Connect with us

Hi, what are you looking for?

हिमाचल प्रदेश

पौंटा साहिब में पत्रकारों पर एक के बाद एक दर्ज किए जा रहे फर्जी मुकदमें

शिमला । सिरमौर जिला के पौंटा साहिब में पुलिस द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। कलम के सिपाहियों पर एक के बाद एक केस दर्ज करने से कई शंकाओं को जन्म मिल रहा है। यहां पर अभी तक 6 से अधिक पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। यह कितना न्यायसंगत है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह बात नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रधान धनेश गौतम ने कही।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>शिमला । सिरमौर जिला के पौंटा साहिब में पुलिस द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। कलम के सिपाहियों पर एक के बाद एक केस दर्ज करने से कई शंकाओं को जन्म मिल रहा है। यहां पर अभी तक 6 से अधिक पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। यह कितना न्यायसंगत है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह बात नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रधान धनेश गौतम ने कही।</p>

शिमला । सिरमौर जिला के पौंटा साहिब में पुलिस द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। कलम के सिपाहियों पर एक के बाद एक केस दर्ज करने से कई शंकाओं को जन्म मिल रहा है। यहां पर अभी तक 6 से अधिक पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। यह कितना न्यायसंगत है, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह बात नॉर्थ इंडिया पत्रकार एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रधान धनेश गौतम ने कही।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उन्होंने हाल ही में एक पत्रकार वार्ता में थाना प्रभारी द्वारा पत्रकार को धमकाने व मामला दर्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की आवाज को वही पुलिस अधिकारी दबाना चाहते हैं जो सच्चाई को दरकिनार करना चाहते हैं। उन्होंने थाना प्रभारी की कार्यशैली की भी जांच की मांग की। उन्होंने प्रदेश सरकार, पुलिस प्रमुख हिमाचल प्रदेश व एसपी नाहन से अपील की है कि पुलिस की छवि को देवभूमि में कायम रखने के लिए उक्त प्रभारी को शीघ्र हटाया जाए। साथ ही एक जांच अधिकारी को बिठाया जाए जिससे पूरे प्रदेश को भी पता चले कि सच क्या है।

उन्होंने कहा कि हम सच जानना चाहते हैं कि आधा दर्जन से अधिक पत्रकारों पर मामले क्यों दर्ज हुए। इससे स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था और निर्भीक पत्रकारिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सच का दर्पण है और समाज का आइना। आज के दौर में मीडिया देश निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है लेकिन इस तरह की घटनाओं से स्वच्छ कानून व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement