अपने कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड न देने वाले रमेशचंद्र अग्रवाल अपने साथ कुछ न ले जा सके!

देश के प्रसिद्ध समाचार पत्र दैनिक भास्कर को संचालित करने वाली कंपनी डीबी कार्प के चेयरमैन रमेशचंद अग्रवाल कल अहमदाबाद में ईश्वर को प्यारे हुए और खाली हाथ ही दुनिया से चले गए. अपने इतने बड़े साम्राज्य में से कुछ भी अपने साथ न ले जा सके. रमेश चंद्र अग्रवाल ने जीते जी अपने कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से एरियर और वेतन न देने की जिद कर रखी थी और दिया भी नहीं. मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. मजीठिया वेज बोर्ड न दिए जाने की सबसे ज्यादा शिकायत दैनिक भास्कर समूह से ही आई है.

भास्कर ग्रुप के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

पेशी से कन्नी काटने पर पंजाब की कोर्ट ने ‘आज़ाद सोच’ के दावे वाले अखबार दैनिक भास्कर ग्रुप चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के खिलाफ अंततः नॉन बेलएबल वारंट जारी किए. पंजाब से जल्द रवाना होगा विशेष तामीली टीम. हत्थे चढ़े तो लाकर कोर्ट में पेश किए जाएंगे चेयरमैन रमेश अग्रवाल. एक मासूम आरोपी की पहचान उजागर करने के मामले में कोर्ट ने किया है तलब.

भारतीय टीवी न्यूज इंडस्ट्री में बड़ा और नया प्रयोग करने जा रहे हैं दीपक शर्मा समेत दस बड़े पत्रकार

(आजतक न्यूज चैनल को अलविदा कहने के बाद एक नए प्रयोग में जुटे हैं दीपक शर्मा)


भारतीय मीडिया ओवरआल पूंजी की रखैल है, इसीलिए इसे अब कारपोरेट और करप्ट मीडिया कहते हैं. जन सरोकार और सत्ता पर अंकुश के नाम संचालित होने वाली मीडिया असलियत में जन विरोधी और सत्ता के दलाल के रूप में पतित हो जाती है. यही कारण है कि रजत शर्मा हों या अरुण पुरी, अवीक सरकार हों या सुभाष चंद्रा, संजय गुप्ता हों या रमेश चंद्र अग्रवाल, टीओआई वाले जैन बंधु हों या एचटी वाली शोभना भरतिया, ये सब या इनके पिता-दादा देखते ही देखते खाकपति से खरबपति बन गए हैं, क्योंकि इन लोगों ने और इनके पुरखों ने मीडिया को मनी मेकिंग मीडियम में तब्दील कर दिया है. इन लोगों ने अंबानी और अडानी से डील कर लिया. इन लोगों ने सत्ता के सुप्रीम खलनायकों को बचाते हुए उन्हें संरक्षित करना शुरू कर दिया.

रमेशचंद्र अग्रवाल के नाम दैनिक भास्कर के एक पाठक का पत्र

मान्यवर, दैनिक भास्कर पत्र समूह के संपादक श्री रमेशचंद्र अग्रवाल का एक पत्र 26 दिेसंबर के अंक मे पूरे पहले पेज पर प्रकाशित हुआ है। इसमें टाइम्स आफ इंडिया को पछाड़ कर भास्कर के सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार बनने का दावा किया गया है। पाठक का दर्द बयान करने वाला अपना पत्र आपको प्रेषित कर रहा हूं, भड़ास पर प्रकाशनार्थ।
सादर।                     
श्रीप्रकाश दीक्षित
एचआईजी-108,गोल्डन वैली हाईटस                                       
आशीर्वाद कालोनी के पीछे ,कोलार रोड,        
भोपाल-462042       

दैनिक भास्कर देश में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार

प्रिय पाठकों,

भास्कर के लाखों पाठक परिवारों को नमन के साथ, मुझे यह बताते हुए खुशी है कि आपका अपना अखबार दैनिक भास्कर अब देश का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला अखबार हो गया है। समाचार पत्रों की विश्वसनीय संस्था ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (ABC) ने अपनी जनवरी-जून 2014 की रिपोर्ट में यह प्रमाणित किया है कि किसी भी भाषा में निकलने वाले अखबारों में दैनिक भास्कर की प्रसार संख्या देश में सबसे ज्यादा है।

इस संपादक के काले कारनामों से पूरा अजमेर और मीडिया वाकिफ है

: तेरह साल मीडिया में काम करने के बावजूद एक वरिष्ठ साथी ने इतना सा सहयोग नहीं किया : आपके सामने होता तो आपके मुंह पर थूक कर जाता : अभी दो दिन पहले मैंने और मेरे रिश्तेदार अधिकारी ने दो गलती की…मेरे रिश्तेदार को अपनी गलती पर पछतावा होगा या नहीं…ये तो मैं नहीं जानता…लेकिन मुझे मेरी गलती पर कोई पछतावा नहीं…वे रिश्तेदार राजस्थान रोडवेज में अजमेर आगार में आगार प्रबंधक है और जयपुर के एक विधायक के छोटे भाई हैं…दो दिन पहले उनका परिवार जयपुर से अजमेर के लिए अजमेर आगार की बस में बैठकर रवाना हुआ…इसमें उनका निजी परिवार और आश्रित माँ के आलावा शायद एक दो लोग और थे…बस कंडेक्टर ने इस मामले की जानकारी सिन्धी कैंप से अजमेर आगार प्रबंधन को दे दी…

एक नामचीन अखबार के मालिक ने एक महिला को शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किया, फिर निकाल बाहर किया

Sumant Bhattacharya : चौबीस साल की पत्रकारिता में यही पाया कि सत्ता में बैठे ज्यादातर मर्दों के लिए अपनी ताकत और ओहदे का आखिरी मकसद सिर्फ औरत का जिस्म हथियाना ही है।सत्ता के ताकत का अंतिम लक्ष्य। यदि कोई आकर्षक महिला नज़र में उतर गई तो यकीन मानिए, बहुतेरे अधिकारी, मंत्री, सांसद, विधायक, संपादक, प्रोफेसर और सीइओ अपनी पूरी मेघा और समूचे कायनात की ताकत उस महिला को जिस्मानी तौर पर हासिल करने में लगा देगा। यहां रेखांकित कर दूं कि तमाम अच्छे इंसान भी इनमें। लेकिन वो नैतिक तौर पर पस्त समाज के सामने खामोश ही बने रहते हैं।

सुमंत भट्टाचार्य

रमेश चंद्र अग्रवाल के कुकर्मों पर रेप पीड़िता लिख रही हैं किताब, मामले की कोर्ट में सुनवाई 29 अक्टूबर को

शादी का झांसा देकर पहले पति से तलाक दिलाना फिर खुद लगातार बलात्कार करने वाले भास्कर समूह के चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल के कुकर्मों पर किताब लिखने की तैयारी कर रही है रेप पीड़िता. भड़ास4मीडिया से बातचीत में जयपुर निवासी 45 वर्षीय पीड़िता ने बताया कि रमेश चंद्र अग्रवाल ने जो जो किया, कहा और जिया है, उस वह किताब में लिखेगी. पीड़िता का कहना है कि मीडिया का उसे बिलकुल सपोर्ट नहीं मिल रहा है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईटीवी से लेकर पत्रिका तक के लोग जाते हैं लेकिन कोई खबर छापता दिखाता नहीं है. साथ ही पूरे मामले में पुलिस प्रशासन का रोल भी नकारात्मक है.