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सियासत

‘सरकारी सेन्सरशिप’ के खिलाफ HC पहुंचे पत्रकारों का खुला ट्विटर, अगली डेट पर केंद्र से मांगा जवाब!

मनदीप पुनिया-

मारे ट्विटर अकाउंट खोल दिये गये हैं, पर इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हम अभी भी सेन्सरशिप झेल रहे हैं.

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हम इस सेन्सरशिप के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में लड़ाई भी लड़ रहे हैं, कल माननीय कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर जवाब भी माँगा था. कई पत्रकारों के खाते अभी भी बंद हैं. हम इस नयी तरह की सेन्सरशिप की निंदा करते हैं और इसके ख़िलाफ़ लड़ने के लिए तैयार हैं.

किसी भी लोकतंत्र में स्वतंत्र मीडिया की अहम भूमिका होती है. हम ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग कर रहे थे, हमारे काम में खलल डाली गई. इससे हमारी रोज़ी रोटी भी प्रभावित हुई है.

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जो लोग हमारे खाते खुलने पर x या सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं वह ग़लत कर रहे हैं, क्योंकि खाते एक लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद खुले हैं जो अभी भी जारी है और अगली सुनवाई 20 अप्रैल की है.

इस सेन्सरशिप में भी हमने अपना काम जारी रखा और कई अलग अलग माध्यमों से आपतक ग्राउंड रिपोर्ट्स पहुँचाते रहे. अभी हम यूट्यूब पर अभी एक अल्टरनेट चैनल से आप तक खबरें पहुँचा रहे हैं.

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हम ऑब्जेक्टिव रिपोर्टिंग में विश्वास रखते हैं. सत्ता पक्ष में बैठे नरेंद्र मोदी से भी सवाल करते हैं और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से भी सवाल करते हैं. हम निष्पक्ष होने का भोंडा ढोंग नहीं करते, बल्कि जनपक्ष और जनतांत्रिक मूल्यों को आगे ले जाने वाली पत्रकारिता के पक्षधर हैं.

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