Sanjay Sharma : जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेईमानों के साथ खड़े हो गए. कह रहे थे संधि के मुताबिक सूची नहीं दी जा सकती … सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा तो नानी याद आई.. आज 627 लोगों की सूची दी.. लिफाफा बंद है तो भक्त लोग इतना खुश हो रहे हैं मानो किला ही फतह कर लिया.. बात सही भी है… लिफाफा खुल जाता तो भक्तों और उनके आकाओं को मुंह दिखने लायक कुछ भी नहीं बचता… जिन तीन नाम को बता कर सरकार बहुत खुश हो रही थी उनमें से 2 नामों का खुलासा अरविन्द केजरीवाल एक साल पहले ही कर चुके थे… वैसे मोदी सरकार की भी मज़बूरी है और अब समझ आ रहा है कि नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही थी सरकार… दरअसल जिन तीन नामों का पता चला उनमें एक राधा ने कांग्रेस को पैसठ लाख और बीजेपी को एक करोड़ अठारह लाख रुपया का चंदा दिया था… इन बेशर्मों को शर्म भी नहीं आती ऐसे कालाबाजारियों से पैसा लेकर जनता को मूर्ख बनाते हुए…
Meenu Jain : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में में जो लिस्ट दाखिल की है उसे कोर्ट ने बिना खोले SIT को दे दिया है जो उस पर आगे की कार्यवाही करेगी . कल से अरुण जेटली कह रहे हैं कि उन्होंने यह लिस्ट जून माह में ही SIT को सौंप दी थी . जब SIT के पास पहले से ही यह लिस्ट थी तो फिर दोबारा वही लिस्ट सरकार से लेकर वापिस SIT को सौंपने के पीछे का तर्क क्या है , यह समझ नही आया .लगता है सरकार ने जो लिस्ट जून में SIT को दी थी उसमे ‘ गड़बड़ ‘ थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पकड़ लिया और अब पूरी और सही लिस्ट SIT को दी गई है . यह तो एक HSBC के खाताधारकों कि लिस्ट है. अन्य देशों में खातों के बारे में कोई कार्यवाही हो रही है या नहीं ?
Navin Kumar : मोदी सरकार की नीयत पर ये सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है- “अगर हमने काले धन को आपके भरोसे छोड़ दिया तो ये जिंदगी में वापस नहीं आ सकता। कल तक एक-एक खातेदार का नाम बताइए। हम अपने आदेश में एक शब्द नहीं बदलेंगे।”
संजय शर्मा, मीनू जैन और नवीन कुमार के फेसबुक वॉल से.
Comments on “जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेइमानों के साथ खड़े हो गए”
chunaw isi ke bal per jit kar aye aur isi ko thandhe baste me dalne se kam nahi chalega.anewale kuchh samay janta sawal pucheji to kya hoga iska jabab 100 din se adhik ho gaya hai.