शिमला । सिरमौर जिला के पौंटा साहिब में पुलिस द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। कलम के सिपाहियों पर एक के बाद एक केस दर्ज करने से कई शंकाओं को जन्म मिल रहा है। यहां पर अभी तक 6 से अधिक पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। यह कितना न्यायसंगत है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह बात नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रधान धनेश गौतम ने कही।
उन्होंने हाल ही में एक पत्रकार वार्ता में थाना प्रभारी द्वारा पत्रकार को धमकाने व मामला दर्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की आवाज को वही पुलिस अधिकारी दबाना चाहते हैं जो सच्चाई को दरकिनार करना चाहते हैं। उन्होंने थाना प्रभारी की कार्यशैली की भी जांच की मांग की। उन्होंने प्रदेश सरकार, पुलिस प्रमुख हिमाचल प्रदेश व एसपी नाहन से अपील की है कि पुलिस की छवि को देवभूमि में कायम रखने के लिए उक्त प्रभारी को शीघ्र हटाया जाए। साथ ही एक जांच अधिकारी को बिठाया जाए जिससे पूरे प्रदेश को भी पता चले कि सच क्या है।
उन्होंने कहा कि हम सच जानना चाहते हैं कि आधा दर्जन से अधिक पत्रकारों पर मामले क्यों दर्ज हुए। इससे स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था और निर्भीक पत्रकारिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सच का दर्पण है और समाज का आइना। आज के दौर में मीडिया देश निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है लेकिन इस तरह की घटनाओं से स्वच्छ कानून व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती।