निष्ठुर एचटी प्रबंधन ने नहीं दिया मृतक मीडियाकर्मी के परिजनों का पता, अब कौन देगा कंधा!

नई दिल्ली। अपने धरनारत कर्मी की मौत के बाद भी निष्ठुर हिन्दुस्तान प्रबंधन का दिल नहीं पिघला और उसने दिल्ली पुलिस को मृतक रविन्द्र ठाकुर के परिजनों के गांव का पता नहीं दिया। इससे रविन्द्र को अपनों का कंधा मिलने की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश- ‘मजीठिया वेज बोर्ड के सभी प्रकरण 6 महीने के भीतर निपटाएं’

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अहम फैसला सुनाते हुए देश के सभी राज्यों के श्रम विभाग एवं श्रम अदालतों को निर्देश दिया कि वे अखबार कर्मचारियों के मजीठिया संबंधी बकाये सहित सभी मामलों को छह महीने के अंदर निपटाएं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई एवं नवीन सिन्हा की पीठ ने ये निर्देश अभिषेक राजा बनाम संजय गुप्ता / दैनिक जागरण (केस नंबर 187/2017) मामले की सुनवाई करते हुए दिए।

मजीठिया मामला : नवभारत के 47 मीडियाकर्मियों ने सौपा प्रबंधन को क्लेम डाटा

मुम्बई से एक बड़ी खबर आ रही है। पहली बार यहां किसी अखबार प्रबंधन को सीधे कर्मचारी यूनियन ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार 47 मीडियाकर्मियों का क्लेम का डाटा सौंप दिया है। गुरुवार 7 सितंबर 2017 को पूर्व निर्धारित नवभारत प्रबंधन और महाराष्ट्र मीडिया इंप्लाइज यूनियन नवभारत इकाई कार्यकारिणी की बैठक के दौरान यूनियन से जुड़े सभी 67 सदस्यों में से 47 सदस्यों का मजीठिया क्लेम का डाटाशीट नवभारत के प्रेसिडेंट श्रीनिवास जी को सौंप दी गई।

हड़ताल से उड़ान, बढ़ो बहु, चिड़ियाघर, नामकरण आदि की शूटिंग बंद

मुख्यमंत्री ने बुलाई फेडरेशन और प्रोड्यूसरों की बैठक… फ़िल्म और टीवी कामगार तथा महिला कलाकार और टेक्नीशियन पिछले 7 दिन से हड़ताल पर… अपनी विभिन्न मांगो को लेकर मुम्बई के गोरेगांव पूर्व स्थित फिल्मसिटी स्टूडियो के बाहर भारी बारिश में आमरण अनशन और हड़ताल पर बैठे फ़िल्म और टीवी कामगारों की यूनियनों को नेतृत्व करने वाली फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज और प्रोड्यूसरों की संस्था को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

फिल्म और टीवी कामगारों की हड़ताल शुरू, 40 टीवी सीरियल्स और 10 फिल्मों की शूटिंग ठप

मुंबई : अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सिनेमा और टेलीविजन इंडस्ट्रीज के कामगार और टेक्निशियन 14 अगस्त की रात से हड़ताल पर चले गये हैं। फेडरेशन आफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज संगठन के बैनर तले हो रही इस हड़ताल में २२ यूनियन शामिल हुयी हैं। फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में काम करने वाले 2.50 लाख कर्मचारी हड़ताल पर गये हैं। हड़ताल की वजह से फिल्म की शूटिंग के लिए स्टूडियो बुकिंग भी बंद हो गई है। जहां हमेशा चहलपहल रहती थी उन स्टूडियो में अब सन्नाटा पसर गया है।

मजीठिया समिति की 20 को बैठक, अखबार मालिकों के फर्जी एफिडेविट का मामला उठेगा

मुंबई : देश भर के मीडिया कर्मियों के वेतन और प्रमोशन से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को अमल में लाने के लिए गठित महाराष्ट्र की त्रिपक्षीय समिती की बैठक मुंबई में कामगार आयुक्त कार्यालय के समिती कक्ष में 20 जुलाई को आयोजित की जा रही है। माननीय सुप्रीमकोर्ट के 19 जून को आये आदेश के बाद महाराष्ट्र में ये पहली त्रिपक्षीय समिति की बैठक होगी। इस बैठक में पत्रकारों की तरफ से पांच प्रतिनिधि नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट की महाराष्ट्र महासचिव शीतल हरीश करदेकर, बृहन मुंबई यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट के मन्त्रराज जयराज पांडे, रवींद्र राघवेंन्द्र देशमुख, इंदर जैन कन्वेनर ज्वाइन्ट एक्शन कमेटी ठाणे और किरण शेलार शामिल होंगे।

चर्चित मजीठिया क्रांतिकारी शशिकांत सिंह को एनयूजे (महाराष्ट्र) ने बनाया मजीठिया सेल का समन्यवयक

(शशिकांत सिंह)

दो कद्दावर मजीठिया क्रांतिकारियों ने महाराष्ट्र के मीडिया कर्मियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हाथ मिलाया है। देश के जाने माने मजीठिया क्रांतिकारी शशिकांत सिंह को नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के अध्यक्ष डॉ उदय जोशी और महाराष्ट्र की जनरल सेक्रेटरी शीतल करदेकर ने महाराष्ट्र का मजीठिया सेल का समन्यवक बनाया है। शीतल करदेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाई गई जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की त्रिपक्षीय कमेटी में भी मीडिया कर्मियों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

मजीठिया वेज बोर्ड : काशी में कटी पहली 50 लाख की आरसी

बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी से एक बड़ी खबर आ रही है। यहाँ नार्दन इंडिया पत्रिका यानि एनआईपी के खिलाफ मजीठिया वेज बोर्ड मामले में 50 लाख की रिकवरी सार्टफिकेट जारी की गयी है। यहाँ मजीठिया की लड़ाई की अगुवाई करने वाले समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन को पहली बड़ी सफलता मिली है।

भास्कर पर भारी पड़े पत्रकार धर्मेंद्र : कामगार आयुक्त ने भास्कर प्रबंधन को बकाया एरियर देने का निर्देश दिया

मजीठिया के अनुसार बकाया नहीं देने पर हो सकती है कुर्की…

(दैनिक भास्कर मुंबई के जुझारू पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह)

मुंबई के दैनिक भास्कर अखबार से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह सहित दो महिला कर्मचारियों के मामले में पहली बार कामगार आयुक्त महाराष्ट्र के कार्यालय ने लंबी सुनवाई के बाद डीबी कॉर्प को साफ़ निर्देश देते हुए नोटिस भेजा है कि पत्रकार धर्मेंद्र प्रताप सिंह, कर्मचारी लतिका आत्माराम चव्हाण और आलिया शेख का जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाये का दावा सही है और आपको निर्देश दिया जाता है कि आप इन तीनों कर्मचारियों का बकाया राशि का जल्द भुगतान करें अन्यथा आपके खिलाफ वसूली आदेश जिलाधिकारी को निर्गत कर दिया जाएगा।

महाराष्ट्र में पत्रकारों पर हमला अब पड़ेगा भारी, विधानसभा में सुरक्षा कानून पारित

महाराष्ट्र में पत्रकारों पर हमला अब भारी पड़ेगा। पत्रकारों पर हमले को गैर-जमानती अपराध मानते हुये महाराष्ट्र विधानसभा ने कल पत्रकार सुरक्षा कानून पारित कर दिया। पत्रकारों पर हमला करने वालों को तीन साल तक की सजा और 50 हजार रुपये तक जुर्माना लग सकता है। महाराष्ट्र के मुख्य़मंत्री देवेंद्र फणनवीस की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को गुरुवार को मंजूर किया था। इसके बाद आज विधानसभा में यह विधेयक पारित किया गया। अब इस विधेयक को विधान परिषद में मंजूरी मिलने का इंतजार है।

महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त ने सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड लागू किए जाने की फर्जी रिपोर्ट भेजी

महाराष्ट्र राज्य के श्रम आयुक्त की मीडिया मालिकों से मिलीभगत है, ऐसी आशंका तो बहुत पहले से जताई जा रही थी। परन्तु इस बात की पुष्टि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों से  आरटीआई के जरिए प्राप्त हुए कागजातों ने कर दी है। जैसा कि विदित है माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार सभी मीडिया संस्थानों में वेतन देने का निर्देश दिया है और इसके लागू कराने की जिम्मेदारी श्रम आयुक्तों को सौंप दी है।

मजीठिया मामला : अखबारों को सबक सिखाने के लिए मीडियाकर्मी इस फार्मेट को भर कर डीएवीपी को भेजें

देश भर के अखबार मालिक अपने मीडियाकर्मियों को जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ ना देने के लिए सीए से एक बैलेंसशीट बनवाकर ये साबित करने में लगे हैं कि उनकी अलग-अलग यूनिट है और वे ए ग्रेड अखबार नहीं बल्कि सी ग्रेड के अखबार हैं। ऐसा करके वह अपने कर्मियों की सेलरी कम आंकते …

‘हिन्दुस्तान’ अखबार को मजीठिया क्रांतिकारियों ने हराया, जीएम व संपादक की आरसी कटी

बरेली से बड़ी खबर आ रही है कि उपश्रमायुक्त ने हिन्दुस्तान के महाप्रबंधक और स्थानीय संपादक के खिलाफ मजीठिया बेज बोर्ड के अनुसार तीन कर्मचारियों के वेतन व एरियर की बकाया वसूली के लिए आरसी जारी कर जिलाधिकारी को भेज दी है। हिन्दुस्तान प्रबंधन को सोमवार को श्रम न्यायालय में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस खबर से हिन्दुस्तान के उच्च प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। हालांकि हिन्दुस्तान प्रबंधन सोमवार को आरसी का आदेश रिसीव होने तक उसे रुकवाने के लिए आला अफसरों के जरिये दबाव बनाने में लगा रहा।

मजीठिया वेज बोर्ड : दिव्या सेंगर मामले में हाईकोर्ट ने ‘नयी दुनिया’ को राहत देने से किया इनकार

इंदौर से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां नई दुनिया अखबार में एक्जीक्यूटिव मार्केटिंग के पद पर कार्यरत दिव्या सेंगर के रायपुर में हुये ट्रांसफर पर सिविल कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद हाईकोर्ट गए जागरण प्रबंधन के सहयोगी अखबार नयी दुनिया प्रबंधन को भयंकर हार का सामना करना पड़ा है। हाईकोर्ट ने साफ़ कह दिया कि निचली अदालत द्वारा ट्रांसफर पर लगाई गई रोक पूरी तरह सही है।

हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर राज्यसभा में भी गूंजी

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले अखबार हिन्दुस्तान टाईम्स के रिलायंस के मुकेश अंबानी द्वारा खरीदे जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी गूंजा। हालांकि अभी तक हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर पर न तो हिन्दुस्तान टाईम्स प्रबंधन ने अपना पक्ष रख रहा है और ना ही रिलायंस की ओर से आधिकारिक बयान आया है।

लोकसभा में फिर उठी मजीठिया की मांग, अबकी RSP के प्रेमचंद्रन ने उजागर किया पत्रकारों का दर्द

देश भर के प्रिंट मीडियाकर्मियों का दर्द अब संसद सदस्यों को भी समझ में आने लगा है। कल दूसरे दिन भी लोकसभा में पत्रकारों के वेतन, एरियर और प्रमोशन से जुड़ा जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का मामला उठा। इससे पहले मंगलवार को झारखंड के कोडरमा से सांसद डॉ रविन्द्र कुमार राय ने पत्रकारों को मिलने वाले वेतन व सुविधाओं का मामला उठाते हुए मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांग लोकसभा में की थी।

हिंदुस्तान, आगरा के 11 कर्मियों ने मांगा मजीठिया, श्रम विभाग ने प्रबंधन को लगाई कड़ी फटकार

20 मार्च और 22 मार्च को श्रम विभाग में हुई सुनवाई… हिंदुस्तान अखबार को चलाने वाली कंपनी को बुधवार को एक और तगड़े झटके का सामना करना पड़ा। हिन्दुस्तान की आगरा यूनिट में 11 मीडिया कर्मचारियों ने मजीठिया वेतन की सिफारिशें लागू करने की मांग की तो कंपनी ने कुछ को बाहर का रास्ता दिखाया तो कई के खिलाफ शोषण और प्रताड़ना का अभियान-सा छेड़ दिया। इससे दुखी कर्मचारियों ने श्रम विभाग की ओर रुख किया तो उन्हें बुधवार को बड़ी राहत मिली।

मजीठिया वेज बोर्ड पर शरद यादव के जोरदार भाषण का मीडिया ने किया बहिष्कार, राज्यसभा में मीडिया को जमकर दुत्कार

शरद यादव द्वारा कल राज्यसभा में मजीठिया वेज बोर्ड, मीडिया की आजादी और मीडिया मालिकों की धंधेबाजी पर दिए गए जोरदार भाषण को न किसी चैनल न दिखाया और न किसी अखबार ने छापा… आज राज्यसभा में मीडिया की इस हरकत की जमकर की गई निंदा 

जदयू नेता शरद यादव द्वारा बुधवार को राज्यसभा में उठाये गये जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के क्रियान्वयन के मुद्दे को आज देश भर के किसी भी बड़े समाचार पत्र ने एक लाईन नहीं प्रकाशित किया। मीडिया मालिकों की इस हरकत से राज्यसभा में आज विपक्ष का तेवर तल्ख दिखा। विपक्ष ने गुरुवार को राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया और कहा कि मीडिया ने उच्च सदन में कल चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा के दौरान संपन्न रचनात्मक बहसों तथा सुझावों का प्रकाशन नहीं किया।

लोेकसभा और राज्यसभा में उठी मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने की मांग (देखें वीडियो)

देश भर के अखबार मालिकों द्वारा अपने कर्मचारियों का किए जा रहा शोषण और मजीठिया वेज बोर्ड लागू किए जाने की मांग आज संसद में उठी। २४ घंटे के अंदर मीडियाकर्मियों के साथ अन्याय और वेज बोर्ड न लागू कर मीडिया मालिकों द्वारा की जा रही मनमानी का मसला राज्यसभा और लोकसभा दोनों जगहों में उठाया गया। बुधवार को राज्यसभा में जहां जाने माने नेता जदयू के शरद यादव ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अभी तक लागू ना किए जाने का सवाल जोरशोर से उठाया वहीं मंगलवार को कोडरमा के सांसद डाक्टर रविंद्र कुमार राय ने इस मुद्दे को लोकसभा में जमकर उठाया।

महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त की हो सकती है गिरफ्तारी!

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अखबार मालिकों के दबाव में काम करने वाले महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। उनके खिलाफ 2 करोड़ ४३ लाख रुपये के डेयरी मिल्क घोटाले में एफआईआर दर्ज हुयी थी मगर आज लगभग नौ महीने बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया है मुंबई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकांत सिंह ने।

‘हिंदुस्तान’ अखबार से 6 करोड़ वसूलने के लखनऊ के अतिरिक्त श्रमायुक्त के आदेश की कापी को पढ़िए

लखनऊ के श्रम विभाग ने हिंदुस्तान के 16 पत्रकारों व कर्मचारियों को क़रीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है. लखनऊ के एडिशनल कमिशनर बी.जे. सिंह व सक्षम अधिकारी डॉ. एमके पाण्डेय ने 6 मार्च को हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ आरसी जारी कर दी और पैसा वसूलने के लिए ज़िलाधिकारी को अधिकृत कर …

‘हिंदुस्तान’ अखबार के खिलाफ आरसी जारी, 6 करोड़ वसूल कर 16 पत्रकारों में बंटेगा

लखनऊ से बड़ी ख़बर है। मजीठिया वेतनमान प्रकरण में दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी हार हुई है। कम्पनी का झूठ भी सामने आ गया है। यह भी सामने आया है कि मजीठिया की सिफ़ारिश से बचने के लिए कम्पनी ने तरह तरह के षड्यंत्र किए। लखनऊ के श्रम विभाग ने हिंदुस्तान के 16 पत्रकारों व कर्मचारियों को क़रीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। लखनऊ के एडिशनल कमिशनर बी.जे. सिंह व सक्षम अधिकारी डॉ. एम॰के॰ पाण्डेय ने ६ मार्च को हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ आरसी जारी कर दी और पैसा वसूलने के लिए ज़िलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है।

दिल्ली की श्रम अदालत ने दैनिक जागरण पर ठोंका दो हजार रुपये का जुर्माना

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले से जुड़े दिलीप कुमार द्विवेदी बनाम जागरण प्रकाशन मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा श्रम न्यायालय ने दैनिक जागरण पर दो हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। इस जुर्माने के बाद से जागरण प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है। बताते हैं कि गुरुवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा श्रम न्यायालय में दैनिक जागरण के उन 15 लोगों के मामले की सुनवाई थी जिन्होंने मजीठिया बेज बोर्ड की मांग को लेकर जागरण प्रबंधन के खिलाफ केस लगाया था। इन सभी 15 लोगों को बिना किसी जाँच के झूठे आरोप लगाकर टर्मिनेट कर दिया गया था। गुरुवार को जब न्यायालय में पुकार हुयी तो इन कर्मचारियों के वकील श्री विनोद पाण्डे ने अपनी बात बताई।

कर्मचारी एचटी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड के, वेतन अभी भी दे रही एचएमवीएल

कई कर्मचारियों से त्यागपत्र लेने के बाद भी नहीं दिया गया पुराना बकाया… शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले अखबार हिन्दुस्तान से खबर आ रही है कि यहां कर्मचारियों को पुरानी कंपनी से इस्तीफा दिलाकर नयी कंपनी में भले ही ज्वाईन करा लिया गया है मगर पटना सहित कई जगह रिजाईन लेने के बाद भी कई कर्मचारियों को उनका पुराना हिसाब नहीं दिया गया है। यही नहीं, हिंदुस्तान अखबार की कंपनी का नाम कल तक हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड था मगर अब एक नयी कंपनी खोलकर अखबार प्रबंधन ने उसका नाम रख दिया एचटी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड। इस नई कंपनी में जबरिया कर्मचारियों को पुरानी कंपनी से त्यागपत्र दिलाकर 1 जनवरी 2017 से ज्वाईन करा दिया गया है।

हिंदुस्तान बरेली से तीन लोगों ने उप श्रमायुक्त के कोर्ट में किया मजीठिया का क्लेम

बरेली से खबर आ रही है कि हिंदुस्तान अखबार के सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा ने 33,35,623 रुपये, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला ने 32,51,135 रुपये और चीफ रिपोर्टर डॉ. पंकज मिश्रा ने 25,64,976 रुपये का मजीठिया वेज बोर्ड के वेतनमान के अनुसार एरियर का क्लेम उप श्रमायुक्त बरेली के यहाँ ठोंक दिया है। तीनों ने उपश्रमायुक्त बरेली से शिकायत की है कि हिंदुस्तान प्रबंधन मजीठिया के अनुसार वेतन और बकाया देय मांगने पर उनको प्रताड़ित कर रहा है। साथ ही आये दिन धमका रहा है।

‘झारखंड मजीठिया संघर्ष समिति’ का गठन, 10 मार्च को रांची में धरना

झारखंड की राजधानी रांची से खबर आ रही है कि यहां उत्साही मीडियाकर्मियों ने ‘झारखंड मजीठिया संघर्ष समिति’ का गठन कर लिया है। इस बाबत बैठक रातू रोड, न्यू मार्केट स्थित राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘पूरी दुनिया’ के कार्यालय में हुई। डेढ़ दर्जन से अधिक मजीठिया कमियों की उपस्थिति में समिति की ओर से 27 फरवरी को डोरंडा स्थित श्रमाधीक्षक रांची-1 को ज्ञापन सौंपा गया है।

मजीठिया मामले में काश सुप्रीमकोर्ट ऐसा कर देता!

देश के अधिकांश अखबार मालिकों के खिलाफ माननीय सुप्रीमकोर्ट में अवमानना का केस चल रहा है। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में अभी डेट नहीं पड़ पा रही है। अगर माननीय सुप्रीमकोर्ट कुछ चीजें कर दे तो सभी अखबार मालिकों की नसें ना सिर्फ ढीली हो जायेंगी बल्कि देश भर के मीडिया कर्मियों को इंसाफ भी मिल जायेगा। इसके लिये सबसे पहले जिन समाचार पत्रों की रिपोर्ट कामगार आयुक्त ने सुप्रीमकोर्ट में भेजी है उसमें जिन अखबार मालिकों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश नहीं लागू किया है या आंशिक रुप से लागू किया है ऐसे अखबारों के मैनेजिंग डायरेक्टर, डायरेक्टर, पार्टनर और सभी पार्टनरों को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुये उनके खिलाफ कामगार आयुक्त को निर्देश दें कि उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा दें और सभी जिलाधिकारियों, तहसीलदारों को निर्देश दें कि उनके खिलाफ रिकवरी कार्रवाई शुरू की जाये। उनको जमानत भी माननीय सुप्रीमकोर्ट से तभी प्राप्त हो जब वे मीडियाकर्मियों को उनका पूरा बकाया एरियर वेतन तथा प्रमोशन दें।

मजीठिया वेज बोर्ड से घबड़ाये हिन्दुस्तान प्रबंधन ने कर्मचारियों से लिया त्यागपत्र

एक नयी कंपनी एच टी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड में कराया गया ज्वाईन

देश के प्रतिष्ठित अखबार हिन्दुस्तान से खबर आ रही है कि जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अवमानना मामले से घबड़ाये प्रबंधन ने संपादकीय विभाग में कुछ संपादक लेबल के या पुराने लोगों को छोड़कर बाकी सभी से त्यागपत्र ले लिया है और इन सभी को एक नयी कंपनी एचटी डिजिटल स्टीम्स लिमिटेड में ज्वाईन करा दिया गया है। साथ ही जितने भी हिन्दुस्तान के संपादकीय विभाग के कर्मचारी हैं, अधिकांश से जबरी इस्तीफे पर साईन करा लिया गया है।

मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई फिर टली

देश भर के प्रिंट मीडियाकर्मियो के वेतन, एरियर और प्रमोशन से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुनवाई  माननीय सुप्रीमकोर्ट में २३ फरवरी को होनी थी मगर  तकनीकि रीशैडेयुलिंग की वजह से अब आज २३ फरवरी को इस मामले की सुनवाई नहीं हो पायेगी। इस मामले की अगली डेट जल्द पड़ने की संभावना है।

अखबार मालिकों के दबाव में काम कर रहा है महाराष्ट्र का कामगार विभाग

मजीठिया वेज बोर्ड की त्रिपक्षीय समिति की दूसरी बैठक संपन्न : पत्रकार और पत्रकारेत्तर कर्मचारियों के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड को अमल में लाने के लिए महाराष्ट्र में गठित प्रबंधन, पत्रकारों और कामगार अधिकारियों की त्रिपक्षीय समिति की बैठक मुम्बई के कामगार भवन में सम्पन्न हुयी। इस दूसरी बैठक की अध्यक्षता कामगार उपायुक्त (ग्रामीण) तथा समिति सदस्य सचिव सुबा बागल ने की।

महाराष्ट्र में अखबारों के फर्जीवाड़े पर सुप्रीम कोर्ट में केस करने की तैयारी

महाराष्ट्र का कामगार विभाग कामगारों के लिये नहीं बल्कि अखबार मालिकों के हित में काम कर रहा है। जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त कार्यालय ने हाल में ही एक सूची जारी की है जिसमें उन अखबारों के नाम है जिन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया है।

हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन रिलायंस से डील को लेकर अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहा?

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान टाइम्स के मिंट और दिल्ली एडिशन के रिलायंस के मुकेश अम्बानी को बेचे जाने से सम्बंधित डील को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं. हर कोई ये जानना चाहता है कि क्या वाकई हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन और रिलायंस के बीच कोई डील हुयी है? हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन इस पर कुछ बोल नहीं रहा है और ना ही अपना पक्ष रख रहा है। ना ही इस खबर का खंडन किया जा रहा है। यानि कुछ न कुछ तो शोभना भरतिया और रिलायंस के बीच खिचड़ी पकी है।

हिन्दुस्तान रांची के हेचआर हेड ने मजीठिया मांगने वाले दो कर्मियों के साथ की बदतमीजी, कॉलर पकड़ हड़काया, गाली दी

हिन्दुस्तान अखबार प्रबंधन इन दिनों मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया मांगने वालों के खिलाफ लगातार दमन की नीति अपना रहा है और अपने ही किये वायदे से मुकर रहा है। रांची में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते मांगने वाले दो कर्मचारियों ने जब श्रम आयुक्त कार्यालय में क्लेम लगाया तो इनका ट्रांसफर कर दिया गया। जब ये लोग कोर्ट से जीते तो हिन्दुस्तान प्रबंधन को उन्हें वापस काम पर रखना पड़ा। तीन दिन बाद ही जब ये कर्मचारी कार्यालय आकर काम करने लगे तो उन्हें कार्मिक प्रबंधक ने कालर पकड़ कर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुये जबरी ट्रांसफर लेटर थमाने का प्रयास किया।

आर्थिक संकट से जूझ रहे मजीठिया क्रांतिकारी अमित की पत्नी का निधन

पत्रिका ने सुप्रीमकोर्ट जाने पर कर दिया था अमित को टर्मिनेट

कविता ने कई सपने देखें होंगे कि पति अमित नूतन को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार उनका बकाया मिल जायेगा तो सुकून की जिन्दगी जीना शुरू कर देंगे मगर ऐसा हो ना सका और एक बेहतर जिन्दगी का सपना देखने वाली कविता नूतन ने सपना पूरा होने के पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया। राजस्थान पत्रिका के भोपाल एडिशन में असिस्टेंट बिजनेस मैनेजर पद पर कार्यरत अमित नूतन ने अप्रैल २०१६ में माननीय सुप्रीमकोर्ट में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने एरियर और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एक केस लगाया था। साथ भी अमित नूतन ने कामगार आयुक्त कार्यालय में भी गुहार की थी कि उन्हें मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया वेतन और एरियर दिलाया जाये।

निकाले गए दो कर्मियों को काम पर वापस बुलाने को मजबूर हुआ हिन्दुस्तान प्रबंधन

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में रांची हिन्दुस्तान के संपादकीय विभाग में कार्यरत मुख्य उप संपादक अमित अखौरी और वरीय उप संपादक शिवकुमार सिंह को श्रम अधीक्षक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल हिन्दुस्तान प्रबंधन को 13 फरवरी को दोनों कर्मियों को ज्वाइन कराने के लिए मजबूर होना पड़ा है। हालांकि हाजिरी बनाने के बाद भी इनसे संपादकीय विभाग में काम नहीं लिया जा रहा है।

दैनिक जागरण प्रबंधन ने अपने सभी संपादको को भूमिगत होने का निर्देश दिया!

खोज खोज कर जागरण सम्पादकों को पकड़ रही है पुलिस… चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में देश की सर्वोच्च चुनावी अथॉरिटी चुनाव आयोग द्वारा दैनिक जागरण के 15 जिलों के संपादकों सहित प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश का अनुपालन करते हुए यूपी पुलिस संपादकों को गिरफ्तार करने में जुट गई है. शेखर त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई.

दैनिक जागरण के सम्पादक शेखर त्रिपाठी को मिली जमानत

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में देश की सर्वोच्च चुनावी अथॉरिटी चुनाव आयोग द्वारा दैनिक जागरण के 15 जिलों के संपादकों सहित प्रधान संपादक और प्रबंध निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के बाद दैनिक जागरण के संपादकों और प्रबंध निदेशक की अकल ठिकाने आ गयी है। खबर है कि दैनिक जागरण अखबार के ऑनलाइन सम्पादक शेखर त्रिपाठी को आचार संहिता का उल्‍लंघन करने पर गिरफ्तार किया गया। बाद में गाजियाबाद की जिला अदालत ने शेखर त्रिपाठी को जमानत दे दिया।

एग्जिट पोल छापने वाले जागरण के संपादक शेखर त्रिपाठी गिरफ्तार

दैनिक जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी को गाजियाबाद की कविनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दैनिक जागरण की वेबसाइट पर यूपी चुनाव के पहले चरण के बाद ही एग्जिट पोल दे दिया गया. इस पर चुनाव आयोग ने दैनिक जागरण के  प्रबंध संपादक, संपादक और एग्जिट पोल कराने वाली संस्था रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड यानि आरडीआई के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे. इसी के बाद पहली गिरफ्तारी जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी के रूप में हुई है. कुछ लोगों का कहना है कि संभव है बीजेपी से खबर चलने के लिए पैसा लिया होगा मालिक ने, लेकिन जेल गए शेखर त्रिपाठी.

एक्जिट पोल छाप कर दैनिक जागरण फंसा, आयोग ने कहा- FIR दर्ज करो

भारत के चुनाव आयुक्त ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 15 जिले के चुनाव अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दैनिक जागरण के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में संपादकीय विभाग के मीडिया हेड के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करायें।

मजीठिया वेज बोर्ड : नयी दुनिया प्रबंधन के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी

इंदौर से एक बड़ी खबर आ रही है. यहां नई दुनिया अखबार प्रबंधन के खिलाफ अदालत की अवमानना संबंधी नोटिस जारी की गयी है. पूरा मामला नयी दुनिया में एक्जीक्यूटिव विपणन पद पर कार्यरत दिव्या सेंगर के रायपुर में हुये ट्रांसफर पर सिवील कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद भी नयी दुनिया प्रबंधन द्वारा उन्हें अब तक वापस पुराने स्थान पर ज्वाइन ना कराने से जुड़ा है। दिव्या सेंगर के अधिवक्ता मनीष पाल ने खुद इस खबर की पुष्टि की है। मनीष पाल के मुताबिक नई दुनिया समाचार पत्र के प्रधान संपादक, संपादक, कमलेश पांडेय, संजय शुक्ल आदि सभी के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का वाद प्रस्तुत किया गया. इस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए सभी विपक्षीगण को नोटिस जारी कर दिया. ऐसे मामलों में जेल और जुर्माने की सजा का प्रावधान है.

मजीठिया में मीडियाकर्मियों के वकीलों की टीम रणनीति बनाने में हुयी व्यस्त

जिन साथियों ने अब तक नहीं लगाया क्लेम, वे भी सामने आयें… मजीठिया वेज बोर्ड मामले में अखबार मालिकों को सुप्रीमकोर्ट की अवमानना का दोषी साबित कराकर उन्हें सजा दिलाने की रणनीति में मीडियाकर्मियों के जाने माने वकीलों की टीम वकील प्रशांत भूषण, सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस, परमानंद पांडे आदि जी जान से लग गए …

मजीठिया मांगने वाली नयी दुनिया की दिव्या सेंगर का ट्रांसफर सिविल कोर्ट ने रोका

माननीय सुप्रीमकोर्ट के निर्देश पर जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपना वेतन और एरियर मांगने वाली इंदौर के नयी दुनिया अखबार में एक्जीक्यूटिव विपणन पद पर कार्यरत दिव्या सेंगर का प्रबंधन ने १२०० किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के रायपुर में ट्रांसफर कर दिया था। सुश्री दिव्या सेंगर ने इस मामले में अदालत की शरण ली। इसके बाद सप्तम व्यवहार न्यायाधीश ने इस ट्रांसफर को गलत मानते हुये इस पर मामले के निराकरण होने तक रोक लगा दी है। इस रोक के बाद दैनिक जागरण समूह के अखबार नयी दुनिया को गहरा झटका लगा है।

मजीठिया से बचने के लिए मार्केटिंग वालो पर गाज गिरा रहे हैं अखबार मालिक

मजीठिया वेजबोर्ड मामले में अखबार मालिक अब मार्केटिंग विभाग के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। खबर है कि मुंबई सहित देश के कई हिस्सों में अखबार मालिक मार्केटिंग विभाग के लोगों को खराब परफारमेंश का हवाला देकर तेजी से नौकरी से निकाल रहे हैं। अखबार मालिकों की मंशा साफ़ है कि मजीठिया ना देना पड़े और खर्च भी कम हो, इसके लिए तमाम हथकंडे इस्तेमाल किये जायें। मुम्बई सहित झारखंड के कुछ साथियों ने बताया कि वे जिस अखबार में काम करते थे, वहां खूब बिजनेस देते थे मगर विज्ञापन प्रबंधक ने केबिन में बुलाकर जबरी रिजाइन लिखवा लिया और कहा कि मेरे ऊपर काफी दबाव है। कमोबेश हर जगह यही स्थिति है।

श्रम अधीक्षक ने बहाल करने का आदेश दिया, विरोध में हिन्दुस्तान प्रबंधन गया हाईकोर्ट

झारखंड में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के मापदंडों के हिसाब से वेतन और एरियर के मामले में हिन्दुस्तान प्रबंधन के खिलाफ रिकवरी सार्टिफिकेट जारी करवाने वाले रांची के मीडियाकर्मी उमेश कुमार मलिक को हिन्दुस्तान प्रबंधन ने यह कहकर टर्मिनेट कर दिया कि इनका परफारमेंस खराब है। मजे की बात यह है कि टर्मिनेशन से पहले उमेश कुमार मलिक के वेतन में हिन्दुस्तान प्रबंधन ने दस प्रतिशत वृद्धि की थी।

हिन्दुस्तान प्रबंधन ने जबरन इस्तीफा लिखाया, सदमे में मीडियाकर्मी की मौत

दिल्ली से हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड प्रबंधन के करतूत की एक दिल दुखा देने वाली खबर आ रही है। यहां जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार कर्मचारियों को वेतन और उनका बकाया ना देना पड़े, इसके लिये प्रबंधन उन लोगों से जबरी त्यागपत्र लिखवा रहा है और टार्गेट कर रहा है जिन्होंने अपने हक के लिए अदालत में केस नहीं लगाया है और ना ही लेबर विभाग में क्लेम किया है।

मजीठिया जंग : हेमकांत को स्टे के बावजूद ऑफिस में न घुसने देने वाले दैनिक भास्कर प्रबंधन पर कोर्ट ने शुरू की अवमानना कार्रवाई

मजीठिया मांगने वाले हेमकांत चौधरी को ट्रांसफर पर स्टे के बावजूद ऑफिस में नहीं घुसने देने वाले दैनिक भास्कर के अफसरों पर कोर्ट ने शुरू की अवमानना कार्रवाई… तीन महीने जेल की सजा और 5000 जुर्माना होना तय, भास्कर के अफसरों में हड़कंप… मजीठिया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से प्रकाशित होने वाले दैनिक भास्कर के मराठी अखबार दिव्य मराठी से आई है। यहाँ प्रबंधन की लगातार धुलाई कर रहे हेमकांत चौधरी ने अबकी बार प्रबंधन के चमचों को पटखनी देते हुए एक ही दांव में न केवल धूल चटा दी है बल्कि चारों खाने चित्त कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखाने वाले लोकमत को पिछले साल डीएवीपी से मिला 30087544 रुपये का विज्ञापन

मजीठिया लागू न करने पर शोकॉज नोटिस भी थमाया गया… टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सम्पादकीय पेज के मीडिया मालिकों की तरफरदारी वाले एक लेख को मराठी में छाप कर सरकार के सामने झूठ का पुलिंदा रखने वाले महाराष्ट्र के लोकमत अखबार प्रबंधन ने वेज बोर्ड के नाम पर सरकार को बेवकूफ बनाने का अच्छा ड्रामा कर लिया। अब आइये इस ड्रामे का पार्ट 2 हम आपको बताते हैं और दिखाते हैं लोकमत की एक और सच्चाई। कामगार विभाग महाराष्ट्र द्वारा जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सुप्रीम कोर्ट में भेजी गयी रिपोर्ट बताती है कि औरंगाबाद से लोकमत समाचार, लोकमत और लोकमत टाइम्स का प्रकाशन होता है। यहाँ 89 कर्मचारी काम करते हैं जबकि बाकी महाराष्ट्र में लोकमत के 373 कर्मचारी हैं।

डीबी कॉर्प ने मुंबई के ब्यूरो चीफ सहित कई पत्रकारों को बनाया मैनेजेरियल और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ!

मुंबई से शशिकांत सिंह की रिपोर्ट… जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सबसे ज्यादा शिकायत डीबी कॉर्प लिमिटेड के अखबारों- दैनिक भास्कर, दिव्य भास्कर और दिव्य मराठी आदि के मीडियाकर्मियों ने कर रखी है। इस संस्थान के पत्रकारों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय सहित महाराष्ट्र के लेबर डिपार्टमेंट और मुंबई के लेबर कोर्ट में तमाम शिकायतें …

‘लैला बार’ में यह पत्रकार कर रहा था मनपसंद बारबाला से डांस की फरमाईश, पुलिस ने किया गिरफ्तार

फर्जी पत्रकार मो. पठान उर्फ मो. सामी

मुंबई से सटे भिवंडी में एक फर्जी पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह एक बार में जाकर रंगदारी मांग रहा था. साथ ही मनपसंद बारबाला का डांस व मुफ्त शराब भोजन चाहता था. उसने खुद को बड़े चैनल का पत्रकार होने की धमकी दी. कोर्ट ने इस फर्जी पत्रकार को जेल भेज दिया है.