Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

हिंदुस्तान का पक्ष रखने डीएलसी के पास गए एचआर मैनेजर की हुई जमकर फजीहत

बरेली में बुधवार को उपश्रमायुक्त के समक्ष कर्मचारियों के उत्पीड़न के मामले में हिन्दुस्तान प्रबन्धन की ओर से पेश हुए एचआर प्रभारी सत्येंद्र अवस्थी को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। उनको प्रबन्धन का पक्ष रखे बगैर बैरंग लौटना पड़ा। डीएलसी ने ताकीद किया कि उनको (सतेंद्र अवस्थी) तब तक नहीं सुना जाएगा जब तक वह प्रतिवादियों की ओर से उनका पक्ष रखने का अधिकार पत्र लेकर नहीं आएंगे।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>बरेली में बुधवार को उपश्रमायुक्त के समक्ष कर्मचारियों के उत्पीड़न के मामले में हिन्दुस्तान प्रबन्धन की ओर से पेश हुए एचआर प्रभारी सत्येंद्र अवस्थी को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। उनको प्रबन्धन का पक्ष रखे बगैर बैरंग लौटना पड़ा। डीएलसी ने ताकीद किया कि उनको (सतेंद्र अवस्थी) तब तक नहीं सुना जाएगा जब तक वह प्रतिवादियों की ओर से उनका पक्ष रखने का अधिकार पत्र लेकर नहीं आएंगे।</p>

बरेली में बुधवार को उपश्रमायुक्त के समक्ष कर्मचारियों के उत्पीड़न के मामले में हिन्दुस्तान प्रबन्धन की ओर से पेश हुए एचआर प्रभारी सत्येंद्र अवस्थी को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा। उनको प्रबन्धन का पक्ष रखे बगैर बैरंग लौटना पड़ा। डीएलसी ने ताकीद किया कि उनको (सतेंद्र अवस्थी) तब तक नहीं सुना जाएगा जब तक वह प्रतिवादियों की ओर से उनका पक्ष रखने का अधिकार पत्र लेकर नहीं आएंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दरअसल मजिठिया क्रांतिकारी मनोज शर्मा, राजेश्वर विश्वकर्मा, निर्मल कांत शुक्ला ने उपश्रमायुक्त से शिकायत की कि हिन्दुस्तान प्रबन्धन मजिठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन-भत्तों व एरियर का उनके निर्णय व आदेश के क्रम में लाखों का भुगतान न करके उनका उत्पीड़न करने पर उतारू है। विधि विरुद्ध डोमेस्टिक जांच बैठा दी ताकि दबाव बनाया जा सके। मनमानी कार्रवाई व धमकियां दी जा रही हैं। ना तो वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट और ना ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया जा रहा है। निर्मल कांत शुक्ला ने शिकायत में यह भी कहा कि हिन्दुस्तान प्रबन्धन तथाकथित डोमेस्टिक जांच के बहाने अपने परिसर में बुलाकर उनकी हत्या करना चाह रहा है।

उपश्रमायुक्त बरेली ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हिंदुस्तान बरेली को नोटिस जारी किया और 4 अक्टूबर को अपना पक्ष अभिलेखीय साक्ष्य सहित प्रस्तुत करने का आदेश दिया। बुधवार को जब उपश्रमायुक्त कार्यालय में प्रबन्धन की ओर से एचआर प्रभारी सतेंद्र अवस्थी ने अपनी मौजूदगी की बात कही तो शिकायतकर्ता मनोज शर्मा, राजेश्वर विश्वकर्मा, निर्मल कांत शुक्ला ने उपश्रमायुक्त से कहा कि ये व्यक्ति एचटी मीडिया का नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

क्या इनके पास प्रतिवादिगणों की ओर से उनका पक्ष रखने का कोई अधिकारपत्र है? यदि नहीं तो फिर इनको सुनने का कोई मतलब नहीं क्योंकि ये सिर्फ संस्थान में चाय-पानी का बंदोबस्त करते हैं और डाक डिस्पैचर की भूमिका में रहते हैं। इनके अधिकारी बाद में ऊपरी अदालत में जाकर ये कहते है कि हमको तो सुना ही नहीं गया।कंपनी खुद सतेंद्र अवस्थी की ओर से रखे गए पक्ष को अपना पक्ष होने से मुकर जाती है। शिकायतकर्ता मनोज शर्मा ने ये भी कहा कि सतेंद्र अवस्थी ऑफ रोल कर्मचारी हैं। इनका एचटी से कोई मतलब नहीं। ना ही ये प्रबन्धन का हिस्सा हैं।

मनोज शर्मा, राजेश्वर विश्वकर्मा, निर्मल कांत शुक्ला की आपत्ति को उपश्रमायुक्त ने स्वीकार कर हिंदुस्तान प्रबंधन की ओर से आये सतेंद्र अवस्थी को नहीं सुना। फजीहत होती देख सतेंद्र अवस्थी खुद ही चुपचाप डीएलसी कार्यालय से खिसक लिए। अब उपश्रमायुक्त ने हिंदुस्तान के एचआर डायरेक्टर राकेश सिंह गौतम, बरेली यूनिट के जीएम योगेंद्र सिंह, बरेली के स्थानीय संपादक मनीष मिश्र को नोटिस जारी कर 16 अक्टूबर को तलब किया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement