मध्यप्रदेश के सबसे बड़े घोटाला व्यापम का पैसा एक शाम के अखबार में लगा होने की खबर ने सबको चौंका दिया है। STF को भी इस बात की जानकारी थी। लेकिन अब उसके हाथ अहम दस्तावेज़ भी लग गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि STF को जानकारी मिली है कि सुधीर शर्मा का व्यापम घोटाले से कमाया हुआ काफी पैसा भोपाल से निकलने वाले शाम के एक अखबार में लगाया गया है।
इस अखबार ने बड़ी तेजी से मध्य प्रदेश के कई शहरों में अखबार निकाले और एक फर्जी कंपनी बनाकर पैसा उसमें ट्रान्सफर कर दिया है। STF इस अखबार के मालिक और घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के बीच हुई फ़ोन कॉल्स की डिटेल तलाश रहा है। अखबार मालिक ने अपने को इस घोटाले से बचाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की शरण ली थी लेकिन अब आज के हालात में STF की जांच खुद शिवराज पर आकर टिक गई है। जल्द ही कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।
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भोपाल के एक सांध्य अखबार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को डराने और बदला निकालने के लिए फैलाई झूठी खबर। अख़बार ने खबर छाप दी कि ‘ज़ी mpcg’ के चैनल हेड ने राज्यपाल के इस्तीफे की गलत खबर पर ज़ी संस्थान छोड़ा। अखबार ने विरोधी गुट के इशारे पर भ्रम फैलाया और whats app पर अनजान नम्बरों से अपनी खबर को सही ठहराने की कोशिश की। भोपाल के वरिष्ठ पत्रकारों ने इस घटियापन की भर्त्सना की है। उनका कहना है की इस तरह का भ्रम फ़ैलाने से कोई भी चैनल नहीं डरता। ज़ी पर इस्तीफे की खबर दिल्ली से चली थी इसलिए mpcg चैनल की कोई गलती नहीं थी। किसके इशारे पर खेल जा रहा है ये गन्दा खेल?
भोपाल में ज़ी mpcg के नए चैनल हेड की खबर से ज़ी न्यूज़ दिल्ली में काम करने वाले एक ऐय्याश पत्रकार बेहद खुश हैं। ये चैनल हेड का दायां-बायां होने का दावा करता फिर रहा है। एक साल पहले इसे टाइम्स नाउ ने शराब पीकर ड्राईवर को पीटने पर बाहर का रास्ता दिखाया था। फिर ज़ी न्यूज़ की एक बाला को अपने प्रेमजाल में फंसाकर इसने ज़ी mp में घुसपैठ की और लड़की से गुप्त शादी रचाई। लेकिन शादी के दूसरे दिन ही इसकी ऐय्याशी और शराबखोरी की पोल खुल गई। एक महीने की मारपीट और अत्याचार से तंग आकर लड़की बिलासपुर भाग गई। यह पत्रकार खुद को अभी भी गैर-शादीशुदा बताता है। लेकिन उसकी पोल खुल गई है। अब वो ज़ी mp में फिर से आने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसने चापलूसी की सभी हदें पार कर दी हैं। ज़ी प्रबंधन को इस बात की जानकारी है और उस पर ऑफिस की गाड़ी का दुरुपयोग और ड्राईवरों के साथ शराब पीकर मारपीट की जांच भी चल रही है।
भोपाल से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए मेल पर आधारित.
Comments on “व्यापम घोटाले का पैसा मध्य प्रदेश के एक शाम के अख़बार में लगा!”
ये अखबार ‘प्रदेश टुडे’ है, जिसमें ‘व्यापम’ घोटाले का पैसा तो लगा ही है, ‘मध्यान्ह भोजन योजना’ के गोलमाल का पैसा भी इसी अखबार में लगा है। भाजपा के पूर्व सरकार की मंत्री रंजना बघेल तो इनके इशारे पर नाचती थी! पर, इस बार मंत्री बनी कुसुम महदेले ने इन्हें घास नहीं डाली! जनसंपर्क के विज्ञापनों में भी ‘प्रदेश टुडे’ ने जमकर गड़बड़ी की है। जहाँ से अखबार के एडीशन नहीं हैं, वहां भी फर्जी सर्कुलेशन दर्शाकर विज्ञापन कबाड़ लिए! इनके इस घोटाले में जनसंपर्क के एक बड़े अधिकारी का भी सहयोग रहा है।
इस फर्जी पत्रकार का नाम आशुतोष गुप्ता है। ये एक नंबर का अय्याश, अडीबाज, दलाल और चापलूस पत्रकार है। ये ना सिर्फ नशेला है बल्कि नपूंसक भी है। उस जी न्यूयज की लडकी ने इसको छोडकर अपना जीवन बचा लिया। इसकी चापलूसी के क्याी कहने। बॉस के पैर पडने से लेकर उनके घर का सामान लाने और उनके बच्चों की कटिंग कराने तक का काम करता है यह चापलूस। भारत समाचार जैसे फर्जी चैनल से भी इसको धक्केक मारकर निकाला गया था। ये फर्जी पत्रकार इससे पहले साधना न्यूसज में काम करता था। यहां यह अपने अय्याश बॉस के कहने पर अडीबाजी करता था। इसका यह बॉस अब एक चिटफंड कंपनी के एमपी सीजी चैनल का हेड बनकर बैठा हुआ है। वहीं साधना न्यूज के एक अडीबाज और कामचोर कैमरामेन सुजीत को भी यह अपने साथ जी न्यूसज ले गया था, लेकिन वहां इसके काम को देखते हुए इसे भगा दिया गया और वो भी बॉस के पैर पडकर साधना न्यूाज में वापस आ गया। ये दोनों ही बॉस की चमचागिरी तो करते ही हैं साथ ही बॉस को पैग बनाकर देले और उनके सामने नतमस्त क होकर वेटर का काम भी करते हैं। यही नहीं उनको लडकी तक सप्लाए करने का काम करते हैं ये दलाल।