प्रति, माननीय सम्पादक महोदय
भड़ास मीडिया समूह।
आदरणीय सर! सादर प्रणाम।
महोदय, मैं अकोला से नेहा खत्री आपको यह संदेश दे रही हूं। मैं पिछले चौदह सालों यानि अकोला में दैनिक भास्कर संस्करण की शुरुआत के पलों से इस समाचार पत्र का ईवेन्ट कोऑर्डिनेटर/ उपसंपादक/ वुमन भास्कर क्लब संयोजिका के रूप में अभिन्न हिस्सा रही हूं।
मैंने गत 1मार्च को इस संस्करण के कथित स्थानीय सम्पादक राजीव पिसे की प्रताड़ना से हताश होकर अपने तमाम पदों और दैनिक भास्कर से त्यागपत्र दे दिया है। त्यागपत्र के आज एक माह बाद भी भास्कर प्रबंधन में रहस्यमय खामोशी छाई है और कारपोरेट मीडिया के इस संस्थान में महिला कर्मचारियों की शिकायतें और लैंगिक/मानसिक प्रताड़ना संबंधी अपकृत्य सुनने कोई प्रथक नारी विंग/कक्ष ही नहीं है। इसलिए तय नहीं कर पा रही कि क्या करूं? लैंगिक प्रताड़ना के संबंध में पुरुष वर्ग से एक नारी खुलकर क्या कह सकती है?
मैंने पिसे के हाथों पिछले साढ़े सात सालों में झेली अपनी वेदना का विस्तृत शब्दांकन अपने चेयरपर्सन महोदय श्री मनमोहन जी अग्रवाल को गत एक मार्च को सम्प्रेषित करते हुए इस्तीफा दिया था पर अभी तक किंचित मात्र भी प्रतिक्रिया नहीं हुई है।
गत 24 मार्च को मैं पिसे के विरुद्ध इस लैंगिक भेदभाव और प्रताड़ना की पुलिस अधिकारियों के समक्ष शिकायत करने हेतु तत्पर भी हुई थी लेकिन मेरे विधि विशेषज्ञों की कानूनी शब्दावली और मेरी नारी मर्यादाओं के मध्य सामंजस्य न बैठ पाने के कारण दुबारा तैयारी में लगी हूं। मुझे न्याय कैसे मिलेगा?, नहीं जानती पर ‘मरता क्या नहीं करता?’ कोई कोर कसर बाकी नहीं रखूंगी और पिसे को हर मंच पर बेनकाब करूंगी क्योंकि इसने मेरे जीवन के तमाम मानवाधिकारों को रौंद कर रख डाला है और मुझे समाप्त ही कर दिया है।
एक मई महाराष्ट्र स्थापना दिवस पर मैंने मुम्बई में आईजीपी महोदय या महिला मानवाधिकार आयोग कार्यालय के समक्ष न्याय याचना हेतु उपस्थिति दर्ज कराने की ठानी है। कृपया मुझे न्याय दिलाने सामने आएं। आभारी रहूंगी। धन्यवाद।
भवदीया-
नेहा खत्री
अकोला
Rashmi
April 24, 2023 at 10:40 am
Neha.. aapke sath Jo hua wo behad galat hua.. aapko nyay jald se jald mile yehi ishwar prarthana hai. Kyuki deri se nyaay mile to wo bhi anyaay hai.
Mein apke sath hu..