यूपी की योगी सरकार दागी आईएएस सत्येंद्र सिंह पर मेहरबान है. यही कारण है कि इस भाजपा सरकार में इस घोटालेबाज अफसर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है. आईएएस सत्येंद्र सिंह एनआरएचएम घोटाले के भी आरोपी हैं. वे अब भी एक बड़े पद पर तैनात हैं. सत्येंद्र सिंह जब एनआरएचएम में जीएम हुआ करते थे तो उन्होंने काफी खेल किए. इसी कारण उन्हें आरोपी बनाया गया. सीबीआई जांच के दौरान सत्येंद्र सरकारी गवाह बन गए. इसी कारण उनके खिलाफ चलने वाली सभी जांच ठंढे बस्ते में डाल दी गई. पर क्या सरकारी गवाह बनने से गुनाह माफ़ हो जाते हैं?
बताया जाता है कि सत्येंद्र सिंह के गोमती नगर विस्तार, विपुल खंड, फन मॉल के पास अरबों रुपये कीमत के आवास हैं. सत्येंद्र सिंह का किडजी नाम का एक स्कूल भी है. इसके अलावा नोएडा सहित देश भर के कई शहरों में आलीशान बंगले, फ्लैट्स और बेशकीमती ज़मीनें हैं. आयकर विभाग के पास भी इस दागी अफसर की पूरी डिटेल है लेकिन कोई अदृश्य ताकत इस अफसर पर हाथ डालने से रोकती है.
एक दफे सत्येन्द्र कुमार सिंह के छह शहरों में स्थित ठिकानों पर आईटी अफसरों ने छापा मारा था. तब लाखों रुपया कैश और अरबों की संपत्ति मिली थी. विभाग के पास सूचना थी कि सत्येंद्र के पास ठीकठाक काला धन है. आयकर अफसरों की 22 अलग-अलग टीमों ने लखनऊ, मेरठ, बागपत, मैनपुरी, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली आदि में सत्येंद्र के सभी ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे. वैसे तो योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात करती है लेकिन सत्येंद्र के मामले में साफ दिख रहा है कि भ्रष्टाचारी को बचाया जा रहा है. आईएएस सत्येंद्र सिंह पशुधन विभाग में विशेष सचिव के पद पर जमे हुए है. देखना है कि योगी सरकार में भी इस अफसर का बाल बांका होता है या पहले जैसा जलवा कायम रहेगा.
लखनऊ से भड़ास संवाददाता सुजीत कुमार सिंह ‘प्रिंस’ की रिपोर्ट.