मुंबई : बीते बुधवार ‘दैनिक दक्षिण मुंबई’ के कार्यकारी संपादक सुमंत मिश्र विनय भंग (सेक्सुअल हरासमेंट) के आरोप में आईपीसी की धारा 354A के तहत ताडदेव पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए। हालांकि कि दस हजार रुपये नकद देकर उन्हें ज़मानत मिल गयी। सुमंत मिश्र का कहना है कि महिला का आरोप मिथ्या और मनगढ़ंत है। नौकरी से निकाले जाने के कारण उसने झूठमूठ के आरोप लगाए हैं। अब इन सारी बातों का निपटारा कोर्ट में ही होगा। न्यायालय के सामने ही वह सच्चाई का खुलासा करेंगे। मुझ पर गलत आरोप लगाकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। वह कोर्ट के सामने आरोपो के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे।
गौरतल बै कि उन्ही की ऑफिस में रिपोर्टर कम सब एडिटर के पोस्ट पर कार्यरत रह चुकी एक महिला ने उनपर सेक्सुअल हरासमेंट का आरोप लगाया है। उस महिला के अनुसार सुमंत मिश्र उन्हें गलत तरीके से छूते थे। उसे जबरन गले लगाते थे और माथे पर किस करते थे। जब महिला ने इसका विरोध किया तो सुमंत मिश्र उन्हें मानसिक प्रताड़ना देने लगे और उन्हें जॉब से निकालने की धमकी दी। उस महिला को बिना किसी नोटिस और वजह के जॉब से निकाल दिया गया।
जब इसकी शिकायत कंपनी के मैनेजमेंट से की गयी तो कंपनी ने इस मामले की तह तक जाने के बजाए महिला को चक्कर लगवाना शुरू कर दिया। उस महिला से कहा गया कि “आप जितनी भोली बन रही हैं, उतनी हैं नहीं”। अंत में परेशान होकर 7 अप्रैल 2015 को महिला ने वहां के नज़दीकी पुलिस स्टेशन (ताडदेव) में इसकी शिकायत दर्ज़ करा दी। पुलिस ने इस केस की तहक़ीक़ात की और 6 मई 2015 को सुमंत मिश्र को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दस हजार रुपये में ज़मानत मिल गयी। अब पुलिस आगे की चार्जशीट तैयार करने में जुटी है।
यदि सुमंत मिश्र आरोपी सिद्ध होते हैं तो उन्हें 8 साल तक की सजा हो सकती है। छेड़छाड़ की शिकार हुई महिला का कहना है कि सुमंत मिश्र के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। वह एक पत्रकार हैं और उन्होंने पत्रकारिता को अपना प्रोफेशन इसलिए बनाया था कि वह लोगों की आवाज बन सकें, लोगों को न्याय दिला सकें। आज यह उनकी अकेले की लड़ाई नहीं है। समाज की लड़ाई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा।