तुम्हारे पास रॉबर्ट वाड्रा है, हमारे पास जय शाह!

Atul Chaurasia : जिनको लगता है कि मोदीजी ने भ्रष्टाचार मुक्त, स्वच्छ सरकार दे रखी है देश को उसे अमित शाह के बेटे जय शाह का प्रकरण जानना चाहिए. साथ ही आनंदी बेन पटेल के बेटे और बेटी का भी मामला जोड़ लीजियेगा। पिछली सरकार में दामादों की चांदी थी इस बार गुजरातियों के हाथ सोना-चांदी है।

रिजर्व बैंक के आंकड़े दे रहे गवाही, कालाधन रखना अब ज्यादा आसान हुआ!

Anil Singh : 2000 के नोट 1000 पर भारी, कालाधन रखना आसान! आम धारणा है कि बड़े नोटों में कालाधन रखा जाता है। मोदी सरकार ने इसी तर्क के दम पर 1000 और 500 के पुराने नोट खत्म किए थे। अब रिजर्व बैंक का आंकड़ा कहता है कि मार्च 2017 तक सिस्टम में 2000 रुपए के नोटों में रखे धन की मात्रा 6,57,100 करोड़ रुपए है, जबकि नोटबंदी से पहले 1000 रुपए के नोटों में रखे धन की मात्रा इससे 24,500 करोड़ रुपए कम 6,32,600 करोड़ रुपए थी।

न्यूज लांड्री डॉट कॉम की शर्मनाक, एकपक्षीय और निहित स्वार्थी पत्रकारिता

मधु त्रेहन नामक एक बुजुर्ग महिला जो एक जमाने में ठीकठाक पत्रकार थीं और आजतक चैनल वाले मालिकों के खानदान की हैं, कुछ बरसों से न्यूज लांड्री डाट काम नामक वेबसाइट चलाती हैं. अंग्रेजी की इस वेबसाइट में अच्छे अच्छे चमकते लोगों की अच्छी अच्छी बातें छपती रहती हैं. इस किस्म की ढेरों पीआर वेबसाइट्स अंग्रेजी में हैं जो निहित स्वार्थी पत्रकारिता के तय एजेंडे के तहत किन्हीं कंपनियों और व्यक्तियों की महिमा मंडन या गरिमा खंडन करके पैसे बनाती कमाती हैं. इनसे पत्रकारिता की उम्मीद नहीं की जाती. लेकिन मधु त्रेहन की न्यूज लांड्री डाट काम ने एक समय तक अपनी अच्छी खासी पत्रकारीय छवि बना ली थी. वह प्रतिमा अब ध्वस्त होने लगी है.

भक्तों को मौका दिया गया है कि वे भी अपना काला धन सफेद कर लें!

Sanjaya Kumar Singh : चुनाव से पहले विदेशों में रखे काले धन को मुद्दा बनाने और उसे वापस लाकर देश के हर नागरिक को 15 लाख रुपए मिलने का सपना दिखाने और फिर उसे जुमला बताकर झांसा देने वाली सरकार ने विदेशों में काले पैसे रखने वालों के लिए एक योजना पेश की है। कायदे से सरकार को इसका खूब प्रचार करना चाहिए ताकि लोग इसका भरपूर लाभ उठाएं और सरकार को टैक्स मिले। स्पष्ट कारणों से इसका वैसा प्रचार नहीं किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रही बाबा रामदेव और बालकृष्ण की ये तस्वीर, जानें क्यों…

 

जब तक कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, बाबा रामदेव रोज काला धन की हुंकार भरते थे. काला धन का हिसाब अपने भक्तों और देशवासियों को बताते थे कि अगर वो काला धन आ गया तो देश की सारी समस्याएं हल हो जाएंगी. काला धन के मुद्दे को नरेंद्र मोदी ने भी लपका और बाबा रामदेव की मुहिम को समर्थन किया. माना जाने लगा कि रामदेव और नरेंद्र मोदी की जोड़ी अगर जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में सफल हो गई तो यह तो तय है कि देश में काला धन वापस आ जाएगा. लेकिन जोड़ी के जीतने और सरकार बनाने के बावजूद काला धन देश वापस नहीं आया.

विदेश से आनेवाले ब्लैकमनी में से मुझे भी सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह 15 लाख रुपये मिलने की आशा है

मेरे तमाम लेनदार कृपया तत्काल तकादा लिखित में बासबूत पेश करें.  विदेश से आनेवाले ब्लैकमनी में से मुझे भी सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह 15 लाख रुपये मिलने की आशा है. 15 लाख मिलते ही सबकी पाई पाई चुका देने का वादा रहा.  एक साल से 15 लाख रुपए की प्लॉनिंग कर रहा हूं। 15 लाख कहां-कहां खर्च हो सकते है, इससे किस-किस का कर्जा पटाया जा सकता है, घर में क्या सामान आ सकता है, बीवी को कितने गहने दिला सकता हूं, बच्चों को कौन-सी गाड़ी सूट करेगी, बुढ़ापे के लिए कितने पैसे बचाकर रखना मुनासिब होगा आदि-आदि में उलझा हुआ हूं। मुझ जैसे मध्यवर्गीय आदमी के लिए 15 लाख बहुत मायने रखते हैं। कभी 15 लाख रुपए इकट्ठे देखे नहीं। हां, बैंक में जरूर देखे है, लेकिन वो अपने कहां। अने १५ लाख नगद हो तो बात ही क्या। कुछ न करो 15 लाख रुए खाते में ही रखे रहने दो, तो 12 – 13  हजार रुपए के आसपास ब्याज ही आ जाएगा। एक तरह से पेंशन समझो और मूल धन तो अपना है ही। यह पंद्रह लाख रुपए तो मेरे अपने है। बीवी, बच्चों सबके अपने-अपने पंद्रह लाख होंगे पर बीवी बच्चों के पैसे पर मैं निगाह क्यों डालूं। मेरा अपना भी तो स्वाभिमान है।

आइये, काले धन को वैध बनाएं

जैसा कि सर्वविदित है भारत में काले धन को वैध बनाने की हाल की गतिविधियां राजनीतिक दलों, कॉरपोरेट कंपनियों और शेयर बाजार के माध्यम से हुई हैं। काले धन को वैध बनाने को रोकने के लिए मनी-लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम  2002, 1 जुलाई 2005 को प्रभाव में आया था। धारा 12 (1) बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और बिचौलियों पर निम्नांकित दायित्व निर्धारित करता है (क) निर्देशित किये जाने वाले लेनदेनों की प्रकृति और मूल्य का विवरण देने वाले रिकॉर्डों को कायम रखना, चाहे इस तरह के लेनदेनों में एक एकल लेनदेन या एकीकृत रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए लेनदेनों की एक श्रृंखला शामिल हो और जहां लेनदेनों की ऐसी श्रृंखला एक महीने के भीतर देखी गयी हो; (ख) खंड (क) में संदर्भित लेनदेनों की जानकारी और अपने सभी ग्राहकों की पहचान के रिकॉर्ड्स निर्धारित की जाने वाली अवधि के भीतर निदेशक के समक्ष प्रस्तुत करना. धारा 12 (2) में यह प्रावधान है कि उपरोक्त उल्लिखित उप-खंड (1) में संदर्भित रिकॉर्डों को लेनदेन पूरा होने के बाद दस साल तक बनाए रखा जाना चाहिए। अधिनियम के प्रावधानों की अक्सर समीक्षा की जाती है और समय-समय पर विभिन्न संशोधन पारित किये गए हैं।

एनडीटीवी की काली कथा को ईटी में विज्ञापन के रूप में छपवाया, आप भी पढ़ें

एनडीटीवी वाले खुद को साफ पाक और दूध का धुला की तरह पेश करते हैं लेकिन इनके दामन पर भी दाग कम नहीं हैं. एनडीटीवी के एक शेयरहोल्डर ने एनडीटीवी की पूरी कहानी बाकी शेयर होल्डर्स को सुनाई है, दी इकानामिक टाइम्स में विज्ञापन छपवाकर. आइए हम आपको भी पढ़ाते हैं इकानामिक टाइम्स में प्रकाशित एनडीटीवी की काली कथा…. इसे पढ़कर आप खुद दंग हो जाएंगे कि आखिर प्रणय राय, राधिका राय सरीखे ईमानदार कहे जाने वाले मीडिया मालिकान भी इतने बड़े चोर हैं….

जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेइमानों के साथ खड़े हो गए

Sanjay Sharma : जो सौ दिन में काल धन लाने का सपना दिखा रहे थे वो बेईमानों के साथ खड़े हो गए. कह रहे थे संधि के मुताबिक सूची नहीं दी जा सकती … सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा तो नानी याद आई.. आज 627 लोगों की सूची दी.. लिफाफा बंद है तो भक्त लोग इतना खुश हो रहे हैं मानो किला ही फतह कर लिया.. बात सही भी है… लिफाफा खुल जाता तो भक्तों और उनके आकाओं को मुंह दिखने लायक कुछ भी नहीं बचता… जिन तीन नाम को बता कर सरकार बहुत खुश हो रही थी उनमें से 2 नामों का खुलासा अरविन्द केजरीवाल एक साल पहले ही कर चुके थे… वैसे मोदी सरकार की भी मज़बूरी है और अब समझ आ रहा है कि नामों का खुलासा क्यों नहीं कर रही थी सरकार… दरअसल जिन तीन नामों का पता चला उनमें एक राधा ने कांग्रेस को पैसठ लाख और बीजेपी को एक करोड़ अठारह लाख रुपया का चंदा दिया था… इन बेशर्मों को शर्म भी नहीं आती ऐसे कालाबाजारियों से पैसा लेकर जनता को मूर्ख बनाते हुए…