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मुख्यमंत्री तय करने में कांग्रेस बेहाल – यही बताना चाहते हैं अखबार

आज तीन महत्वपूर्ण खबरें हैं। विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में मुख्यमंत्रियों का चुनाव, संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के नतीजों के बाद संसद में क्या हुआ और हार पर भाजपा की अपनी दशा-दिशा क्या है। एक पाठक के रूप में मैं इन मामलों को विस्तार से जानना चाहूंगा। कुछ लोगों की दिलचस्पी मुकेश अंबानी की बेटी की शादी की खबरों में हो सकती है और आर्थिक पत्रकार इसमें मुकेश अनिल साथ दिखे का एंगल ढूंढ़ सकते हैं। पर एक पाठक के रूप में आपको क्या चाहिए और आपके अखबार ने क्या दिया यह आपको जानना चाहिए। कई अखबार पलटने के बाद आज मुझे ये मामले समझ में आए पर ज्यादातर अखबारों ने मुख्यमंत्री कौन बनेगा को ही लीड बनाया है। आप देखिए खबरें क्या हैं और आपके अखबार ने आपको कौन सी खबर कैसे बताई।

टाइम्स ऑफ इंडिया में मुख्यमंत्रियों के चुनाव का मामला लीड है। हालांकि खबर के शीर्षक से लगता है मध्य प्रदेश में कमलनाथ की संभावना है और राजस्थान में अशोक गहलौत आगे चल रहे हैं। अखबार का शीर्षक हिन्दी अखबारों के लायक है जो अंग्रेजी में छपा है, “मध्य प्रदेश कमल से कमल के पास जाएगा”। पहला ‘कमल’ भाजपा के चुनाव निशान कमल के फूल के लिए है और अंग्रेजी के नियमानुसार छोटे ‘के’ अक्षर से लिखा गया है और दूसरा कमल कांग्रेस नेता कमलानाथ के लिए है और अंग्रेजी के बड़े के अक्षर से लिखा गया है। इंट्रो है, राहुल ने सात लाख कार्यकर्ताओं से पूछा, “मुख्यमंत्री कौन हो”। इससे आप स्थिति समझ सकते हैं। अब देखिए अखबार क्या बता रहे हैं।

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कौन होगा मुख्यमंत्री इंडियन एक्सप्रेस में भी लीड है। छह कॉलम की खबर का शीर्षक है, कमलनाथ भोपाल के लिए चुने गए, जयपुर और रायपुर के लिए राहुल गांधी ने विधायकों की राय मांगी। इंट्रो है, जयपुर से पर्यवेक्षक लौट आए, रायपुर में विधायकों की बैठक बुधवार को देर रात होगी।

हिन्दुस्तान टाइम्स में पांच कॉलम में मुख्यमंत्रियों के चुनाव की खबर लीड है। शीर्षक है, “कांग्रेस इन हड्डल टू पिक सीएम” यानी कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के चुनाव में लग गई है। हालांकि, अंग्रेजी के ‘हडल’ शब्द का मतलब लड़ते-झगड़ते-भिड़ते-गिरते-पड़ते आपस में चर्चा करना होता है। इसमें परेशानी, संकट निपटाने जैसा भाव भी है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने आधे पन्ने का विज्ञापन होने के बावजूद संसद के शीतकालीन सत्र की खबर को पहले पन्ने पर दो कॉलम में छापा है। शीर्षक है, “रफाल पर चर्चा के लिए वोटिंग पर विपक्ष, केंद्र में सहमति नहीं”। इससे आप समझ सकते हैं कि यह पहले पन्ने पर क्यों नहीं है।

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द टेलीग्राफ हमेशा की तरह दिलचस्प है। सातकॉलम का शीर्षक राजा की नाक कटी …. और दूसरी लाइन है …. विकास का मुखौटा किसी काम का नहीं। इसके साथ दिल्ली के कॉरोनेशन पार्क में बुधवार को किंग चॉर्ज पंचम की खस्ताहाल मूर्ति की फोटो छापी है और उसका कैप्शन है – समाचार एजेंसी, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने इस तस्वीर के साथ पार्क की खस्ताहालत पर विस्तृत रिपोर्ट दी है। मकसद दिल्ली दरबार में जो स्थिति चल रही है उससे तुलना करना नहीं है, बल्कि बुधवार को इस पार्क में दिल्ली को शाही राजधानी बनाए जाने की घोषणा की 107 वीं जयंती थी। किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी का राज्याभिषेक 12 दिसंबर 1911 को इस पार्क में आयोजित भव्य दिल्ली दरबार में हुआ था जहां ब्रिटिश साम्राज्य की ओर से राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की गई थी।

