शोभना भरतिया के हिन्दुस्तान अखबार में करोड़ों रुपये का पीएफ घोटाला!

प्रधानमंत्री व केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त करा रहे हैं पूरे मामले की जांच, मजीठिया क्रांतिकारी निर्मल कान्त शुक्ला ने की साक्ष्यों सहित पीएम, श्रम मंत्री, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त से शिकायत, जांच अधिकारी के नोटिस पर हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड ने दस्तावेज व रिकार्ड देने को मांगा समय

विज्ञापन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने शोभना भरतिया और बिहार सरकार को पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया

नई दिल्ली। अठारह जनवरी 2018 को बहस की निर्धारित तिथि पर पीटिशनर शोभना भरतिया और बिहार सरकार के विद्वान अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है और कोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी प्रकट की है।

हिंदुस्तान टाइम्स अखबार के प्रधान संपादक बॉबी घोष ने इस्तीफा दिया

हिंदुस्तान टाइम्स समूह से बड़ी खबर आ रही है। एचटी अखबार के प्रधान संपादक बॉबी घोष ने इस्तीफा दे दिया है। प्रबंधन ने उनका त्यागपत्र कुबूल कर लिया है। इस बात की जानकारी ग्रुप की चेयरपर्सन शोभना भरतिया ने एक आंतरिक ई-मेल के जरिए अपने सभी मीडियाकर्मियों को दी। वैसे कहा ये जा रहा है कि घोष कुछ निजी कार्यों की वजह से न्यूयॉर्क वापस लौट रहे हैं। लेकिन बताया जाता है कि घोष के सत्ता विरोधी पत्रकारीय तेवर को एचटी मैनेजमेंट पचा न पाया और उन्हें अलविदा कह दिया। फिलहाल शोभना भरतिया का आंतरिक ई-मेल पढ़िए…

महाभ्रष्टाचारी अरुण मिश्रा ने हिंदुस्तान टाइम्स की मालकिन शोभना भरतिया को भेज दिया लीगल नोटिस!

उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (यूपीएसआईडीसी) के विवादित चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार को लीगल नोटिस भेज दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स में कानपुर डेटलाइन से रिपोर्टर हैदर नकवी ने एक रिपोर्ट छापी कि कैसे एक लाख रुपये महीने तनख्वाह पाने वाला एक बाबू (यानि अरुण मिश्रा) देश के शीर्षस्थ वकीलों को अपना मुकदमा लड़ने के लिए हायर करने की क्षमता रखता है. ये शीर्षस्थ वकील हैं सोली सोराबजी, हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी और अन्य.

हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर राज्यसभा में भी गूंजी

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले अखबार हिन्दुस्तान टाईम्स के रिलायंस के मुकेश अंबानी द्वारा खरीदे जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी गूंजा। हालांकि अभी तक हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर पर न तो हिन्दुस्तान टाईम्स प्रबंधन ने अपना पक्ष रख रहा है और ना ही रिलायंस की ओर से आधिकारिक बयान आया है।

हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन रिलायंस से डील को लेकर अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहा?

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान टाइम्स के मिंट और दिल्ली एडिशन के रिलायंस के मुकेश अम्बानी को बेचे जाने से सम्बंधित डील को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं. हर कोई ये जानना चाहता है कि क्या वाकई हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन और रिलायंस के बीच कोई डील हुयी है? हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन इस पर कुछ बोल नहीं रहा है और ना ही अपना पक्ष रख रहा है। ना ही इस खबर का खंडन किया जा रहा है। यानि कुछ न कुछ तो शोभना भरतिया और रिलायंस के बीच खिचड़ी पकी है।

प्रिंट मीडिया की अब तक की सबसे बड़ी डील : रिलायंस ने हजारों करोड़ रुपये में खरीदा हिंदुस्तान टाइम्स

