दिल्ली पुलिस का हाल इन दिनों बेहद बुरा है. केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकस्सी का पूरा फायदा दिल्ली पुलिस उठा रही है. इस कारण चोर-उचक्कों और लुटेरों की बन आई है. आए दिन सभ्य लोग पुलिस या पुलिस संरक्षित गुंडों-चोरों-उचक्कों के जरिए परेशान प्रताड़ित किए जा रहे हैं. यहां दो घटनाओं का उल्लेख जरूरी है. हरिभूमि डाट काम के पत्रकार राहुल पांडेय के दिल्ली स्थित घर को चोरों ने साफ कर दिया. राहुल पांडेय पत्रकार के साथ साथ साहित्यकार, रंगकर्मी, चित्रकार और फिल्मकार भी हैं.
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दिल्ली और एमपी पुलिस से घूम कर शिकायत यूपी पुलिस को
19 अगस्त 2014 को इंदिरानगर, लखनऊ की शुचिता श्रीवास्तव मेरे पास आयीं और उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन से एलेग्जेंडर जिओर्जी नामक एक व्यक्ति सीरिया निवासी बताते उन्हें भारत में अस्पताल खोलने के नाम पर संपर्क कर रहा था. एक लम्बे समय तक शुचिता और एलेग्जेंडर की इस बारे में फेसबुक पर बातचीत होती रही. शुचिता ने बताया कि यद्यपि वे समझ गयी थीं कि एलेग्जेंडर ठग है पर वे मामले की तह तक पहुँचने के लिए उसका विश्वास जीतने को उससे बात करती रहीं.
पत्रकार राजेश सरोहा की लाठियों से पीटने वाला दिल्ली का थानेदार राकेश सांगवान निलंबित
दिल्ली में त्रिलोकपुरी दंगा के दौरान पत्रकार राजेश सरोहा को लाठियों से पिटाई करने वाले विवेक विहार थानाध्यक्ष राकेश सांगवान को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के भी आदेश दिए गए हैं. पिटाई करने वाले उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है, जिन्होंने पिटाई करने में थानाध्यक्ष का साथ दिया था. पत्रकार की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या आठ से दस के बीच है.
दिल्ली के त्रिलोकपुरी में थानाध्यक्ष ने पत्रकार राजेश सरोहा को पीटा
त्रिलोकपुरी दंगे के दौरान पुलिसिया ज्यादाती की कहानी बाहर न आए इसके लिए पूर्वी जिला पुलिस अब पत्रकारों पर भी हमला करने से नहीं चूक रही है. ऐसे ही एक मामले में मंगलवार को विवेक विहार थानाध्यक्ष ने अपनी टीम के साथ एक अखबार के वरिष्ठ संवाददाता राजेश सरोहा पर लाठियों से जमकर प्रहार किए. घायल पत्रकार ने किसी तरह मौके से हटकर डीसीपी को फोन किया और जान बचाई. सरोहा का कहना है कि वे दिन में करीब 12.30 बजे दंगा प्रभावित इलाके की स्थिति को देखने के लिए त्रिलोकपुरी ब्लॉक 5 और 6 से होते हुए ब्लॉक 11 पहुंचे थे.