ख़बर औरैया जिले के बिधूना कस्बे से है। मामला एक तथाकथित पत्रकार से जुड़ा है लिहाजा चर्चा भी ज्यादा है। करीब एक साल पहले एक युवक की ह्त्या में कस्बे के एक पत्रकार का नाम आया था। वह पत्रकार भी नामी समाचार पत्र का प्रतिनिधि था। पुलिस के रिकार्ड में हत्यारोपी वह पत्रकार आज भी फरार है। उस समय की वह घटना और उसके आरोपी पत्रकार के बीच की कड़ी पर पुलिस की जांच शुरू हुई तो मामला दौलत से जुड़ा पाया गया। जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर हुए हत्या जैसे जघन्य अपराध और उसमे कथित रूप से शामिल एक तथाकथित पत्रकार की वजह से औरैया और आसपास के पत्रकार शर्मिंदा थे।
एक लालची और गन्दी मछली ने समूचे तालाब का पानी गन्दा और जहरीला बना दिया था। समय बीतता गया और उसी के साथ-साथ एक साल पहले की वह घटना और उसके आरोपी तथाकथित पत्रकार की चर्चा भी धीरे-धीरे सुस्त होती गई। लेकिन उसी शहर और कस्बे में स्थित कोतवाली में अभी सार्वजनिक रूप से घटी एक घटना ने जिले भर के पत्रकारों को शर्मिंदा कर दिया है। वे पत्रकार ज्यादा शर्मिंदा हैं जो क्राइम बीट देखते हैं और विषम परिस्थितियों और हालातों में भी अपने ईमान और परम कर्तव्यों से समझौता नहीं करते हुए पत्रकारिता के मिशन के वाहक बने हुए हैं।
बिधूना कोतवाली में एक सप्ताह पूर्व कोतवाल द्वारा सार्वजनिक रूप से लताड़े जा रहे टीवी चैनल के एक तथाकथित पत्रकार की दशा देख कर वहां भीड़ लग गई। लोग जानना चाहते थे की आखिर सबके सामने अपने को समाज का प्रहरी बताने वाले एक पत्रकार को भरे समाज में इतना बेइज्जत क्यों किया जा रहा है? भीड़ में हो रही खुसर-फुसर कोतवाल के कानों तक पहुंची। जवाब देना जरूरी समझते हुए कोतवाल ने भीड़ को बताया की यह मूल रूप से झोलाछाप डाक्टर है और लोगों का दांत उखाड़ना इसका अब तक का पेशा है। पेशे को कवच देने के लिए इसने पत्रकारिता का भी चोला ओढ़ लिया है।
कोतवाल ने आगे कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से समाज सेवा की बजाए इसका चिंतन दौलत कैसे कमायी जाए, इस पर बराबर रहता है। अब इसने अपनी पहचान कस्बे और आसपास के अपराधियों के संरक्षणदाता के रूप में भी कर ली है। इसके एवज में अपराधियों से मोटी रकम ऐंठता है और समाचार चैनल से पैसा न मिलने के बावजूद मंहगे शौक पूरा करता है। कोतवाल ने बताया की सट्टेबाजी की वजह से इलाके में लोग बर्बाद हो रहे हैं और कई हंसते खेलते परिवार इस धंधे की वजह से उजड़ गए हैं।
सट्टे के कारोबार पर जब कोतवाल ने तगड़ा प्रहार किया तो उसको संरक्षण देने के एवज में मोटी रकम ऐंठने वाला तथाकथित पत्रकार सामने आ गया। पत्रकार का नक़ाब उतर चूका था लिहाजा कोतवाल ने सरेबाजार उसको उसकी औकात बता दी। बताया जाता है की जरायमपेशा अपराधियों को संरक्षण देने वाले इस तथाकथित पत्रकार की फ़ाइल गोपनीय रूप से कोतवाल ने खोल दी है। इसके काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा काली स्याही से हर पन्ने पर मोटे अक्षरों में लिखा जा रहां है जिसकी जानकारी अभी इस तथाकथित पत्रकार को नहीं है। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क किया है और दांत उखाड़ने के इसके पेशे से जुड़े कागजों को इकठ्ठा करने की शुरुआत हो चुकी है।
इटावा से प्रकाशित प्रलय समाचार पत्र के इस समाचार से आप इस खबर और दौलत के भूखे इस तथाकथित दांत उखाड़ और अपराधियों को संरक्षण देने वाले तथाकथित पत्रकार के बारे में जान सकते हैं:
इटावा से दिनेश शाक्य की रिपोर्ट।
KUNVAR SAMEER SHAHI
September 10, 2014 at 2:34 pm
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