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मजीठिया से बचने के लिए मार्केटिंग वालो पर गाज गिरा रहे हैं अखबार मालिक

मजीठिया वेजबोर्ड मामले में अखबार मालिक अब मार्केटिंग विभाग के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। खबर है कि मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में अखबार मालिक मार्केटिंग विभाग के लोगों को खराब परफारमेंश का हवाला देकर तेजी से नौकरी से निकाल रहे हैं। अखबार मालिकों की मंशा साफ़ है कि मजीठिया ना देना पड़े और खर्च भी कम हो, इसके लिए तमाम हथकंडे इस्तेमाल किये जायें। मुम्बई सहित झारखंड के कुछ साथियों ने बताया कि वे जिस अखबार में काम करते थे, वहां खूब बिजनेस देते थे मगर विज्ञापन प्रबंधक ने केबिन में बुलाकर जबरी रिजाइन लिखवा लिया और कहा कि मेरे ऊपर काफी दबाव है। कमोबेश हर जगह यही स्थिति है।

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मजीठिया वेजबोर्ड मामले में अखबार मालिक अब मार्केटिंग विभाग के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। खबर है कि मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में अखबार मालिक मार्केटिंग विभाग के लोगों को खराब परफारमेंश का हवाला देकर तेजी से नौकरी से निकाल रहे हैं। अखबार मालिकों की मंशा साफ़ है कि मजीठिया ना देना पड़े और खर्च भी कम हो, इसके लिए तमाम हथकंडे इस्तेमाल किये जायें। मुम्बई सहित झारखंड के कुछ साथियों ने बताया कि वे जिस अखबार में काम करते थे, वहां खूब बिजनेस देते थे मगर विज्ञापन प्रबंधक ने केबिन में बुलाकर जबरी रिजाइन लिखवा लिया और कहा कि मेरे ऊपर काफी दबाव है। कमोबेश हर जगह यही स्थिति है।

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आपको बता दें कि मार्केटिंग विभाग को अखबार का सबसे कमाऊ विभाग माना जाता है। लेकिन अखबार मालिक आखिर अपने इस कमाऊ पूत को क्यों निकाल रहे हैं? इसकी वजह क्या है? इस पर खोजबीन की गयी तो पता चला कि अखबार मालिक मार्केटिंग के कुछ लोगों को निकालकर दूसरों का टारगेट बढाने की योजना बना रहे हैं ताकि टारगेट के खौफ से कर्मचारी भाग जाएं तो उतने ही वेतन पर दो नए कर्मचारी को लाया जाए और जो आएं उन्हें नयी कंपनी में या प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये ज्वाइन कराया जाये ताकि वे मजीठिया ना मांग सकें।

शशिकांत सिंह

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पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट

मुंबई

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9322411335

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