पीएसीएल समूह की मीडिया कंपनी पर्ल मीडिया के न्यूज चैनल पी7 न्यूज से बड़ी खबर आ रही है कि यह चैनल मीडियाकर्मियों की हड़ताल के कारण बंद हो गया है. कई महीनों से सेलरी न मिलने के कारण चैनल का प्रसारण कर्मियों ने रोक दिया है. पी7 न्यूज चैनल में कार्यरत एक मीडियाकर्मी ने जानकारी दी कि पीएसीएल के चिटफंड के कारोबार पर सीबीआई, सेबी, इनकम टैक्स समेत कई विभागों के छापे व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण बुरा असर पड़ा है.
हजारों एकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं. इस कारण चैनल के कर्मियों को सेलरी नहीं दी जा रही है. कर्मचारियों ने नोएडा के लेबर डिपार्टमेंट शिकायत की है. आज मामले की सुनवाई थी. परसों भी सुनवाई होगी. करीब चार महीने से सेलरी न मिलने और बार-बार झूठे आश्वासन मिलने से दुखी कर्मियों ने आज पी7 न्यूज के तीनों चैनलों पर प्रसारण रोक दिया. इससे चैनल स्क्रीन पर सिर्फ चैनल का नाम और मीडिया कंपनी का नाम आ रहा है, बाकी कोई विजुवल नहीं दिखाया जा रहा है. सिर्फ टिकर के माध्यम से खबरें प्रसारित की जा रही हैं. नीचे एक वीडियो लिंक है जिस पर क्लिक कर आप देख सकेंगे कि पी7 न्यूज के तीनों चैनलों पर कोई विजुवल प्रसारित नहीं हो रहा है.
https://www.youtube.com/watch?v=-3cRIvk8Xuk
दीवाली करीब आने और अभी तक चार-पांच महीने की बकाया सेलरी न मिलने से पर्ल मीडिया के तीनों न्यूज चैनलों के कर्मियों में भयंकर आक्रोश हैं. आने वाले दिनों में मीडियाकर्मी सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही जावड़ेकर से लेकर मोदी तक से मिलने का प्लान बना रहे हैं ताकि पीएसीएल के निदेशकों और चेयरमैन की निजी संपत्ति जब्त कर उसके जरिए कर्मियों की सेलरी दी जाए. नोएडा स्थित श्रम विभाग ने भी सेलरी न दिए जाने के प्रकरण को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है और चैनल के निदेशकों को नोटिस भेजा है.
एक अन्य जानकारी के अनुसार निदेशक केसर सिंह फिर से काम पर लौट आए हैं. उन्होंने पिछले दिनों सेलरी संकट और अन्य कई दिक्कतों के कारण इस्तीफा दे दिया था. पर पीएसीएल के कर्ताधर्ताओं के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया. चर्चा है कि पीएसीएल से जुड़े लोगों ने केसर सिंह से कहा है कि वे कंपनी के मुश्किल दिनों में साथ न छोड़ें. अगर अच्छे दिनों में आपने कंपनी के साथ रहकर इसका फायदा लिया तो अब बुरे दिनों में भी कंपनी का साथ दें और मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद करें. हालांकि इन दिनों पीएसीएल और पर्ल ग्रुप में दो तरह के खेमे बन गए हैं. एक खेमा किसी भी कीमत पर कर्मियों की सेलरी चाहता है तो दूसरा खेमा मुश्किल में फंसी कंपनी को उबारने के लिए निजी नुकसान को ध्यान न देने का आह्वान कर रहा है.
जीतेन्द्र खन्ना
October 15, 2014 at 11:11 am
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का काम देख रहे . . . . बिहारी बाबू भी अब रफूचक्कर होने की तयारी में है. . . . इन दिनों मध्यप्रदेश के स्ट्रिंगरों का गला काट रहे है . . . . ये बिहारी बाबू शराब और कबाब के बड़े शौकीन माने जाते है और अब ये मध्यप्रदेश के करीब पचास से ज्यादा और छतीसगढ़ के करीब पच्चीस से ज्यादा स्ट्रिंगरों का पैसा डकारने का भी आरोपी है . . . दिसंबर 2013 से लेकर अक्तूबर तक किसी भी स्ट्रिंगर का पैसा नहीं आया है . . .बिचारे भूखों मर रहे है . . . ऊपर से इनपुट डेस्क के लोग ख़बरों के लिए प्रेशर बना रहे थे अब इनकी भी हवा निकल गई है . . . .अब तो यारों इन बिहारी बाबूजी से पीछा छुडाओ . . . वर्ना आपका भी गला कट सकता है . . . .
jitendra
October 16, 2014 at 6:25 am
इस रिपोर्ट में कुछ खामियां हैं यशवंत जी, जिसने भी आपको जानकारी दी है वो गलत है..चैनल में पी7 mpcg और हरियाणा वालों की अब केवल एक महीने की सैलरी बांकी है..जबकि पी 7 में 20 हजार से ऊपर वालों की भी सैलरी दो महीने का बाकी है…आपने अपनी रिपोर्ट में चार महीने का जिक्र किया है जो बिल्कुल गलत है…साथ ही चैनल चालू रहते भी हक की लड़ाई की जा सकती थी…
dd
November 24, 2014 at 2:20 am
आखिर रमन पांडे p7 को ले डूबा..