Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

जस्टिस काटजू का यह जवाब वो पत्रकार शायद ही कभी भूल पाएगा…

Khushdeep Sehgal : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ‘इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ’ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे…वहां किसी टीवी पत्रकार ने जस्टिस काटजू से सलमान ख़ान के बयान (भारी शूटिंग शेड्यूल के बाद रेप की शिकार महिला जैसा फील करता हूं) पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा… इस सवाल पर जस्टिस काटजू ने पत्रकार को ऐसा जवाब दिया जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएगा…

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Khushdeep Sehgal : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू 'इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ' के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे...वहां किसी टीवी पत्रकार ने जस्टिस काटजू से सलमान ख़ान के बयान (भारी शूटिंग शेड्यूल के बाद रेप की शिकार महिला जैसा फील करता हूं) पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा... इस सवाल पर जस्टिस काटजू ने पत्रकार को ऐसा जवाब दिया जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएगा...</p>

Khushdeep Sehgal : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू ‘इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ’ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे…वहां किसी टीवी पत्रकार ने जस्टिस काटजू से सलमान ख़ान के बयान (भारी शूटिंग शेड्यूल के बाद रेप की शिकार महिला जैसा फील करता हूं) पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा… इस सवाल पर जस्टिस काटजू ने पत्रकार को ऐसा जवाब दिया जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएगा…

Advertisement. Scroll to continue reading.

जस्टिस काटजू का जवाब उन्हीं के शब्दों में…”आप पत्रकारों को शर्म नहीं आती कि आप एक फिल्म स्टार ने जो कहा, उसे हाईलाइट करते हो…दाल, सब्जी की आसमान छूती कीमतों से परेशानी और भारी बेरोज़गारी आपको नज़र नहीं आती जो भारतीय लोगों के असली मुद्दे हैं…आप में से ज़्यादातर मीडियाकर्मी भारत की हक़ीक़त जैसे कि बेहद गरीबी, बेरोज़गारी, महंगाई, कुपोषण( भारत में हर दूसरा बच्चा कुपोषित है), स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, शिक्षा की बदहाली आदि की अनदेखी करते हो…इन सबकी जगह फिल्म स्टार्स, क्रिकेट (भारतीय लोगों की अफीमों में से एक), बाबाओं, ज्योतिष, तुच्छ राजनीति (जिसका स्तर भारत में हद से ज़्यादा गिर गया है) आदि को ही हाईलाइट करते रहते हो…जैसे कि यही देश के असली मुद्दे हैं…ये है वो धरातल जहां भारतीय मीडिया का अधिकतर हिस्सा पहुंच चुका है”…

जस्टिस काटजू के ये हार्डहिटिंग शब्द हालात में कोई बदलाव कर पाएंगे, इसकी गुंजाइश ‘निल बटा सन्नाटा’ ही है… छोड़िए ना जस्टिस काटजू को…वे तो ऐसे ही बोलते रहते हैं..आइए कभी सरकारों की सालगिरह का जश्न मनाते है…कभी योग उत्सव मनाते हैं…ऐसे ही मज़े मज़े में टाइम काटते चलते हैं… ये भारत के असली-वसली मुद्दे रहने दीजिए ना पी साईंनाथ जैसे पत्रकार के लिए…

Advertisement. Scroll to continue reading.

कई अखबारों चैनलों में कार्य कर चुके और आजकल न्यूज24 के डिजिटल विंग के हेड पत्रकार खुशदीप सहगल के एफबी वॉल से.

यह भी पढ़ें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement