ये भी हो गया। बॉस की ऑफिस में पिटाई का कारनामा। एक ट्रेनी सब एडिटर ने अपने गुस्से-क्षोभ का प्रदर्शन यूं किया कि अब वो पुलिस-थाने के चक्कर लगाएगा।
अमर उजाला अखबार के ब्यूरो चीफ ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इसमें विस्तार से पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया गया है। पीड़ित ब्यूरो चीफ का नाम है जीतेन्द्र जीत। ये हरियाणा के हिसार जिले के ब्यूरो चीफ हैं।
एफआईआर पढ़ने से पता चलता है कि ट्रेनी मीडिया कर्मी को ट्रायल पीरियड पूरा होने से पहले ही विभिन्न आरोप लगाकर हटा दिया गया जिससे वो काफी नाराज हो गया था।
पढ़ें एफआईआर-
One comment on “नौकरी से निकाला तो ब्यूरो चीफ को ऑफिस में ही पीट दिया!”
भाई साहब……यह भी होना जरूरी था क्योंकि सभी बड़े मीडिया संस्थानों के द्वारा चुनाव से 6 महीने पहले से ही विभिन्न प्रकार के सपने दिखा कर फोटोजर्नलिस्ट और रिपोर्टिंग के लिए नए लड़कों को रख लिया जाता है और चुनाव बीत जाने के बाद उन्हें इसी तरह से विभिन्न आरोप लगाकर निकाले जाते हैं ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है, यह घटना पुलिस रिकॉर्ड तक पहुंच गई इसलिए बात बड़ी हो गई, अन्यथा अमूमन सभी जिलों की यही हाल है ऐसी कतिथ नियुक्तियों पीछे सीधे ब्यूरो चीफ या वहां के छोटे-मोटे कर्मचारी होते हैं जिन्हें या जिनके स्थानीय पहचान के बदौलत उनके कंधे का इस्तेमाल कर नए लड़कों को संस्थान के द्वारा ऊपर से नीचे तक सभी के जानकारी में रखवाया जाता है जो बाद में चुनाव खत्म होने के बाद उन्हीं के द्वारा हटवाया भी जाता है इस हटाए जाने तक यह ने पत्रकार सभी तरह से बहुत ही खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि अपनी तेजी के कारण कुछ महीनों में ही यह शासन प्रशासन में अच्छी पकड़ बना लेते हैं और यह उन्हीं रेगुलर पत्रकारों के साथ ही निर्द्वन्द्व हो जाते हैं डर और भय नाम की चीज इसलिए उनके ऊपर नहीं होती है क्योंकि अभी इनके ऊपर किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है लिहाजा इस तरह की घटनाएं हो जाना कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है, ऐसे नई नवेले लोगों को सपने दिखा कर नौकरी परमानेंट करने के नाम पर उनका हर प्रकार का शोषण भी किया जाता है, जो उनकी पर्सनल दुश्मनी या खुन्नस का कारण बनता है।
एक पत्रकार