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अमर उजाला के फ़ोटो पत्रकार ने एक आदमी को सुसाइड करने से रोका!

शम्भूनाथ शुक्ला-

आज मुझे पत्रकारिता पर गर्व हुआ। पहली बार लगा कि हमने यह पेशा चुन कर सही काम किया। अमर उजाला के फ़ोटो पत्रकार विवेक निगम ने एक आदमी को जमना में कूदने से बचाया।

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विवेक ने प्रोफ़ेशनलिज़म को छोड़ा और इस व्यक्ति को आत्म हत्या करने से रोक लिया। और कोई होता तो वह कूदते हुए व्यक्ति की फ़ोटो खींचने में तल्लीन हो जाता और इस अनूठी फ़ोटो के लिए उसे “फ़ोटोग्राफ़र ऑफ द ईयर” से नवाज़ा जाता। लेकिन विवेक ने मनुष्य धर्म का निर्वाह किया।

जुग-जुग जीयो विवेक!

बताता चलूँ, आज से १३-१४ वर्ष पहले मैंने ही विवेक निगम और सरिता को फ़ोटोग्राफ़ी के लिए चुना था। बाद में सरिता ने विवेक से शादी कर ली, इसलिए कंपनी के नियम के चलते दोनों में से एक को कंपनी छोड़नी पड़ती। सरिता ने जॉब छोड़ दी।

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