Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

दुनिया भर से लॉकडाउन की खबरें थीं, हमारी सरकार ने तैयारी क्यों नहीं की?

Samar Anarya : भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को मिला था। बक़ौल स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन 2 फ़रवरी से मोदी जी ख़ुद ही निगरानी कर रहे थे। ये भूल जाइए कि 2 फ़रवरी से आज आधी रात को हुए लॉकडाउन से पहले क्या क्या हुआ- लिट्टी चोखे का आनंद, ट्रम्प का तमाशा, ज़रूरी दवाइयों से लेकर मास्क्स तक का 17 मार्च तक निर्यात हुआ- विश्व स्वास्थ्य संगठन के 27 फ़रवरी को चेताने के बावजूद- अब डॉक्टरों और नर्सों तक के पास ढंग के मास्क नहीं हैं!

ये भी कोरोना से लड़ाई की पहली क़तार में खड़े लोगों- मेडिकल सेवाओं वाले, दुनिया भर से भारतीयों को लाने वाले एयर इंडिया कर्मी आदि- सब को उनके मकानों से निकाला जा रहा है, उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जा रहा है!

Advertisement. Scroll to continue reading.

बस ये जान लीजिए कि 48 घंटे पहले से माहौल बना के जनता कर्फ़्यू के थाली बजाऊ तमाशे के बाद कल सिर्फ़ 4 घंटे की सूचना पर किए गए लॉकडाउन के बाद के हालात क्या हैं- अमीर लोगों के पास की दुकानें ख़ाली कर देना छोड़ के, सब्ज़ियों के दाम आसमान छूना छोड़ के- यह भी कि त्रासदी में पैसा बना रहे ये लोग किस जाति धर्म के हैं!

ये कि मूलभूत ज़रूरतों तक की सप्लाई चेंस बुरी तरह प्रभावित हैं!

Advertisement. Scroll to continue reading.

सरकारों तक को नहीं पता कि किन चीजों की अनुमति है, किनकी नहीं- जैसे सभी माल गाड़ियाँ हमेशा से ही एसेंशियल सेवाओं में आती हैं- पर राज्य सरकारों ने उनको अपने अपने राज्य की सीमाओं पर रोक दिया है! बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कुछ दक्षिण भारतीय राज्यों की सीमाओं पर हज़ारों ट्रक अटके हुए हैं!

जी हाँ- राज्य सरकारों को पता ही नहीं है कि क्या करना है क्या नहीं, केंद्र ने बताने की ज़रूरत नहीं समझी!!

Advertisement. Scroll to continue reading.

राज्यों की सीमाएँ सील होने से मूलभूत आवश्यकताओं की सप्लाई करने वाले ट्रक भी खड़े हैं!

ग्रोफर्स का फ़रीदाबाद , सोनीपत, हैदराबाद, पुणे और मुंबई के गोदाम सरकारों ने बंद कर दिए हैं। बिग बास्केट से भी यही खबर है। देश भर में दोनों के लजिस्टिक्स पार्टनर (सब्ज़ी आदि बेचने वालों से शुरू कर सप्लाई वाले ट्रक तक) रोक दिए गए हैं!

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऑनलाइन फ़ार्मेसी कम्पनी 1 एमजी के डिलिवरी कार्यकर्ताओं पर कम से कम 17 हमलों की खबर है! जी हाँ- दवा आपूर्ति कर रहे लोगों पर- उनको जिनको मोदी जी ने राज्य रक्षक कहा है!

ये हुआ कैसे? ये तो नोटबंदी जैसा मामला भी नहीं था कि गोपनीय रखना था इसलिए अफ़रातफ़री फैलेगी ही!

Advertisement. Scroll to continue reading.

ये तो बाक़ायदा बता के आई आपदा है- क़रीब डेढ़ महीने का समय देकर आई! दुनिया भर से लॉकडाउन की खबरें थीं- हमारी सरकार ने तैयारी क्यों नहीं की?

बाक़ी आप नसीब का आनंद लीजिए!

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह याद रख के कि निश्चिंत हों कि असर केवल ग़रीबों पर पड़ेगा तो ग्रोफर्स भी प्रभावित है, बिग बास्केट भी!

बाक़ी लॉक डाउन ज़िंदाबाद। हार्ड वर्क सरकार ज़िंदाबाद!

Advertisement. Scroll to continue reading.

अविनाश पांडेय समर और शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से.

इन्हें भी पढ़ें-

क्या मोदीजी नहीं समझते हैं कि इसके बिना लॉक डाउन फेल हो जाएगा?

बिना योजना मोदीजी ने फिर भगदड़ मचा दिया… अबकी किसान, आदिवासी और बेरोजगार भुगतेंगे!

एक जरूरी पोस्ट- लॉक डाउन से दिल्ली-लखनऊ में कोई परेशान हो तो उसे ये जरूर बताएं!

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. ambrish

    March 25, 2020 at 5:49 pm

    “मेडिकल सेवाओं वाले, दुनिया भर से भारतीयों को लाने वाले एयर इंडिया कर्मी आदि- सब को उनके मकानों ”

    भाई जब हमारा लोकपाल दफ्तर स्टार में किराये पर लम्बे समय तक चल सकता है तो इन कर्मयोगियों (डॉक्टर अथवा पायलट) को लॉक डाउन की अवधि तक सरकार अशोका , ट्राइडेंट या किसी स्टार होटल में सरकारी खर्चे पर व्यवस्था तो कर ही सकती है. पूर्व में भी मनपसंद मकान न मिलने पर कई सांसद कई महीनो तक ऐसे ही स्टार सेवा का लाभ ले चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement