त्रिलोकपुरी दंगे के दौरान पुलिसिया ज्यादाती की कहानी बाहर न आए इसके लिए पूर्वी जिला पुलिस अब पत्रकारों पर भी हमला करने से नहीं चूक रही है. ऐसे ही एक मामले में मंगलवार को विवेक विहार थानाध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ एक अखबार के वरिष्ठ संवाददाता राजेश सरोहा पर लाठियों से जमकर प्रहार किए. घायल पत्रकार ने किसी तरह मौके से हटकर डीसीपी को फोन किया और जान बचाई. सरोहा का कहना है कि वे दिन में करीब 12.30 बजे दंगा प्रभावित इलाके की स्थिति को देखने के लिए त्रिलोकपुरी ब्लॉक 5 और 6 से होते हुए ब्लॉक 11 पहुंचे थे.
यहां तैनात पुलिस वालों ने रोकते हुए कहा कि कर्फ्यू लगा हुआ है आप आगे नहीं जा सकते. पुलिसकर्मियों के रोकते ही उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल साइड में लगा दी और उन्हें परिचय देकर दंगे के हालात के बारे में बात करने लगे. इसी दौरान त्रिलोकपुरी ब्लॉक-14 की ओर से पुलिस की जिप्सी आई, जिसे देखते ही सभी पुलिसकर्मी खडे़ हो गए. पुलिसकर्मियों ने उन्हें चले जाने को कहा. सरोहा ने कहा कि वे अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट कर वहां से निकल पाते, तभी जिप्सी में बैठे इंस्पेक्टर राकेश सागवान ने पुलिसकर्मियों से उनके बारे में पूछताछ की, एक पुलिसकर्मी ने यह कह दिया कि ये जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रहा था.
यह सुनते ही इंस्पेक्टर ने धक्का-मुक्की की और लाठी से पिटाई करनी शुरू कर दी. इस बीच अन्य पुलिसकर्मी भी लाठियों से वार करने लगे और धक्का-मुक्की करते हुए दूर तक ले गए. इस दौरान वे चिल्लाते रहा कि वे अखबार से हैं, लेकिन उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा. जब उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि वे अभी उनके डीसीपी को फोन करते हैं तो पुलिस वालों ने वहां से भागते हुए कहा कि किसी को भी फोन कर ले, हमारी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता. तब उन्होंने डीसीपी ईस्ट अजय कुमार को फोन कर घटना की जानकारी दी. कुछ ही समय बाद मौके पर डीसीपी पहुंच गए. तब पता चला कि इंस्पेक्टर सांगवान विवेक विहार का थानाध्यक्ष है. डीसीपी के कहने पर इंस्पेक्टर राकेश सागवान ने माफी मांगते हुए कहा कि गलती हो गई. सरोहा ने इस संबंध में संयुक्त आयुक्त संजय बैनीवाल और स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर दीपक मिश्रा से शिकायत की.