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उत्तर प्रदेश

लखनऊ में जागरण का रिपोर्टर बताकर पांच लाख मांग रहा जालसाज दबोचा गया

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्लर्क अजय कुमार वर्मा से खुद को दैनिक जागरण का संवाददाता बताकर एक जालसाज ने जब पांच लाख रुपये मांग तो वर्मा ने पुलिस को सूचना दे दी। विनयखंड, गोमतीनगर निवासी आरोपी समेंद्र नाथ शुक्ला को बाद में मेडिकल कॉलेज चौराहे के निकट पुलिस ने दबोच लिया। रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि आरोपी प्राधिकरण में ही ठेकेदारी करता है। 

<p>लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्लर्क अजय कुमार वर्मा से खुद को दैनिक जागरण का संवाददाता बताकर एक जालसाज ने जब पांच लाख रुपये मांग तो वर्मा ने पुलिस को सूचना दे दी। विनयखंड, गोमतीनगर निवासी आरोपी समेंद्र नाथ शुक्ला को बाद में मेडिकल कॉलेज चौराहे के निकट पुलिस ने दबोच लिया। रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि आरोपी प्राधिकरण में ही ठेकेदारी करता है। </p>

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्लर्क अजय कुमार वर्मा से खुद को दैनिक जागरण का संवाददाता बताकर एक जालसाज ने जब पांच लाख रुपये मांग तो वर्मा ने पुलिस को सूचना दे दी। विनयखंड, गोमतीनगर निवासी आरोपी समेंद्र नाथ शुक्ला को बाद में मेडिकल कॉलेज चौराहे के निकट पुलिस ने दबोच लिया। रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि आरोपी प्राधिकरण में ही ठेकेदारी करता है। 

हरदोई जिले के रहने वाले एवं प्राधिकरण की रजिस्ट्री सेल में कार्यरत वर्मा के अनुसार आरोपी मूलरूप से ग्राम तपियाशुक्ल, जिला सिद्धार्थनगर का निवासी है और विनयखंड गोमतीनगर में किराए के मकान में रहता है। वह पत्नी के साथ पार्टनरशिप में शिवा एसोसिएट्स के नाम से फर्म का रजिस्ट्रेशन कराकर प्राधिकरण में ठेकेदारी करता है। 

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प्राधिकरण के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पप्पू दुबे ने वर्मा से ये कहकर उनको समेंद्र से मिलवाया था कि वह दैनिक जागरण में पत्रकार है। समेंद्र झूठे मामलों में फंसाने की खबर जागरण में छापने की धमकी देकर वर्मा से पांच लाख रुपये मांगे। समेंद्र ने एक दिन धमकाते हुए वर्मा को दैनिक जागरण चौराहे के पास बुला लिया। 

इसके लगभग दो सप्ताह बाद वर्मा ने चुपचाप समेंद्र की पुलिस से शिकायत कर दी। 14 मार्च 2015 को दोपहर में वर्मा ने सुनियोजित तरीके से समेंद्र को मेडिकल कॉलेज चौराहे पर बुला लिया। उसके पहुंचते हुए पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। बताया गया है कि वर्मा की भूमिका भी असंदिग्ध नहीं है। उसका समेंद्र से पुराना मेलजोल है। कोई खेल बिगड़ने पर उसने पुलिस की शरण ले ली है। 

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