मध्य प्रदेश के पत्रकार और लेखक अमिताभ बुधौलिया अपने चौथे उपन्यास ‘कड़कनाथ’ को लेकर चर्चा में हैं। यह एक राजनीतिक व्यंग्य है। अभी प्री-बुकिंग शुरू हुई है। कुछ दिनों बाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अमिताभ ने उपन्यास भेंट किया।
उपन्यास की कहानी कुछ यूं है- सियासत हो समाज; मुर्गा हर जगह अपने पंख फड़फड़ाता है! मौके-बेमौके कहीं मुर्गा ‘खाया’ जाता है, तो कहीं किसी को ‘मुर्गा बनाया’ जाता है! बिना खाए-पीये न देश चलता है और न दुनिया। खैर, यह कहानी मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले आलीराजपुर के एक दूरस्थ गांव की रहने वाली बदली और उसके ‘प्रिय कड़कनाथ’ के इर्द-गिर्द घूमती है। एक राजनीति पार्टी ने सीट आरक्षित होने से मजबूरी में सरंपच के लिए बदली को चुनाव में खड़ा किया था। लेकिन प्रतिद्वंद्वी नेता को यह चुभ रहा था। लिहाजा उसने कड़कनाथ को ही ‘पॉलिटिक्स’ में फंसाने की साजिश रची, क्योंकि बदली के लिए कड़कनाथ से प्रिय कुछ भी नहीं था। कड़कनाथ से शुरू हुई यह राजनीतिक लड़ाई भगोरिया पर्व पर एक रोमांचक मोड़ पर जाकर टिकती है। आखिर कड़कनाथ के चलते क्या-क्या कांड होते हैं, यह जानने के लिए पढ़िए-राजनीति व्यंग्य उपन्यास-कड़कनाथ!
इस जबरदस्त उपन्यास की प्री-बुकिंग शुरू है…बुक करने के लिए 8376835301 पर अपना पता भेज कर 330/- रुपये इसी नंबर पर हस्तान्तरित करके कन्फर्म करें…
1978 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में जन्मे अमिताभ भोपाल में रहते हैं। कड़कनाथ से पहले तीन उपन्यास, एक कविता संग्रह और एक व्यंग्य काव्य संग्रह छप चुका है। अमिताभ पेशे से पत्रकार है। फिल्म लेखन, वृत्तचित्र, विज्ञापन और गीत आदि में भी प्रयोग करते रहते हैं।