Yashwant Singh : ये मुझे ठीक तरीका लग रहा है. जो संस्थान आपकी सेलरी और बकाया मारे हो, उस संस्थान के गेट पर जाकर अगल बगल घूमते हुए और उसकी पोल खोलते हुए वीडियो बना लीजिए. उसके बाद भड़ास को भेज दीजिए. भड़ास तो बैठा ही है ऐसी खबरों और वीडियोज को जगह देने के लिए. तो आइए, इस क्रम की शुरुआत करने वाले वीडियो को देखते हैं.
इस वीडियो में नेशनल दुनिया नामक अखबार का जिक्र है और इसके मालिक शैलेंद्र भदौरिया का भी उल्लेख है. भदौरिया ने अखबार तो कई जगह से खोले और बंद किए, कुछ जगहों पर अभी चला भी रहा है लेकिन सेलरी देने के नाम पर इसकी नानी मरती है. परेशान हाल मीडियाकर्मी ने जो वीडियो बनाकर अपनी भड़ास निकाली है, उसे देखने के लिए नीचे क्लिक करें :
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.