ब्रह्मवीर सिंह-
समझिए कि मीडिया क्यों जरूरी है… सप्ताहभर पूर्व रायपुर के भाटागांव, फिल्टर प्लांट के पास एक रईसजादे ने तेज रफ्तार मिनी कूपर कार से एक व्यक्ति को उड़ा दिया। उसके शरीर के दो टुकड़े हो गए। मौके पर मौत हो गई। घटना के आठ घंटे बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। आरोपी बनाया गया एक ड्राइवर। मरने वाला एक आम आदमी था। अपने घर का इकलौता कमाऊ। मध्यप्रदेश से आकर छत्तीसगढ़ में कामकाज कर रहा था। उसकी मौत से किसे क्या फर्क पड़ना था? किसी को पड़ा भी नहीं। कहीं कोई आवाज नहीं, कोई सवाल नहीं। इस देश में आम आदमी की जिंदगी सस्ती है और अमीर की कीमती।
हमें पुलिस की थ्योरी सही नहीं लगी। तहकीकात की तो कहानी पूरी फिल्मी निकली। मौके पर प्रत्यक्षयदर्शी ने बताया कि दो अमीरजादे हादसे के बाद पब्लिक से कह रहे थे कि हमें पीटों मत…जितना चाहे पैसा ले लो। उन दोनों में ड्राइवर जैसा कोई था ही नहीं। दोनों बार बार पैसा ले लो की गुहार लगा रहे थे। पुलिस आई उन्हें लेकर चली गई। थाने से ही उन्हें छोड़ दिया गया। जांच में यह भी पता चला कि जिस ड्राइवर को आरोपी बनाया गया वह हादसे के वक्त रायपुर में ही नहीं था। खैर…कई दिनों की पत्रकारिता के बाद पुलिस ने एफआईआर में ड्राइवर का नाम हटाकर अमीरजादे को आरोपी बनाया।
हमें सिखाया गया है कि पत्रकारिता करते वक्त…जब तक संभव हो…जहां तक संभव हो…सत्य के साथ खड़े रहना है। ऐसा नहीं है कि दबाव नहीं आते, धमकियां नहीं मिलतीं, देख लेने के संकेत तो हर दिन मिलते हैं। हालांकि मैं तो कोशिश करता हूं कि सबको रिटर्न गिफ्ट दे दूं।
यह सब पत्रकारिता का एक हिस्सा ही है। पत्रकारिता का मूल स्वभाव है खुद की आहुति देकर समाज के कल्याण की कामना करना। वैसा बहुत से पत्रकार कर रहे हैं, सब गोदी मीडिया के हिस्सा नहीं हैं। सत्य के साथ खड़े लोगों का हौसला बढ़ाते रहिए। वरना किसी दिन जब कोई अमीर किसी गरीब को उड़ा देगा तो फिर उसकी आवाज कोई नहीं उठाएगा। हर हाल में, हर दौर में सभ्य समाज को मीडिया की जरूरत होगी। जब मीडिया नहीं होगी तो समाज में वंचित का कोई साथी नहीं होगा।
विश्व पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस की सभी को शुभकामनाएं…।
Sushil KR
May 3, 2023 at 6:20 pm
Great & true journalism.