नमो टीवी धड़ल्ले से चल रहा है। सिर्फ मोदीजी इस पर दिखते रहते हैं। ये चैनल एक ही डीटीएच पर दो-दो जगह दिखता है। मेरे यहां टाटा स्काई है। नमो टीवी इंटरटेनमेंट कैटगरी के चैनलों के बीच में दिखता है। साथ ही न्यूज़ कैटगरी वाले न्यूज़ चैनल्स के बीच भी आता है। एक पत्रकार मित्र ने नमो टीवी को लेकर भाजपा की तरफ से जारी एक लेटर की कॉपी मुझे भेजा है।
इस लेटर की विश्वसनीयता के बारे में आप लोग भी बताइएगा। जिन पत्रकार मित्र ने भेजा है, उन पर मैं भरोसा करता हूँ क्योंकि वो लंबे समय से रिपोर्टिंग में हैं और गलत तथ्य कभी नहीं शेयर करते। ये लेटर सच है तो बेहद शर्मनाक है।
चुनाव आयोग को हाईजैक किया जा चुका है। नमो टीवी, मोदी पर फिल्म… सब कुछ बीच चुनाव धड़ल्ले से ओके कर रहा चुनाव आयोग। कठपुतलियां पूरी प्लानिंग के साथ हर जगह बिठाई जा चुकी हैं। लोकतंत्र का मजाक उड़ते देखते रहिए। ऐसे भी संदेश मिल रहे जिसमें बताया गया है कि जब अमिताभ बच्चन चुनाव लड़े थे तो उनकी फिल्में दिखाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। ऐसा इसलिए कि ये चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन था और इससे मतदाता प्रभावित हो सकते थे।
अब तो खुद पीएम नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म रिलीज हो रही है, बीच चुनाव। खुद पीएम मोदी पर बना चैनल लांच किया जा रहा है, बीच चुनाव। फ्रंटलाइन मैग्जीन ने यूं ही नहीं छापा है कि देश पर फासिज्म की प्रेत छाया पड़ चुकी है। जिनके पास बुद्धि और संवेदना है वो लोकतंत्र के इस सर्वाधिक क्षरण पर स्तब्ध हैं। देश के भविष्य को लेकर आशंकित हैं। जिनके पास बुद्धि नहीं, संवेदना नहीं, वो अन्धराष्ट्रवादी उकसावे के चलते झूठ-अफवाह के महासागर में भंगियाये हुए गोते लगा रहे हैं। शर्मनाक है सब कुछ!
भड़ास के संपादक यशवंत सिंह की एफबी वॉल से।
Krishna Kant : चुनाव आयोग ने राफेल घोटाले पर लिखी गई एस विजयन की किताब का लोकार्पण रोक दिया और इसकी प्रतियां जब्त कर लीं। लेकिन चुनाव के बीच मोदी पर रिलीज हो रही फ़िल्म के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगाई, इसी बीच एक घटिया नमो टीवी भी धड़ल्ले से प्रसारित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, योगी, कल्याण सिंह समेत समूची भाजपा आचार संहिता का अचार निकाल रही है, और चुनाव आयोग पत्रकार पर नकेल कस रहा है। आयोग का रवैया देखकर और भाजपा नेताओं का भाषण सुनकर स्पष्ट है कि यह चुनाव फिरंगी रणनीति के तहत पूरी तरह हिन्दू मुसलमान बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पद पर बैठे लोग खुलकर हिन्दू मुसलमान, पाकिस्तान, बिरयानी, टाइप बयान दे रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को मोदी की सेना कहा तो पूर्व नेवी चीफ एडमिरल एल रामदास ने चुनाव आयोग को खत लिखा है कि देश की सेनाएं किसी की व्यक्तिगत सेनाएं नहीं हैं इसलिए इस तरह का कोई भी वक्तव्य स्वीकार्य नहीं है.
ओडिशा में फोन करके लोगों को मोदी के भाषण सुनाए जा रहे हैं। फोन करके पीएम मोदी के भाषण सुनाना चुनाव के नियमों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। बीजेडी ने आयोग से शिकायत की है। एयर इंडिया, रेलवे, मीडिया, मंत्री संतरी सब मिलकर चुनाव आयोग और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। एकाधिक चैनल भाजपा विरोधी दलों और उनके समर्थकों को खुलकर ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ लिख रहे हैं। भाजपा सत्ता का भरपूर दुरुपयोग कर रही है और चुनाव आयोग नाराजगी का कर्मकांड कर रहा है। कानून और संविधान का मजाक बना देना, मर्यादा को ताक पर रखना, संस्थाओं को नष्ट करना और हर विपक्षी विचार को अपराधी करार देना इस देश को अंततः बहुत महंगा पड़ेगा।
तेजतर्रार पत्रकार कृष्ण कांत की एफबी वॉल से.