अक्षय सिंह कांड : शिवराज सिंह, आप निष्कलंक हैं तो FBI टेस्ट आप के लिए आखिरी मौका

Share the news

अक्षय मेरा कितना करीबी था, ये मुझे बताने कि ज़रुरत नही. मुझे कुछ लिखने की भी ज़रुरत नही है. कुछ सवाल मेरा अब हर समय पीछा कर रहे हैं ? इनका जवाब नहीं मिला तो खुद अपनी नज़र से गिर जाऊँगा ? अक्षय व्यापम घोटाले की खबर को स्पाई कैम से शूट करना चाहता था. मैंने उसे मना किया और कहा कि सारी स्टोरी ओपन कैमरे से शूट करो. साथ में कैमरा मैन लेकर जाओ. ओपन कैमरे पर अब तक मरे या मारे गये गवाहों के परिवार वालों की बाइट रिकॉर्ड करो. अदालतों से दस्तावेज़ निकलवाओ और उन्हें कैमरे पर शूट करो. घोटाले का सच बाहर आ जायेगा.

अक्षय कि इस पर सहमति बनी और वो ओपन कैमरे पर शूट के लिए राजी हो गया. ग्वालियर पहुंचकर उसने जब मुझे फ़ोन किया तो मेरा पहला सवाल था ..कैमरा मेन कौन है ? उसने कहा कृष्णा कुमार . मुझे राहत मिल गयी. राहत इसलिए क्यूंकि अब मे उसका बॉस नही था और वो फिर भी मेरी सलाह मान रहा था. दरअसल मे नही चाहता था कि अक्षय स्पाई कैमरा लेकर अकेले मध्य प्रदेश जाय . जिस घोटाले में गवाह एक एक कर मर रहे हों और जिस घोटाले का सस्पेंस बढ़ता जा रहा हो उसे अकेले कवर करना जोखिम का काम है …

होनी को कौन टाल सकता है. अपने साथ कैमरा मैन ले जाने के बावजूद अक्षय हादसे का शिकार हुआ . मै ये नही कह रहा है कि अक्षय को मरवाया गया है …किसी ने गहरी साज़िश रची है ..या कोई ग्वालिर से पीछे लगा था ..या झाबुआ जैसे क्रिमिनल इलाके में जहर खोरी का षड्यंत्र रचा गया …मे ये नही कह रहा ..मे ऐसा कोई दावा नही कर रहा ..मेरे पास अपनी बात को पुख्ता करने के लिए कोई सबूत नही हैं ..पर मेरे मन में कल से कुछ सवाल कौंध रहे है ..मिसाल के तौर पर.

– मौत से पहले हाथों में अचानक अकड़न?

– मुंह से झाग निकलना ?

– एक दम से होश खो देना ?

– और कुछ सेकंड में नब्ज़ का टूटना ?

मैंने एम्स अस्पताल के फॉरेंसिक हेड से बात की. कुछ और एक्सपर्ट्स से भी बात की. वो कहते हैं ये हार्ट फेल के लक्षण नही है. ये जहर खोरी के लक्षण ज्यादा मालूम होते हैं. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में विसरा जांच के दौरान कुछ ही जहर टेस्ट किये जा सकते है ….अगर गहराई से जांच करानी हे तो विसरा अमेरिका की FBI लैबरोटरी भेजना चाहिए. पर ये काम मौत के 3 से 15 दिन के भीतर ही होना चाहिए. FBI लैब किसी नये किस्म के जहर को भी डिटेक्ट कर सकता है. कोई गहरी साजिश पकड़ी जा सकती है. अगर साजिश है तो नये तथ्य सामने आ सकते हैं. बाकी की ऐसी घटनाओं पर भी रौशनी डाली जा सकती है.

मित्रों संदेह इसलिए भी गहरा रहे हैं क्यूंकि हार्ट फेल वाली कुछ और घटनाओं में भी मृत व्यक्ति के मुंह से झाग निकलती देखी गयी थी लेकिन मध्य प्रदेश के अस्पतालों में हुए पोस्ट मोर्टेम में कोई नये तथ्य सामने नही आये. बहरहाल, अब शव से निकाले गये विसरा की जांच एम्स को रेफेर कर दी गयी है. अगर जनदबाव बने तो एम्स के डॉक्टर विसरा की इस जांच को तत्काल FBI को रेफेर कर सकते हैं. FBI संदेह की परतों को उधेड़कर सच सामने ला सकता है. दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है.

मित्रों आप मेरे सवालों से सहमत हैं तो इस बात को उठाइये. ये जन तंत्र है. लोकशाही है.  अगर एक के बाद एक व्यापम घोटाले में इतनी सारी मौतों पर सवाल उठ रहे हैं तो फिर इस संदेह को दूर करना ही होगा . हम एक घोटाले की सीरियल किलिंग के मूक दर्शक नही बने रह सकते. आजतक के बेख़ौफ़ रिपोर्टर अक्षय की मौत हार्ट फेल से हुई या जहर खोरी से ? इस पर देश को अब एक पुख्ता जवाब चाहिए.

हमे अब सबसे निष्पक्ष, सबसे भरोसेमंद और सबसे उच्चतम तकनीक पर आधारित टेस्ट रिपोर्ट चाहिए. शिवराज जी, राजा संदेह से परे होना चाहिए …अगर आप निष्कलंक हैं तो FBI का ये टेस्ट आप के लिए भी एक आखिरी मौका है. ये संदेह में जीने का युग नहीं है. तथ्य सामने रखिये.

वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा के एफबी वाल से

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें, नई खबरों से अपडेट रहें: Bhadas_Whatsapp_Channel

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

Comments on “अक्षय सिंह कांड : शिवराज सिंह, आप निष्कलंक हैं तो FBI टेस्ट आप के लिए आखिरी मौका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *