल को पढ़ने के बाद इतना ही कहा जा सकता है कि यदि कम्पनी सारे कर्मचारियों को मजीठिया देती है, तो यह स्वागत योग्य है, अन्यथा यह ईमेल कर्मचारियों के आक्रोश को शान्त करने और उन्हें वेबकूफ़ बनाने के लिए भेजा गया है, ठीक उसी तरह जैसे नेता लच्छेदार भाषा में जनता को मूर्ख बनाते रहते हैं.

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