अखबार ने मुख्यमंत्री के चुनाव की खबर को सिंगल कॉलम में छापा है। शीर्षक है, “राहुल कार्यकर्ताओं से पूछ रहे हैं मुख्यमंत्री कौन हो”। टेलीग्राफ की मुख्य खबर या लीड जेपी यादव की है। इसमें बताया गया है कि बुधवार को संसद में शिवसेना के सदस्यों ने जय श्री राम के नारों से प्रधानमंत्री का स्वागत किया और वे तख्तियां लिए हुए थे जिनपर लिखा था, हर हिन्दू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार। अखबार ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट का भी उल्लेख किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि आंकड़ों से पता चलता है कि भाजपा राजस्थान और मध्यप्रदेश में मामूली अंतर से हारी है।” इसका मतलब हुआ कि भाजपा के लिए इसे वापस पाना आसान है अगर ….।” उन्होंने यह भी लिखा है, विकास चुनावी जीत के लिए आवश्यक है पर पर्याप्त नहीं है। आप समझ सकते हैं कि स्वामी ने भाजपा की हार पर चुटकी ली है और अखबार ने उसकी सूचना दी है।

हिन्दी अखबारों में दैनिक भास्कर की लीड मुख्यमंत्रियों के चुनाव पर है। शीर्षक है, मुख्यमंत्री दिल्ली चुनेगी, राहुल और सोनिया अब तय करेंगे नाम। खबरों के पहले पन्ने पर आधा विज्ञापन है। अखबार ने संसद की खबर देश-विदेश की खबरों के पन्ने पर है। शीर्षक है, विपक्ष का राम मंदिर और रफाल पर हंगामा, दूसरे दिन भी नहीं चली संसद।

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नवोदय टाइम्स ने एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं फ्लैग शीर्षक से सात कॉलम की खबर छापी है। मुख्य शीर्षक है, “कांग्रेस युवाओं को लाने या न लगाने पर फंसा पेंच”। हालांकि, अखबार ने राम मंदिर, राफेल पर संसद में हंगामा शीर्षक से दो कॉलम की एक खबर पहले पेज पर लगाई है।

दैनिक जागरण में चार कॉलम की लीड है, राहुल तय करेंगे कौन बनेगा सीएम। उपशीर्षक है, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस नेता के नाम पर आज दिल्ली में लगेगी मुहर। इसके साथ एक लाइन के शीर्षक, तीन राज्यों के सीएम के नाम पर अभी संशय के तहत चार बिन्दु हैं। दूसरी खबर, का शीर्षक है, उप मुख्यमंत्री के फार्मूले पर भी विचार।

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अमर उजाला में यह खबर पांच कॉलम में लीड है। शीर्षक है, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कुर्सी पर घमासान, राहुल करेंगे फैसला। कांग्रेस विधायकों की बैठक में निर्णय, आज तय होगा – किसके सिर सजेगा ताज। हालांकि, इसके साथ सिंगल कॉलम में यह खबर भी है, राहुल का ऑडियो संदेश – आप बताएं कौन हो सीएम।

किसका राजतिलक – राजस्थान पत्रिका में पांच कॉलम में लीड है। फ्लैग शीर्षक है, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कवायद तेज। मुख्य शीर्षक है, राहुल तय करेंगे कौन होगा सीएम। इसके साथ और भी खबरें हैं। पहले पेज पर एक और खबर फोटो के साथ दिखी, “मांग : मोदी जुमलेबाज, उन्हें हटाओ”। मुख्य शीर्षक है, “लखनऊ में ‘योगी लाओ देश बचाओ’ के पोस्टर, एफआईआर”।

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नवभारत टाइम्स में भी मुख्यमंत्रियों के चुनाव की खबर है पर शीर्षक लगता है टाइम्स ऑफ इंडिया से नकल करके मौलिक हिन्दी में बनाने की कोशिश की गई है। अखबार ने शीर्षक लगाया है, “MP में ‘कमल’ की सरकार”। यह फूहड़ नकल है और अगर हिन्दी का मूल आईडिया है तो यह समझना चाहिए कि अभी घोषणा नहीं हुई है तो कमलनाथ की सरकार शीर्षक में घोषणा कैसे कर सकते है? शीर्षक से तो लग रहा है जैसे ‘कमल’ की सरकार बन गई। दूसरे, जिसका नाम कमलनाथ हो (उसे हिन्दी वाले कम से कम) कमल नहीं कह सकते। कमलनाथ दो अलग शब्द नहीं हैं, एक है। फिर भी प्रयोगधर्मिता को प्रोत्साहन देना चाहिए। हमारे यहां मुख्य काम में ही पैसे नहीं खर्चे जाते हैं तो अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) को कौन पूछे। मुफ्त का आरएंडडी ऐसा ही होगा। हालांकि इस शीर्षक ने आज मुझे विषयांतर कर दिया।

वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट। संपर्क : [email protected]

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