मान्यवर, दैनिक भास्कर पत्र समूह के संपादक श्री रमेशचंद्र अग्रवाल का एक पत्र 26 दिेसंबर के अंक मे पूरे पहले पेज पर प्रकाशित हुआ है। इसमें टाइम्स आफ इंडिया को पछाड़ कर भास्कर के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार बनने का दावा किया गया है। पाठक का दर्द बयान करने वाला अपना पत्र आपको प्रेषित कर रहा हूं, भड़ास पर प्रकाशनार्थ।
सादर।
श्रीप्रकाश दीक्षित
एचआईजी-108,गोल्डन वैली हाईटस
आशीर्वाद कालोनी के पीछे ,कोलार रोड,
भोपाल-462042
रमेशचंद्र अग्रवाल के नाम एक पाठक का पत्र
मान्यवर, मैं एक वरिष्ठ नागरिक, हिंदी का जागरूक पाठक और जानकार शहरी होने के साथ एक स्वतंत्र पत्रकार भी हूँ. सबसे पहले मेरी बधाई कबूल करें. भास्कर की उपलब्धि इसलिए भी खास है कि पहली बार हिंदी के किसी अख़बार ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया सरीखे अंग्रेजी के दिग्गज अख़बार को चारों खाने चित्त किया है. पर साथ ही यह भी कहने की जुर्रत कर रहा हूँ कि पिछले कुछ सालों से एक पाठक के नाते भास्कर ने मुझे बेहद निराश किया है. मुझे यह कहने की भी अनुमति दें कि भास्कर से पत्रकारिता तो तक़रीबन गायब ही हो गई है, बस बाजार और सिर्फ बाजार ही नजर आता है! जिस पत्रकारिता ने भास्कर और आपको इस मुकाम तक पहुँचाया उसी को आप और आपके काबिल बेटों ने करीब करीब त्याग ही दिया है. जिस हिंदी ने आपको अभूतपूर्व प्रतिष्ठा, बेशुमार दौलत, मिल और मॉल आदि दिए उसके साथ भास्कर कैसा बर्ताव कर रहा है? अंगरेजी का बेहूदा इस्तेमाल कर हिंदी को दोयम दर्जे का बनाने का दुस्साहस किया जा रहा है. मैं यह भी कहना चाहूँगा कि अपराजेय कोई भी नहीं है. कभी राष्ट्रीय हिंदी पत्रकारिता में ध्रुव तारे की तरह चमकने वाला नईदुनिया आज कहाँ है? नवभारत तो बाजार से गायब ही हो चुका है. आप कह रहे हैं कि पाठक ही भास्कर की पूंजी और प्राथमिकता है! यदि वाकई में ऐसा है तो ज्वलंत और विवादस्पद मुद्दों पर क्यों संपादकीय लगभग नहीं लिखे जा रहे हैं? दार्शनिक अन्दाज में लिखे जा रहे लम्बे चौड़े संपादकीय पढने और उन्हें समझने का समय किसके पास है? पाठक से सीधे जुड़ने वाले संपादक के नाम पत्र कालम को बंद क्यों कर दिया गया है? कुल मिलकर पाठक ही आपसे कहीं बहुत पीछे छूट गया लगता है! आपके लिए नि:संदेह यह समय सेलेब्रेट करने, गर्व करने और भाव विभोर होने का है लेकिन यह समय आत्मचिंतन करने का भी है. यदि आप आहत हुए हों तो मैं अपने लिखे पर माफ़ी चाहूँगा. इसे मैं दैनिक भास्कर के facebook पेज पर पोस्ट कर चुका हूँ.
श्रीप्रकाश दीक्षित
एचआईजी-108,गोल्डन वैली हाईटस
आशीर्वाद कालोनी के पीछे ,कोलार रोड,
भोपाल-462042
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दैनिक भास्कर देश में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार
soumitra roy
December 29, 2014 at 3:41 pm
बतौर पाठक (तकनीकी भाषा में) मैं श्रीप्रकाश जी की बात का समर्थन करता हूं। ये मेरे भी सवाल हैं। कृपया बताएं कि क्या भास्कर मंगवाना बंद कर दूं ? अगर आपको अपने अखबार की श्रेष्ठता पर इतना भरोसा है, तो कृपया इस पत्रकारिता को जारी रखें। मैं दूसरे अखबारों में अपनी पसंद की पत्रकारिता ढूंढ़ंगा, वरना अखबार मंगवाने के बजाय नेट से ही अपडेट हो जाऊंगा।