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मजीठिया मामले में फर्जी रिपोर्ट तैयार करने पर मुंबई के श्रम आयुक्त की होगी लोकायुक्त से शिकायत

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को फर्जी रिपोर्ट भेजे जाने के मामले में मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह ने श्रम आयुक्त को एक पत्र लिखकर साफ शब्दों में आग्रह किया है कि वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की कृपा करें और एक सप्ताह के अंदर मुझे सूचित करें अन्यथा लोकायुक्त से शिकायत की जायेगी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय से भी गुहार लगाई जायेगी।

<p>मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को फर्जी रिपोर्ट भेजे जाने के मामले में मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह ने श्रम आयुक्त को एक पत्र लिखकर साफ शब्दों में आग्रह किया है कि वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की कृपा करें और एक सप्ताह के अंदर मुझे सूचित करें अन्यथा लोकायुक्त से शिकायत की जायेगी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय से भी गुहार लगाई जायेगी।</p>

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुंबई के श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को फर्जी रिपोर्ट भेजे जाने के मामले में मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह ने श्रम आयुक्त को एक पत्र लिखकर साफ शब्दों में आग्रह किया है कि वे इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की कृपा करें और एक सप्ताह के अंदर मुझे सूचित करें अन्यथा लोकायुक्त से शिकायत की जायेगी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय से भी गुहार लगाई जायेगी।

गौरतलब हो कि पत्रकारों के लिये गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले में भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कि मजिठिया वेज बोर्ड की गणना के लिये जो टर्नओवर निर्धारित किया है उसके लिये साफ लिखा गया है कि टर्नओवर २००७-८, २००८-९ और २००९-१० के सकल राजस्व के आधार को ही माना जायेगा। साथ ही यह समाचार पत्र प्रबंधन के अलग अलग इकाईयों को एकल इकाई ही मानने का उल्लेख किया गया है।

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मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह ने पिछले दिनो आरटीआई के जरिये मुंबई केश्रम आयुक्त कार्यालय से यह जानकारी मांगी थी कि मुंबई के सभी  समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के २००७-८, २००८-९ और २००९-१० के टर्नओवर दिजिये मगर उन्हे पहले तो कोई जानकारी ही नहीं दी गयी । बाद में अपील में जाने पर जन माहिती अधिकारी ही उसदिन सुनवाई के लिये नहीं  आये और अपील अधिकारी के आदेश को भी अनसुनी कर दिया गया।

अपील अधिकारी ने यह आदेश दिया था कि शशिकांत सिंह को १० दिनों के अंदर निशुल्क सूचना उपलब्ध करायी जाये, मगरश्रम आयुक्त कार्यालय के जन माहिती अधिकारी ने उसे भी अनसुनी कर दिया। बाद में  मामला जब राज्य माहिती आयुक्त के पास पहुंचा तो जन माहिती अधिकारी ने सूचना उपलब्ध करायी कि हमारे कार्यालय में टर्नओवर जतन नहीं किया जाता है। यानि उनके पास टर्नओवर नहीं था और बिना सभी समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के २००७-८, २००८-९ और २००९-१०  का टर्नओवर देखे मजिठिया मामले में फर्जी रिर्पोट बनाकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह कर दिया गया है। अब देखना है कि एक सप्ताह मेंश्रम आयुक्त  द्वारा मामले की  जांच की जाती है कि नहीं। या फिर मामला लोकायुक्त तक पहुंचता है।

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0 Comments

  1. rakesh

    January 1, 2016 at 6:17 am

    बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं शशिकांत भाई. लगे रहिए.

  2. Kashinath Matale

    January 3, 2016 at 5:06 am

    CONGRATULATION SHASHIKANT SINGH JEE
    HUM BHI NAGPUR ME LADH ARAHE HAI.

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