मुकेश अंबानी होंगे एक अप्रैल से हिंदुस्तान टाइम्स के नए मालिक : शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान टाइम्स के बारे में चर्चा है कि इस अखबार को हजारों करोड़ रुपये में देश के सबसे बड़े उद्योगपति रिलायंस के मुकेश अंबानी को बेच दिया गया है। कुल डील कितने में हुई है, इसका पता नहीं चल पाया है। चर्चा है कि प्रिंट मीडिया की इस सबसे बड़ी डील के बाद शोभना भरतिया 31 मार्च को अपना मालिकाना हक रिलायंस को सौंप देंगी और एक अप्रैल 2017 से हिंदुस्तान टाइम्स रिलायंस का अखबार हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो एक अप्रैल 2017 से रिलायंस प्रिंट मीडिया पर अपना कब्जा जमाने के लिए मुफ्त में ग्राहकों को हिंदुस्तान टाइम्स बांटेगा।

यह शख्स जहां रहा वहां या तो बंटवारा हुआ, या वो अखबार तबाह होता चला गया!

Deshpal Singh Panwar : अगर ये खबर सच है कि हिंदुस्तान टाइम्स समूह को मुकेश अंबानी खरीद रहे हैं तो तय है कि अच्छे दिन (स्टाफ के लिए पीएम के वादे जैसे) आने वाले हैं। वैसे इतिहास खुद को दोहराता है… कानाफूसी के मुताबिक एक शख्स जो इस समूह के हिंदी अखबार में चोटी पर है वो जहां रहा वहां या तो बंटवारा हुआ, या वो अखबार तबाह होता चला गया।

मुंबई के बाद अब दिल्ली एचटी को भी रिलायंस को बेचे जाने की चर्चा

देश भर के मीडियामालिकों में हड़कंप, कहीं मुफ्त में ना अखबार बांटने लगे रिलायंस…

देश के सबसे बड़े उद्योगपति रिलायंस वाले मुकेश अंबानी द्वारा मुंबई में एचटी ग्रुप के अखबार मिन्ट और फ्लैगशिप हिन्दुस्तान टाईम्स खरीदने की चर्चा के बाद अब यह चर्चा भी आज तेजी से देश भर के मीडियाजगत में फैली है कि मुकेश अंबानी ने दिल्ली में भी हिन्दुस्तान टाईम्स के संस्करण को खरीद लिया है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। हिन्दुस्तान टाईम्स के दिल्ली संस्करण में कर्मचारियों के बीच आज इस बात की चर्चा तेजी से फैली कि रिलायंस प्रबंधन और हिन्दुस्तान टाईम्स प्रबंधन के बीच कोलकाता में इस खरीदारी को लेकर बातचीत हुयी जो लगभग सफल रही और जल्द ही हिन्दुस्तान टाईम्स पर रिलायंस का कब्जा होगा।

शोभना भरतिया ने एचटी ग्रुप को मुकेश अंबानी को बेचा!

मुंबई से एक बड़ी खबर आ रही है. हिंदुस्तान टाइम्स समूह को इसकी मालकिन शोभना भरतिया ने भारत के सबसे बड़े व्यापारी मुकेश अंबानी को बेच दिया है. हालांकि यह चर्चा कई दिनों से थी कि शोभना भरतिया एचटी समूह को बेच रही हैं लेकिन इस सूचना की पुष्टि नहीं हो पा रही थी. अब यह बात लगभग कनफर्म हो गई है कि मुकेश अंबानी सबसे बड़ा टीवी नेटवर्क खरीदने के बाद सबसे बड़ा प्रिंट नेटवर्क भी तैयार करने में लग गए हैं और इस कड़ी में एचटी ग्रुप को खरीद लिया है.

शोभना भरतिया ने कोई कार्यवाही न की तो हिंदुस्तान के पत्रकार ने पत्र किया सार्वजनिक, आप भी पढ़ें

मैंने एचएमवीएल की मुखिया और बिड़ला जी की उत्तराधिकारी श्रीमती शोभना भरतिया को यह रजिस्ट्री से भेजा गया पत्र और ई-मेल है। पत्र इस भरोसे से लिखा कि वह अपने प्रबंधतंत्र पर नकेल कसेंगी। लेकिन शोभना भरतिया भी अपने तंत्र के चंगुल में हैं और सभी अत्याचार और अनाचार को मौन सहमति दे रखा है। मैंने उन्हें तय समय देते हुये कहा था कि अगर उस अवधि में ठोस एक्शन नहीं हुआ तो मैं पत्र सार्वजनिक करने के लिये बाध्य होउंगा।

Rs 200 cr ADVT Scam : Supreme court will hear Shobhana Bhartia’s SLP No.1603 on 14 July 2015

New Delhi, June 25. In the globally talked Rs.200 crore Dainik Hindustan Government Advertisement Scandal, the Supreme Court of India on June 24,2015, has notified  through its website  that it is likely that the Supreme Court of India (New Delhi) will list ”the Special Leave Petition(Criminal) No-1603 of 2013 for hearing on July 14, 2015 next.

शोभना भरतिया की धोखाधड़ी जायज बताने के लिए राजीव वर्मा ने ‘प्रोजेक्ट बटरफ्लाई’ के नाम पर कर्मियों का किया ब्रेन वॉश

मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से अच्छी खासी सेलरी न देनी पड़े, कम पैसे में मीडियाकर्मियों का शोषण जारी रहे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मनमर्जी-मनमानी चलाई जा सके, इस उद्देश्य से अंग्रेजी और हिंदी अखबारों हिदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान की मालकिन शोभना भरतिया ने अपने अखबारों के मीडियाकर्मियों को रातोंरात इंटरनेट कंपनी का इंप्लाई बना दिया और जबरन साइन करने के लिए मजबूर किया गया. मरता क्या न करता की तर्ज पर सभी ने साइन तो कर दिए लेकिन हर एक मीडियाकर्मी के दिल में यह सवाल उठने लगा कि आखिर हमारी मालकिन इतनी चीटर, फ्रॉड और बेशर्म क्यों है… आखिर हमारे संपादक इतने बेजुबान क्यों हैं… आखिर हमारे देश में कानून और न्याय की इज्जत क्यों नहीं है?

ऐसे सवालों से दो-चार हो रहे हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स के मीडियाकर्मियों को पिछले दिनों एक आंतरिक मेल मिला. यह मेल सीईओ राजीव वर्मा की तरफ से भेजा गया. मेल हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में था ताकि हर एक का ब्रेन वाश ठीक से किया जा सके. पूरी मेल में कहीं भी मजीठिया वेज बोर्ड का हवाला नहीं था. कहीं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने को लेकर जिक्र नहीं था, कहीं भी कर्मियों से जबरन नई कंपनी में शिफ्ट कराए जाने के लिए कराए गए हस्ताक्षर को लेकर उल्लेख नहीं था. बस, सुहाने सपने दिखाए गए, प्रोजेक्ट बटरफ्लाई का हवाला दिया गया और सबको बातों में उलझाने की कोशिश की गई है. नीचे राजीव वर्मा के हिंदी अंग्रेजी के मेल के पहले वो दस्तावेज दे रहे हैं जिसके जरिए एचटी व हिंदुस्तान के मैनेजमेंट ने अपने कर्मियों को नए टर्म कंडीशन के पेपर पर साइन कराकर रातोंरात नई कंपनी में ट्रांसफर कर डाला ताकि मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी देने की स्थिति ही न आए.

-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

मजीठिया वेज बोर्ड संघर्ष : शोभना भरतिया और शशि शेखर को शर्म मगर नहीं आती… देखिए इनका कुकर्म…

हिंदुस्तान अखबार और हिंदुस्तान टाइम्स अखबार की मालकिन हैं शोभना भरतिया. सांसद भी हैं. बिड़ला खानदान की हैं. पैसे के प्रति इनकी भूख ऐसी है कि नियम-कानून तोड़कर और सुप्रीम कोर्ट को धता बताकर कमाने पर उतारू हैं. उनके इस काम में सहयोगी बने हैं स्वनामधन्य संपादक शशि शेखर. उनकी चुप्पी देखने लायक हैं. लंबी लंबी नैतिक बातें लिखने वाले शशि शेखर अपने घर में लगी आग पर चुप्पी क्यों साधे हैं और आंख क्यों बंद किए हुए हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए. आखिर वो कौन सी मजबूरी है जिसके कारण वह अपने संस्थान के मीडियाकर्मियों का रातोंरात पद व कंपनी जबरन बदले जाने पर शांत बने हुए हैं.