लगता है कि दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिन्दुस्तान ने पुराना मैटर रिपीट करने की कसम खा रखी है। हिन्दुस्तान के 31 जुलाई के अंक के पेज नंबर 11 (हेल्थ तरक्की) में जो सुडोकू 3503 नंबर से प्रकाशित किया गया है, वही सुडोकू 27 जुलाई के पेज नंबर 11 (जीने की राह) पर 3499 नंबर से पहले ही प्रकाशित किया जा चुका है। इतना ही नहीं सुडोकू नं. 3499 का जो उत्तर 28 जुलाई के पेज नं. 11 (धर्मक्षेत्रे) पर छपा है, वही उत्तर 01 अगस्त के पेज नं 11 (मनोरंजन) पर 3503 नंबर से प्रकाशित किया गया है।
हिन्दुस्तान में मैटर रिपीट करने का यह कोई पहला केस नहीं है। इससे पहले भी सुडोकू रिपीट हो चुका है। मार्च 2015 में भी हिन्दुस्तान एस्टेट सप्लीमेंट में 2013 में छपा एक पूरा का पूरा पेज ज्यों का त्यों छाप दिया गया था। इस संदर्भ में दो लोगों का नाम सामने आया था, हिन्दुस्तान एस्टेट पेज के प्रभारी विजय मिश्रा और उनको मैटर सप्लाई करने वाले विभाग के ही एक पत्रकार राजीव रंजन।
इसकी सजा के तौर पर हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक आदरणीय श्री शशि शेखर जी ने दो पत्रकारों को रिजाइन करने के लिए मजबूर कर दिया था, पर श्रीमान राजीव रंजन फीचर विभाग की प्रभारी की कृपा दृष्टि के चलते साफ-साफ बच गए थे। बाद में इन्हीं राजीव रंजन साहब को प्रमोशन दे कर चीफ सब एडिटर भी बना दिया गया।
ज्ञात हो कि हिन्दुस्तान फीचर विभाग की प्रभारी जयंति रंगनाथन हैं।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित
Comments on “वाह- वाह : ‘हिंदुस्तान’ की कसम, खबरें रिपीट करेंगे हम !”
भ्रामक हेडिंग तो न लगाओ मेरे भाई….