Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

लोकमत प्रबंधन की प्रताड़नाओं ने बुझा दिया एक दीपक

: लोकमत समाचार पत्र समूह के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं से हार गए दीपक नोनहारे :  नागपुर :  लोकमत समाचारपत्र समूह के मगरूर प्रबंधन के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं के आगे ‘लोकमत समाचार’ का एक पत्रकार पराजित हो गया. ‘लोकमत समाचार’ में पिछले 25 सालों से व्यापार-व्यवसाय डेस्क संभाल रहे दीपक नोनहारे ने गुरुवार 6 नवंबर की दोपहर को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो अस्पताल) नामक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया.

<p>: <span style="font-size: 14pt;">लोकमत समाचार पत्र समूह के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं से हार गए दीपक नोनहारे</span> :  नागपुर :  लोकमत समाचारपत्र समूह के मगरूर प्रबंधन के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं के आगे ‘लोकमत समाचार’ का एक पत्रकार पराजित हो गया. ‘लोकमत समाचार’ में पिछले 25 सालों से व्यापार-व्यवसाय डेस्क संभाल रहे दीपक नोनहारे ने गुरुवार 6 नवंबर की दोपहर को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो अस्पताल) नामक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया.</p>

: लोकमत समाचार पत्र समूह के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं से हार गए दीपक नोनहारे :  नागपुर :  लोकमत समाचारपत्र समूह के मगरूर प्रबंधन के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं के आगे ‘लोकमत समाचार’ का एक पत्रकार पराजित हो गया. ‘लोकमत समाचार’ में पिछले 25 सालों से व्यापार-व्यवसाय डेस्क संभाल रहे दीपक नोनहारे ने गुरुवार 6 नवंबर की दोपहर को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो अस्पताल) नामक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया.

दीपक पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. इससे पूर्व उन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भरती किया गया था, जहां से ठीक होकर वे घर वापस आ गए थे. बुधवार 5 नवंबर को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और उन्हें मेयो अस्पताल में दाखिल किया गया, जहां गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांसें ली.  दीपक नोनहारे पिछले कुछ माह से ‘लोकमत समाचार’ से बाहर थे. उनका नई दिल्ली ट्रांसफर किया गया था, जिसका उन्होंने विरोध किया था. औद्योगिक न्यायालय नागपुर ने इस तबादले पर रोक लगा दी थी, मगर लोकमत प्रबंधन ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया था. प्रबंधन इस स्थगनादेश के विरोध में हाई कोर्ट गया था. 5 नवंबर को इस मामले पर फैसला आना था, मगर किसी कारण से तारीख आगे बढ़ाकर 10 नवंबर कर दी गई थी, लेकिन दीपक उससे पहले ही दुनिया छोड़ गए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दीपक को पिछले साल भर से लोकमत प्रबंधन प्रताड़ित कर रहा था. दरअसल, दीपक ने पिछले साल नवंबर में कागज के उन टुकड़ों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था जिस पर सारे कर्मचारियों ने चुपचाप हस्ताक्षर कर दिए थे. इन कागजों में लोकमत श्रमिक संघटना से कोई संबंध नहीं होने और मजीठिया के संबंध में कुछ लिखा था. बस, वही दिन दीपक की जिंदगी से उनकी खुशियां छीन ले गया था. नवंबर-दिसंबर 2013 में बीमार होने के कारण उन्होंने एक माह का अवकाश लिया था, मगर उनके मेडिकल सर्टिफिकेट को अस्वीकार कर दिया गया था. एक माह की तनख्वाह भी काट ली गई थी. उसके बाद एक दिन अचानक उनका तबादला नई दिल्ली कर दिया गया. बिना प्रमोशन के, उसी वेतन पर. उसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई में भी वे जीतते गए, मगर इससे उपजे तनाव तथा डिप्रेशन को वे झेल नहीं पाए. मई से उनका वेतन भी बंद कर दिया गया था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी. इसके चलते वे अपना इलाज भी ठीक से नहीं करा पाए.

दीपक पिछले 25 साल से भी अधिक समय से ईमानदारी और मेहनत से व्यापार-व्यवसाय के पेज देख रहे थे, मगर वे सीनियर सब एडीटर से आगे नहीं बढ़ पाए थे. वैसे भी, लोकमत प्रबंधन कभी ईमानदारी और मेहनत से काम करने वालों को उनका हक नहीं देता. सिटी में रहते हुए दीपक के बॉस हमेशा ऐसे लोग रहे जो उनसे सालों जूनियर थे. चूंकि दीपक सिर्फ अपने काम में ही मग्न रहने वाले इंसान थे, किसी की सिफारिश और चापलूसी उन्हें छू तक नहीं गई थी. चुपचाप रहते, सब-कुछ सहते रहते. कभी लोकमत श्रमिक संघटना से जुड़े रहे, मगर उससे भी अलग होकर अकेले ही लोकमत प्रबंधन के अन्याय से लड़ते रहे. मगर ताकतवर प्रबंधन से वे जीत नहीं पाए. इस प्रबंधन ने अपनी आदत के मुताबिक उन्हें जीतने नहीं दिया. 

Advertisement. Scroll to continue reading.

(साप्ताहिक ‘विदर्भ समाज’ में छपी खबर के आधार पर)

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement