लोकमत समूह का हिंदी न्यूज चैनल लांच कराएंगे पुण्य प्रसून बाजपेयी!

चर्चा है कि वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने एंकर पुण्य प्रसून बाजपेयी लोकमत समूह का न्यूज चैनल लांच कराने की तैयारी कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चैनल लांच करो अभियान के तहत एक के बाद एक धड़ाधड़ हिंदी चैनल्स लांच हो रहे हैं. स्वराज एक्सप्रेसर, टीवी9 हिंदी, रिपब्लिक भारत के बाद अब …

65 employees sacked in Lokmat Group

The premier trade union of newspaper employees in Nagpur has membership in the leading chain of newspapers “Lokmat”(Marathi), “Lokmat Samachar” (Hindi) and “Lokmat Times” (English) spread throughout Maharashtra.  It is significant to note that even journalists are members of the Union.  It has a branch of the union at Goa too.  One Shri  who is working on contract basis was elected President of the Goa Unit.

मजीठिया पर नए कोर्ट आर्डर के बाद लोकमत प्रबंधन ने 2400 मीडियाकर्मियों का कांट्रेक्ट रिनुअल लटकाया

मजीठिया वेज बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे बड़ा झटका लोकमत अखबार को लगा है। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोकमत समूह में ठेका कर्मचारी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 19 जून 2017 के आदेश में साफ कर दिया है कि ठेका कर्मचारियों को भी मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलेगा। अब लोकमत प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सबसे ज्यादा सांसत में फंस गया है।

मजीठिया न देना पड़े इसलिए कर्मियों पर वीआरएस का दबाव बना रहा लोकमत

महाराष्ट्र का नंबर वन अखबार कहलाने वाला लोकमत मजीठिया वेतन आयोग की पूरी राशि कर्मचारियों को न देने के लिए हर पैंतरा अपनाने की कोशिश कर रहा है. परमानेंट स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए 100 से ज्यादा कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है. बता दें कि लोकमत ने अपने कर्मचारियों को अब तक मजीठिया का आंशिक भुगतान ही किया है.

मजीठिया क्रान्ति : लोकमत के पांच और मीडिया कर्मियों ने लगाया क्लेम

मुंबई : महाराष्ट्र में इन दिनों मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और प्रमोशन मांगने वाले मीडियाकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मीडियाकर्मी जोश खरोश के साथ अखबार मालिकों के खिलाफ अपने हक़ के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं। यहाँ लोकमत के 5 और मीडियाकर्मियों ने रिकवरी क्लेम लगाया है।ये सभी कर्मचारी लोकमत की अकोला यूनिट में कार्यरत हैं। इन पांच कर्मचारियों ने असिस्टेंट लेबर कमिश्नर अकोला के यहाँ 17(1) के तहत रिकवरी क्लेम लगाया है।

SUPREME COURT DISMISSES SLP OF LOKMAT GROUP OF NEWSPAPERS

Inspiring story of non journalist employee who succeeds finally after a long battle of 17 years… Gets benefit of regularization and permanency as Teleprinter Operator, Planner with retrospective effect… Held entitled to all the benefits of Palekar, Bachawat Awards…

लोकमत प्रबंधन को अदालत ने फिर दी पटखनी

नागपुर : लोकमत श्रमिक संघटना पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोकमत समाचारपत्र समूह को नागपुर स्थित इंडस्ट्रियल ट्राइब्यूनल ने जोर का झटका दिया है. इंडस्ट्रियल ट्राइब्यूनल ने यूनियन पर इस कब्जे को न सिर्फ अवैध ठहराया है, बल्कि मैनेजमेंट के पिट्टू कर्मचारियों-अफसरों की कथित कार्यकारिणी को बरखास्त भी कर दिया है. साथ ही पुरानी कार्यकारिणी को फिर से बहाल कर दिया गया है. 

लोकमत कर्मी महेश साकुरे की जीत के बाद अखबार मालिकों के कैंप में निराशा

नई दिल्ली। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे दैनिक जागरण के कर्मचारियों के खिलाफ सैकड़ों हथकंडे अपना कर थक हार चुके अखबार मालिकों ने मान लिया है कि वे हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं। अन्य अखबार मालिकों को भी हाल ही में माननीय उच्चतम न्यायालय के लोकमत अखबार के कर्मचारी महेश साकुरे के पक्ष में आये फैसले के बाद ये स्पष्ट रूप से समझ में आ गया है कि अब उन्हें हर हाल में कर्मचारियों को उनका हक़ यानि मजीठिया विद एरियर के साथ देना होगा।

सुप्रीम कोर्ट में ‘लोकमत’ को साकुरे ने दी मात, एरियर 50 लाख और वेतन 40 हजार मिलेगा

नागपुर। दो साल पहले 61 कर्मचारियों को बिना किसी कारण के अवैध रूप से टर्मिनेट करने और कर्मचारियों के शोषण, अन्याय एवं अत्याचार के लिए कुख्यात महाराष्ट्र के कुख्यात लोकमत समाचार पत्र समूह को सुप्रीम कोर्ट से फिर एक बड़ा झटका लगा है. लोकमत के भंडारा कार्यालय में प्लानर के रूप में कार्यरत महेश मनोहरराव साकुरे को सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने और 1998 से लेकर अब तक पालेकर, बछावत, मणिसाना एवं मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार ब्याज के साथ एरियर्स देने का फैसला सुनाया है.

‘लोकमत’ अखबार के मालिक विजय दर्डा ने आरक्षण के खिलाफ पहले पन्ने पर जहरीला लेख लिखा

Dilip C Mandal :  महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक, न्यायप्रिय और समतावादी लोगों का अभिनंदन! शानदार, ज़बरदस्त, ज़िंदाबाद। देश को फुले, सावित्रीबाई, शाहू, बाबासाहेब जैसे महापुरुष देने वाले प्रदेश ने देश को एक बार फिर रास्ता दिखाया है और इसकी गूँज देश के अलग अलग हिस्सों में सुनाई देगी, तो इस बात को याद किया जाएगा कि नींव का पत्थर महाराष्ट्र के लोगों ने रखा था। लोकमत, महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा बिकने वाला समाचारपत्र है और ज़ाहिर है कि समाज के तमाम समूहों के लोग उसे खरीदते हैं।

‘लोकमत समाचार’ ने छिंदवाड़ा और जलगांव संस्करण बंद किया, एमपी के सभी प्रतिनिधियों को हटाया

नागपुर के लोकप्रिय मराठी अखबार ‘लोकमत’ के हिंदी अख़बार ‘लोकमत समाचार’ को लेकर इन दिनों अच्छी खबर सुनने को नहीं मिल रही है। ‘लोकमत समाचार’ के छिंदवाड़ा और जलगांव संस्करणों को बंद किए जाने की सूचना है। इस अखबार ने मध्यप्रदेश में अपने आगमन का संकेत छिंदवाड़ा से ही दिया था! भोपाल में हाल ही में ‘लोकमत’ ने अपना नया ऑफिस भी बनाया था! अंदर की खबर है कि भोपाल ऑफिस भी बंद किया जा रहा है।

लोकमत प्रबंधन की प्रताड़नाओं ने बुझा दिया एक दीपक

: लोकमत समाचार पत्र समूह के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं से हार गए दीपक नोनहारे :  नागपुर :  लोकमत समाचारपत्र समूह के मगरूर प्रबंधन के अन्याय, अत्याचार और प्रताड़नाओं के आगे ‘लोकमत समाचार’ का एक पत्रकार पराजित हो गया. ‘लोकमत समाचार’ में पिछले 25 सालों से व्यापार-व्यवसाय डेस्क संभाल रहे दीपक नोनहारे ने गुरुवार 6 नवंबर की दोपहर को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो अस्पताल) नामक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया.