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सियासत

विजयवर्गीय के भड़कने का कुछ तो मतलब… पांचवी बार शिवराज नहीं!

कीर्ति राणा-

इंदौर के क्षेत्र क्रमांक एक से चुनाव जीते कैलाश विजयवर्गीय मीडिया के इस सवाल पर भड़क गए कि मप्र में भाजपा को मिली प्रचंड जीत का कारण लाड़ली बहना योजना रही है! उनका कहना था यह मप्र में मिली प्रचंड जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तो लाड़ली बहना योजना थी नहीं, वहां भी तो एकतरफा जीत मिली है। मप्र में पार्टी को मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने एक तरह से संकेत दे दिया है कि अब शिवराज सिंह को पांचवीं बार प्रदेश की कमान सौंपने की उदारता केंद्रीय नेतृत्व शायद ही दिखाए।

लाड़ली बहना योजना वाले सवाल पर भड़कना यह संकेत भी दे रहा है कि मप्र के भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में उनका नाम भी आगे है और चुनाव परिणाम से पहले वे मप्र में भाजपा को मिलने वाली प्रचंड जीत वाली अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सौंप चुके थे। शिवराज का पांचवीं बार सीएम बनना सीधे-सीधे गुजरात में मुख्यमंत्री रहे मोदी के कद को छोटा करना भी होगा, क्योंकि खुद नरेंद्र मोदी लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। यदि पांचवीं बार शिवराज सिंह को मप्र की कमान सौंपी जाती है तो वे भाजपा शासित राज्यों में सबसे अधिक समय रहने वाले मुख्यमंत्री हो जाएंगे।

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केंद्रीय नेतृत्व यह कैसे सहन करेगा कि किसी राज्य का मुख्यमंत्री मोदी के कद से ऊपर उठा नजर आए? उनसे पहले देश के विभिन्न राज्यों में चार बार जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे हैं वो गैर भाजपा दलों के रहे हैं। सिक्किम में पवन कुमार चामलिंग 24 सालों तक कार्यकाल संभालते रहे। इन्होंने पहली बार 12 दिसंबर 1994 को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने साल 1977 से 2000 तक यानी 23 सालों तक राज्य में सत्ता संभाली। पहली बार साल 1977 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अरुणाचल में गेगांग अपांग साल ने 19 सालों तक यहां सत्ता संभाली है।

हिमाचल प्रदेश मेें वीरभद्र सिंह ने 1983 से 1990, 1993 से 1998, 2003, 2007 और 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। त्रिपुरा में माणिक सरकार करीब 1998 से 2018 तक (19 साल) मुख्यमंत्री रहे हैं। ओडिशा में नवीन पटनायक बीते 19 सालों से मुख्यमंत्री हैं। 2000 में उन्होंने शपथ ली। तमिलनाडु में एम (मुथुवेल) करुणानिधि 18 साल तक रहे। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री कांग्रेस के यशवंत सिंह परमार 18 साल सीएम रहे। पंजाब के (स्व) प्रकाश सिंह बादल 17 साल तक मुख्यमंत्री रहे।

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