भोपाल : अपना और अपने परिजनों का नाम व्यापमं घोटाले में आने के बाद से ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से दूरी बना ली है। अब यूएनआई, पीटीआई और एएलआई के माध्यम से उनकी सूचनाएं मीडिया तक पहुंच रही हैं।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एवं जनसंपर्क आयुक्त एस के मिश्रा पहले एजेंसी के प्रतिनिधियों से प्रश्नोत्तरी तैयार करवाते हैं, फिर प्रश्नों की कांट -छांट के बाद मुख्यमंत्री से साक्षात्कार करवाते हैं। खुद ही कई तरह के विवादों में घिरे रहे एस. के. मिश्रा यह तय करते हैं कि मुख्यमंत्री से क्या सवाल पूछे जाएं और क्या नहीं। हाल ही में मुख्यमंत्री निवास में एजेंसी के कुछ पत्रकारों को जनसंपर्क विभाग ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रदेश दौरे पर आने एवं ओला प्रभावित क्षेत्रों में दौरे को लेकर मुख्यमंत्री की राय लेने को बुलाया था।
ए.एन.आई. के पत्रकार की प्रश्नावली से व्यापमं मामले से जुड़े प्रश्न को आयुक्त जनसंपर्क ने हटवा दिया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि व्यापमं का प्रश्न अभी आप मत पूछो क्योंकि एक सप्ताह के भीतर सरकार व्यापमं मामले में बड़ा धमाका करेगी। ए.एन.आई. के पत्रकार ने आयुक्त द्वारा प्रश्नों पर की गई सेंसरशिप को स्वीाकर लिया लेकिन अन्य एजेंसी के पत्रकारों ने अपने हिसाब से ही मुख्यमंत्री से प्रश्न किए।