एक राज्य के सबसे बड़े अधिकारी रहे इस शख्स की बेबसी देखिए

Navniet Sekera : एक राज्य के सबसे बड़े अधिकारी की बेबसी। पाप अपने बाप का नही होता, ये 24 Jan को रांची कोर्ट में देखने को मिला। ये सजल चक्रवर्ती है कुछ दिन पहले तक झारखंड के चीफ सेक्रेटरी थे लेकिन चारा घोटाला में इनका भी नाम आ गया और दोषी भी करार हो गए। सोचिये एक हमारे बिहार में दरोगा बन जाता है तो पूरे गांव प्रखंड में उसकी टशन हो जाती है। बड़े बड़े लोग झुक के हाय हेलो करते हैं। सजल चक्रवर्ती तो मुख्य सचिव थे दिन में ना जाने कितने IAS/IPS पैर छूते होंगे लेकिन आज इनकी बेबसी देख कर दिल रो गया।

दागी आईएएस सत्येंद्र सिंह पर मेहरबान योगी सरकार

यूपी की योगी सरकार दागी आईएएस सत्येंद्र सिंह पर मेहरबान है. यही कारण है कि इस भाजपा सरकार में इस घोटालेबाज अफसर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है. आईएएस सत्येंद्र सिंह एनआरएचएम घोटाले के भी आरोपी हैं. वे अब भी एक बड़े पद पर तैनात हैं.  सत्येंद्र सिंह जब एनआरएचएम में जीएम हुआ करते थे तो उन्होंने काफी खेल किए. इसी कारण उन्हें आरोपी बनाया गया. सीबीआई जांच के दौरान सत्येंद्र सरकारी गवाह बन गए. इसी कारण उनके खिलाफ चलने वाली सभी जांच ठंढे बस्ते में डाल दी गई. पर क्या सरकारी गवाह बनने से गुनाह माफ़ हो जाते हैं?

सीएम योगी के पैर छूने वाले बाराबंकी डीएम अखिलेश तिवारी को बीजेपी सांसद प्रियंका रावत ने बताया भ्रष्टाचारी

बाराबंकी : यूपी के बाराबंकी में बीजेपी सांसद प्रियंका रावत ने अपनी ही सरकार के डीएम अखिलेश तिवारी पर भ्रष्टाचार और भाजपा सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। डीएम के खिलाफ शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। प्रियंका ने मुख्यमंत्री से शिकायती पत्र में  डीएम अखिलेश तिवारी पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। पत्र में शिकायत की गयी है कि डीएम द्वारा ज़िले में विकास एवं जनकल्याणकारी कार्यों में सहयोग नहीं किया जा रहा जिसके कारण जनपद के विकास कार्य अवरुद्ध हो गए हैं। इससे भाजपा सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

यूं महाभ्रष्ट बना दी गईं नीरा यादव!

Dayanand Pandey : कभी थीं नीरा यादव भी ईमानदार जब वह नीरा त्यागी हुआ करती थीं। उन की ईमानदारी के नाम पर चनाजोर गरम बिका करता था। उन दिनों जौनपुर में डी एम थीं। उन के पति त्यागी जी सेना में थे। 1971 के युद्ध में खबर आई कि वह वीरगति को प्राप्त हुए। नीरा यादव ने महेंद्र सिंह यादव से विवाह कर लिया। तब यादव जी डी आई जी थे। लेकिन बाद में त्यागी जी के वीरगति प्राप्त करने की खबर झूठी निकली। पता चला वह युद्ध बंदी थे। बाद के दिनों में वह शिमला समझौते के तहत छूट कर पाकिस्तान से भारत आ गए। नीरा यादव से मिलने गए तो वह उन से मिली ही नहीं। उन्हें पति मानने से भी इंकार कर दिया। त्यागी जी भी हार मानने वालों में से नहीं थे। डी एम आवास के सामने धरना दे दिया। कहां तो नीरा यादव के नाम से ईमानदारी का चनाजोर गरम बिकता था, अब उन के छिनरपन के किस्से आम हो गए। खबरें छपने लगीं। किसी तरह समझा बुझा कर त्यागी जी को धरने से उठाया गया। जाने अब वह त्यागी जी कहां हैं, कोई नहीं जानता।

‘चड्ढा-खंडेलवाल-अग्रवाल’ माफ़िया सिंडिकेट को ध्वस्त कर पाएंगे सीएम योगी?

Surya Pratap Singh :  उ. प्र. में भ्रष्टाचार की ‘झनक़-झनक़ पायल बाजे’ की धुन में फँसी बच्चों की ‘किताबें/यूनिफोर्म’ व ‘पंजीरी’! उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में अभी तक न तो किताबें और न ही यूनीफ़ॉर्म पहुँची…. ४ माह हो गए सत्र शुरू हुए। पंजीरी ख़रीद में ज़्यादा रुचि! क्या करें दृढसंकल्पित CM योगी? बड़ी चुनौती? प्राइमरी स्कूलों की हालात पहले से ख़स्ता थे… सबको भरोसा था कि नयी सरकार के आने से हालात बदलेगें लेकिन सब ढाक के तीन पात….

हिंदी वाले आईएएस बनने का सपना अब छोड़ ही दें!

सफलता के हज़ार साथी होते हैं, किन्तु असफलता एकान्त में विलाप करती है। यूँ तो सफलता या असफलता का कोई निश्चित गणितीय सूत्र नहीं होता, किन्तु जब पता चले कि आपकी असफलता कहीं न कहीं पूर्व नियोजित है, तो वह स्थिति निश्चित रूप से चिंताजनक है। देश की सबसे बड़ी मानी जाने वाली आईएएस की परीक्षा को आयोजित करने वाली संस्था ‘संघ लोक सेवा आयोग’ आज घोर अपारदर्शिता और विभेदपूर्ण व्यवहार में लिप्त है।

भास्कर की लैंड डील कैंसल करने वाली महिला आईएएस अफसर का तबादला

लगता है रमन सिंह दैनिक भास्कर के सामने दंडवत हो गए हैं. तभी तो उस महिला आईएएस अधिकारी का तबादला कर दिया गया जिसने दैनिक भास्कर की रायपुर में जमीन की लैंडडील रद्द की थी. इस बारे में स्टेट्समैन अखबार में विस्तार से खबर छपी है, जिसे नीचे पढ़ सकते हैं….

यूपी में ‘ईमानदार’ मुख्यमंत्री के मुफ़्तख़ोर ‘भ्रष्ट’ मंत्री!

Surya Pratap Singh : उ.प्र. में ‘ईमानदार’ मुख्यमंत्री के मुफ़्तख़ोर ‘भ्रष्ट’ मंत्री…. उत्तर प्रदेश में कुछ भ्रष्ट मंत्रियों के स्टाफ़ व आगंतुकों के खाने-पीने व रहने के ख़र्चे कौन उठाता है ? यह एक गोपनीय जाँच का विषय है, इंटेलिजेन्स एकत्र की जानी चाहिए। आप जान कर हैरान हो जाएँगे कि सड़क निर्माण से जुड़े दो विभागों में से अपेक्षाकृत ‘छोटे बजट’ वाले विभाग के मंत्री के ५०-६० स्टाफ़ के रहने/खाने व प्रति दिन आने वाले सैकड़ों आगंतुकों की आवभगत का लगभग रु. १० लाख प्रति माह ख़र्चे कौन उठाता है… विभागीय अधिकारी ‘लूटे’ हुए कमिशन से यह ख़र्चा उठाते हैं।

मुख्य सचिव रहते राहुल भटनागर ने सहयोगी अफसरों को बदनाम किया, कुर्सी बचाने को किए घिनौने कृत्य!

राहुल भटनागर पर आरोप है कि मुख्य सचिव रहते हुए उन्होंने न सिर्फ अपने सहयोगी अफसरों को बदनाम किया बल्कि अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए हर किस्म के घिनौने हथकंडे अपनाए. उदाहरण के तौर पर गोमती रिवर फ्रन्ट परियोजना के सम्बन्ध में जानबूझकर राहुल भटनागर ने अपने सहयोगी अधिकारियों को बदनाम करने की नीयत से अनियमित कार्यवाही की… कुछ प्वाइंट्स देखें…

देश में 8 साल में मात्र 10 आईएएस पर विभागीय कार्यवाही, आरटीआई से हुआ खुलासा

कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के जन सूचना अधिकारी के श्रीनिवासन द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना दिनांक 22 जून 2017 से यह तथ्य सामने आया है कि पिछले 08 सालों में पूरे देश में मात्र 08 आईएएस अफसरों पर वृहत दंड तथा 02 आईएएस अफसर पर लघु दंड, अर्थात कुल 10 अफसरों पर विभिन्न दंड हेतु विभागीय कार्यवाही की गयी है.

भ्रष्ट और चापलूस अफसरों ने सीएम योगी के हाथों आईएएस एनपी सिंह और आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे के करियर का कत्ल करा दिया!

सुभाष चंद्र दुबे तो लगता है जैसे अपनी किस्मत में लिखाकर आए हैं कि वे सस्पेंड ज्यादा रहेंगे, पोस्टेड कम. सुल्तानपुर के एक साधारण किसान परिवार के तेजस्वीय युवक सुभाष चंद्र दुबे जब आईपीएस अफसर बने तो उनने समाज और जनता के हित में काम करने की कसम ली. समझदार किस्म के आईपीएस तो कसमें वादे प्यार वफा को हवा में उड़ाकर बस सत्ता संरक्षण का पाठ पढ़ लेते हैं और दनादन तरक्की प्रमोशन पोस्टिंग पाते रहते हैं. पर सुभाष दुबे ने कसम दिल से खाई थी और इसे निभाने के लिए अड़े रहे तो नतीजा उनके सामने है. वह अखिलेश राज में बेईमान अफसरों और भ्रष्ट सत्ताधारी नेताओं की साजिशों के शिकार होते रहे, बिना गल्ती सस्पेंड होते रहे.

यूपी के दागी चीफ सेक्रेट्री की विदाई तय, केंद्र से लौटे राजीव कुमार सिंह को मिलेगी जिम्मेदारी

यूपी के दागी नौकरशाह और चीफ सेक्रेट्री राहुल भटनागर ने भाजपा राज में भी कई महीने तक निर्विरोध बैटिंग कर ली, यह उनके करियर की प्रमुख उपलब्धियों में से एक माना जाना चाहिए. जिस राहुल भटनागर के कार्यकाल में और जिस राहुल भटनोगर के अनुमोदन से यूपी में दर्जनों गोलमाल हुए, वही राहुल भटनागर आज भी खुद को पाक साफ दिखाकर मुख्य सचिव की कुर्सी हथियाए हुए हैं.

योगी जी को अखिलेश यादव के जमाने वाले मुख्य सचिव राहुल भटनागर उर्फ शुगर डैडी से इतना प्रेम क्यों?

Yashwant Singh : यूपी का मुख्य सचिव एक ऐसा दागी आदमी है जिसे खुलेआम लोग शुगर डैडी कहते और लिखते हैं. शुगर डैडी बोले तो शुगर लॉबी का दलाल. बोले तो शुगर मिल मालिकों का चहेता. बोले तो यूपी की चीनी मिलों के प्रबंधन का प्रतिनिधि. बोले तो यूपी के गन्ना किसानों का दुश्मन.

यूपी के दाग़ी मुख्य सचिव राहुल भटनागर को क्यों दिया गया बदनामी भरा ‘शुगर डैडी’ का Title, आइए जानें

Surya Pratap Singh : उ.प्र. में क्या निजी चीनी मिलों के ‘एजेंट’ हैं ‘शुगर डैडी’….. कब योगी जी की ‘वक्र’ दृष्टि पड़ेगी इन महाशय पर?  दाग़ी मुख्य सचिव, राहुल भटनागर को क्यों दिया गया बदनामी भरा ‘शुगर डैडी’ का Title….क्या लम्बे समय से वित्त के साथ-२ गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव की कुर्सी पर विराजमान रहे ‘शुगर डैडी’ सशक्त शुगर लॉबी का लाड़ला है….. हो भी क्यों न…इन्होंने गन्ना किसानों को रु. 2,016 करोड़ का जो चूना लगाकर चीनी मिलों को सीधा लाभ जो पहुँचाया है….किसानों को देय गन्ना मूल्य पर रु. 2,016 का ब्याज एक झटके में माफ़ कर दिया….. चीनी मिलों पर इस रहमत के लिए कितना माल ‘शुगर डैडी’ की जेब में गया और कितना अखिलेश यादव की, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन इसे समझना काफ़ी आसान है। हाईकोर्ट ने ‘शुगर डैडी’ को न केवल कोर्ट में तलब कर फटकार लगाई अपितु ‘किसान विरोधी’ होने का तमग़ा देकर तीखी टिप्पणी भी की……

आज 17 मई, आज अनुराग तिवारी का जन्मदिन… लेकिन यह युवा आईएएस नहीं रहा… अलविदा दोस्त

Abhishek Upadhyay : आज अनुराग का जन्मदिन है। सुबह से सोच रहा था, कि अब फोन मिलाऊं। अच्छा नहा लूं। फिर मिलाता हूं। पूजा रह गई है। वो करके तफ्सील से बात करूंगा। जब तक मोबाइल हाथ में उठाया, 9.45 हो चुके थे। टीवी चल रही थी। अब तक लखनऊ में एक आईएएस की मौत की खबर ब्रेकिंग न्यूज बनकर चलना शुरू हो चुकी थी। मैं पागलों की तरह चैनल बदल रहा था। गलत खबरें भी चल जाती हैं, कभी-कभी। मगर हर चैनल पर वही खबर। कर्नाटक काडर का आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी।

आईएएस एनपी सिंह और आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे, ये दो अफसर क्यों हैं तारीफ के काबिल, बता रहे यशवंत

Yashwant Singh : इधर बीच 2 अफसरों से मिलना हुआ। एक आईएएस और दूसरे आईपीएस। क्या कमाल के लोग हैं दोनों। इनसे मिल कर ये तो संतोष हुआ कि ईमानदारी और दबंगई की जुगलबन्दी के जो कुछ स्पार्क शेष हैं इस महाभ्रष्ट सिस्टम में, वे ही जनाकांक्षाओं में उम्मीद की लौ जलाए हुए हैं। इन दोनों अफसरों के बारे में थोड़ा-सा बताना चाहूंगा। इनके नाम हैं- आईएएस एनपी सिंह और आईपीएस सुभाष चंद्र दुबे। एक नोएडा के डीएम, दूजे गाजीपुर के पुलिस कप्तान।

NP Singh

CM योगी जी, आप इस दागी और जालसाज IAS सदाकांत से सावधान रहें

लखनऊ, 15 अप्रैल 2017 :  साल 2011 में भारत की सुरक्षा से सम्बंधित दस्तावेज लीक कर किये गये 200 करोड़ के घूसकांड के मास्टरमाइंड भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तत्कालीन संयुक्त सचिव IAS सदाकांत की प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार  ने यूपी को वापस भेज दिया थाl यूपी की मायावती सरकार और अखिलेश सरकार में अपनी रीढ़विहीनता और भ्रष्टाचारी होने के गुणों के चलते दागी सदाकांत मलाईदार विभागों के मुखिया बने रहेl इधर सूबे में सत्ता परिवर्तन होते ही दागी सदाकांत ने योगी सरकार में भी मलाईदार पद पर बने रहने के लिए एक बार फिर अपनी रीढ़विहीनता के गुण का भौंडा प्रदर्शन करते हुए ऐसे-ऐसे आदेश जारी किये मानो कि अब तक सदाकांत के आवास विभाग और लोक निर्माण विभाग में अब तक गुंडे-मवालियों के मार्फत लूट हो रही थी और अब सदाकांत सब कुछ सही करने के लिए कमर कास चुके हैं।

जालसाज है यूपी का अपर मुख्य सचिव सदाकांत शुक्ला!

लखनऊ की आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी शर्मा ने आरटीआई के माध्यम से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर यूपी के लोक निर्माण विभाग तथा आवास एवं शहरी नियोजन जैसे दो महत्वपूर्ण महकमों में अपर मुख्य सचिव के पद पर काम कर रहे आईएएस सदाकांत शुक्ल पर जालसाजी कर सरकारी आवास हथियाने का आरोप लगाते हुए सदाकांत के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की धाराओं में एफ़.आई.आर. दर्ज कराने की तहरीर बीते 9 अप्रैल को थाना हज़रतगंज में दी है.

यादव सिंह को बहाल कर प्रमोशन देने वाले भ्रष्टाचारी आईएएस रमा रमण का बाल भी बांका नहीं हुआ

Surya Pratap Singh :   ‘भ्रष्टाचारों’ पर मज़े की बात… नॉएडा/ग्रेटर नॉएडा/यमुना इक्स्प्रेस्वे अथॉरिटिज़…. वर्तमान सरकार द्वारा भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए किए जा रहे ‘अश्वमेघ यज्ञ’ के असली (भ्रष्ट) घोड़ों को कौन पकड़ेगा… इन घोड़ों ने प्रदेश की अस्मिता को रौंदा है…. जेल की ऊँची दीवारें व बेड़ियाँ प्रतिक्षरत हैं…… सीबीआइ की गिरफ्त में भ्रष्ट इंजीनियर यादव सिंह इन दिनों सीबीआइ का मुजरिम हैं और जेल में निरुद्ध हैं। जिस रमा रमण आईएएस ने यादव सिंह का निलम्बन बहाल किया और प्बिना डिग्री प्रोन्नति देकर तीनों नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस अथारिटी में इंजीनियर-इन-चीफ़ बनाया, उसका बाल भी बाँका नहीं।

आईएएस रमा रमण के कार्यकाल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों में हुए घपले-घोटालों की जांच की मांग

Yashwant Singh : चर्चित आईएएस सूर्य प्रताप सिंह अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं :

यूपी में भ्रष्ट नौकरशाहों का गैंग भाजपा राज में भी मलाई चाटने-चटाने के लिए तैयार : सूर्य प्रताप सिंह

Surya Pratap Singh : उत्तर प्रदेश की ‘नौकरशाही के भ्रष्ट चेहरे’ अपनी पसंद के मुख्यमंत्री व मंत्री बनवाने में लगे! उत्तर प्रदेश में कुछ नौकरशाहों की ‘भ्रष्ट लेकिन धनाढ़्य’ गैंग (CAUCUS) की आज ये हिम्मत / हस्ती है कि दिल्ली से लेकर नागपुर तक अपने पसंद के मुख्यमंत्री व मंत्री बनवाने के किए पैरवी में लगे हैं…. पिछली दो सरकारों में जिस नौकरशाह गैंग की तूती बोलती थी वे ‘पैसे व रसूक़’ के बल पर ‘मलाई चाटने व चटाने’ के लिए फिर से तैयार हैं…

आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अखिलेश यादव के संरक्षण में हुए एक बड़े घोटाले का किया भंडाफोड़

Surya Pratap Singh : उद्योग मंत्री/ मुख्य मंत्री के संरक्षण में उत्तर प्रदेश में UPSIDC बना एक घोटालों का अड्डा…. मुख्यमंत्री/उद्योग मंत्री अखिलेश की नाक के नीचे UPSIDC में रु. २०,००० करोड़ का भूमि घोटाला हुआ हैं….मनमाने ढंग से साक्षात्कार के माध्यम से भू आवंटन किया गया है …. साक्षात्कार का मतलब रिश्वत की सौदागिरी !!!
मुख्यमंत्री/ उद्योग मंत्री अखिलेश यादव ने अपने मित्र के नाम पर ‘स्टील प्लांट’ लगाने के लिए UPSIDC के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में 111 ऐक़ड भूमि बिना किसी टेंडर पर वर्ष २०१३-२०१४ में औने-पौने मूल्य/बहुत सस्ते में वर्ष २०१४ में आवंटित की गयी है ….. जिसकी जाँच आने वाली सरकार क्या जाँच कराएगी ? मेरे इस सम्बंध में निम्न प्रश्न हैं:

यूपी के इस बवाली और तानाशाह डीएम ने मीडियाकर्मियों को सरेआम हड़काया (देखें वीडियो)

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के जंगलराज में विविध प्रजातियों के अधिकारी खूब फलते-फूलते पाए जाते हैं. एक महोदय हैं बहराइच जिले के डीएम उर्फ जिलाधिकारी. इन्हें लोग प्यार से अब ‘बवाली DM’ कह कर पुकारने लगे हैं. ये खुद ही बवाल करते कराते रहते हैं. इन महाशय को तानाशाही पसंद है. जब चाहेंगे तब मीडिया को दौड़ा लेंगे. कैमरे बंद करा देंगे. डांट लगा देंगे. जब चाहेंगे तब किसी होमगार्ड को डंडे से पीट देंगे. होमगार्ड की पिटाई करने वाले डीएम के रूप में कुख्यात जिलाधिकारी अभय का ताजा कारनामा है पत्रकारों को डांट डपट कर कैमरा बंद कराना और कवरेज से रोकना.