मुलायम खानदान से सुभाष चंद्रा की बढ़ती नजदीकी के मायने क्या हैं?

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आज शाम सात बजे से दिल्ली के 4, भगवानदास रोड (यह पता सुभाष चंद्रा के दर्जनों एकड़ में फैले बंगले का है)पर एक बड़ा जलसा होने वाला है. मौका है शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव की शादी के बाद होने वाली एट होम पार्टी का. इस आयोजन के लिए जो न्योता यानि कार्ड छपा है उस पर सबसे उपर लिखा है ”विथ कांप्लीमेंट्स फ्रॉम डा. सुभाष चंद्रा, चेयरमैन जी एंड एस्सेल ग्रुप, मिस्टर एंड मिसेज अमर सिंह कोआर्डली इनवाइट यू फॉर डिनर टू सेलीब्रेट द वेडिंग आफ चिरंजीवी आदित्य यादव, सन आफ  मिस्टर एंड मिसेज शिवपाल यादव.”

कार्ड उपर प्रकाशित किया गया है. आगे भी बहुत कुछ लिखा है. लेकिन सबसे ध्यान देने लायक बात है सुभाष चंद्रा के जिक्र का. आखिर एक बड़ी मीडिया कंपनी के मालिक का एक नेता के बेटे की शादी की एट होम पार्टी अपने घर पर देने और इसके लिए छपे निमंत्रण पत्र में बतौर होस्ट या बतौर अभिभावक जिक्र किए जाने का मतलब क्या है? इसको और सरल शब्दों में कहें तो आखिर जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा सपा नेताओं यानि मुलायम खानदान के लोगों को तेल लगाने में क्यों जुटे हैं? अभी तक तो वो खुलेआम भाजपाई बनकर घूम रहे थे. उन्होंने अपने पूरे चैनल को भाजपाई कर दिया है. पर ऐसा क्या हुआ है कि उन्हें थोड़ा थोड़ा सपाई बनना पड़ रहा है?

कहने वाले कह रहे हैं कि डा. सुभाष चंद्रा इन दिनों बेहद जल्दी में हैं. वह हर काम फटाफट कर लेना चाहते हैं. वह मीडिया मुगल बनना चाहते हैं. वह मैनेजमेंट गुरु बनना चाहते हैं. वह अपने विरोधियों को खत्म कर देना चाहते हैं. वह राज्यसभा जाना चाहते हैं या सांसद बनना चाहते हैं. यह सब करने के लिए वह धैर्य बिलकुल नहीं रखना चाहते. वह सब कुछ फटाफट चाहते हैं. बताया जा रहा है कि राज्यसभा की ग्यारह बारह सीटें खाली होने वाली हैं. इनमें छह सात तो यूपी की हैं. जाहिर है, यूपी में समाजवादी पार्टी करीब छह राज्यसभा सांसद भेजने की स्थिति में है. सातवीं सीट के लिए उसका समर्थन काफी मायने रखता है. सूत्रों के मुताबिक सुभाष चंद्रा इसी सातवीं सीट से उतरना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें सपा के आशीर्वाद की जरूरत पड़ेगी. सो, वह एकदम से शुरू हो गए सपा को खुलेआम तेल लगाने में.

सुभाष चंद्रा को इससे कोई फरक नहीं पड़ता कि लोग उनके बारे में क्या कहते बोलते हैं. वह अपने धुन के पक्के हैं. अगर भाजपाई बनना है तो न सिर्फ बनना है बल्कि पूरे चैनल पूरे मीडिया हाउस और पूरे खानदान को भाजपाई बना देना है. अगर उनकी सहमति से रिश्वत मांग रहे उनके संपादकों को तिहाड़ जेल जाना पड़ा और मुकदमा झेलना पड़ा तो इसका बदला वह एफआईआर कराने वाले कांग्रेसी सांसद रहे नवीन जिंदल से ले रहे हैं और इसके लिए जितनी उल्टी सीधी खबरें दिखानी संभव है, वह सब दिखा सुना रहे हैं. बदला लेने के इसी चक्कर में वह और उनका पूरा चैनल, उनके सभी संपादक विशुद्ध भाजपाई हो गए हैं. अब उन्हें लग रहा है कि नवीन जिंदल तो सांसद रहे हैं, वह खुद क्यों नहीं बन सकते सांसद. सो, इसके लिए वह उन सभी को तेल लगा रहे हैं, जिन जिन से राज्यसभा जाने का काम बन सकता है. इसीलिए वे मुलायम के भतीजे आदित्य यादव के विवाह बाद की एट होम पार्टी को प्रायोजित कर रहे हैं.

सुभाष चंद्रा ने सांसद बनने की अपने मन की बात देश के जाने माने राजनीतिक दलाल अमर सिंह को बताई तो अमर सिंह ने फौरन उन्हें तरकीब बता सिखा दिया. आदित्य यादव की शादी की दिल्ली में होने वाली पार्टी का प्रायोजक बना दिया और निमंत्रण पत्र में डाक्टर सुभाष चंद्रा का नाम सम्मान के साथ सबसे उपर लिखवा दिया. इस प्रकार डा. सुभाष चंद्रा अब भाजपाई के साथ साथ सपाई भी बनने लगे हैं. सुधीर चौधरी अपने मालिक सुभाष चंद्रा को अफजल गैंग का सदस्य बताएंगे या नहीं बताएंगे, यह तो नहीं पता लेकिन इतना तय है कि आज दिल्ली में होने वाली दावत में देश के हर क्षेत्र के दलालों का जो जमावड़ा लगने वाला है, उसका नेतृत्व देश के के बड़े दलाल अमर सिंह करेंगे और मीडिया मुगल सुभाष चंद्रा सबको शुभाशीष देंगे. इसका डीएनए टेस्ट सुधीर चौधरी को जी न्यूज करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि उनके मालिक की ऐसी क्या मजबूरियां हैं कि वह मीडिया मुगल होने के बावजूद एक नेता के बेटे की शादी की पार्टी प्रायोजित करने को मजबूर हैं.

लेखक यशवंत भड़ास4मीडिया के एडिटर हैं. संपर्क : yashwant@bhadas4media.com

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Comments on “मुलायम खानदान से सुभाष चंद्रा की बढ़ती नजदीकी के मायने क्या हैं?

  • Pankaj Dixit says:

    इस सबके पीछे आपने एक नाम छोड़ दिया वो है यूपी हेड वसिंद्र मिश्र का| इस पूरे खेल को खड़ा करने में इन महोदय की बड़ी भूमिका है| आगामी वर्ष चुनाव का है|

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