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राष्ट्रीय सहारा नोएडा और लखनऊ में सेलरी के लिए कर्मियों ने कई घंटे काम ठप रखा

एक बड़ी खबर सहारा मीडिया से आ रही है. राष्ट्रीय सहारा अखबार में आज शाम से कर्मियों ने कई घंटे तक काम ठप रखा. जनवरी से सेलरी न मिलने के कारण सहाराकर्मी बेहद परेशान हैं. होली में बस कुछ दिन ही शेष हैं. छुट्टियों के कारण बैंक वगैरह कई दिन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसे में अगर सेलरी आजकल में नहीं आई तो फिर ये मार्च महीना बिना सेलरी के बीत जाएगा और सबकी होली बेरंग हो जाएगी. इसी को देखते हुए कर्मी आज शाम कई घंटे तक कलमबंद हड़ताल पर रहे.

<p>एक बड़ी खबर सहारा मीडिया से आ रही है. राष्ट्रीय सहारा अखबार में आज शाम से कर्मियों ने कई घंटे तक काम ठप रखा. जनवरी से सेलरी न मिलने के कारण सहाराकर्मी बेहद परेशान हैं. होली में बस कुछ दिन ही शेष हैं. छुट्टियों के कारण बैंक वगैरह कई दिन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसे में अगर सेलरी आजकल में नहीं आई तो फिर ये मार्च महीना बिना सेलरी के बीत जाएगा और सबकी होली बेरंग हो जाएगी. इसी को देखते हुए कर्मी आज शाम कई घंटे तक कलमबंद हड़ताल पर रहे.</p>

एक बड़ी खबर सहारा मीडिया से आ रही है. राष्ट्रीय सहारा अखबार में आज शाम से कर्मियों ने कई घंटे तक काम ठप रखा. जनवरी से सेलरी न मिलने के कारण सहाराकर्मी बेहद परेशान हैं. होली में बस कुछ दिन ही शेष हैं. छुट्टियों के कारण बैंक वगैरह कई दिन तक बंद रहने वाले हैं. ऐसे में अगर सेलरी आजकल में नहीं आई तो फिर ये मार्च महीना बिना सेलरी के बीत जाएगा और सबकी होली बेरंग हो जाएगी. इसी को देखते हुए कर्मी आज शाम कई घंटे तक कलमबंद हड़ताल पर रहे.

लखनऊ में प्रभारी संपादक दयाशंकर राय को उनके केबिन में सहारा कर्मियों ने कई घंटे तक बंधक बनाए रखा. बाद में जब मीडियाकर्मी अपने अपने डेस्क पर गए तो भी काम बंद किए रहे. बाद में देवकीनंदन मिश्र ने आकर सबको बताया कि उनकी बॉस से बात हो गई है और शनिवार यानि कल सेलरी सबके एकाउंट में आ जाएगी. कर्मियों ने इस आश्वासन पर काम शुरू कर दिया लेकिन चेतावनी दी कि अगर शनिवार को सेलरी नहीं आई तो किसी कीमत पर अखबार नहीं निकलेगा.

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बताया जाता है कि उपेंद्र राय ने सीईओ और एडिटर इन चीफ बनने के बाद जो जो वादे किए थे, जो उम्मीदें जगाई थी, सब एक-एक कर ध्वस्त होते जा रहे हैं. हर महीने की दस तारीख को सेलरी देने का उनका वादा पूरा नहीं हो पा रहा. चार चार महीने से सहारा कर्मी बिना सेलरी सिर्फ आश्वासन के भरोसे काम कर रहे हैं और प्रबंधन के लोग इसे सहारा कर्मियों की मजबूरी मान चुप्पी साधे बैठे हुए हैं. जब हड़ताल या प्रदर्शन की स्थिति आती है तो सहारा श्री की तरफ से एक पत्र जारी करवा दिया जाता है जिसके बाद सब कुछ स्थगित हो जाता है और यथास्थिति कायम हो जाती है.

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0 Comments

  1. Jai Hind. पटना

    March 19, 2016 at 2:04 am

    उपेन्द्र सर ने बहुत हद तक सहारा मीडिया को पटरी पर ला दिया है. सहारा कर्मी इसी विश्वास के साथ काम कर रहे हैं कि उपेन्द्र जी जो कहते है वो कर दिखाते है . सहराकर्मियों को विश्वास है कि उपेन्द्र जी ने जो कुछ वादा किया है या घोषनाये की है वो सब लागू की जाएँगी . आशा है होली में सहराकर्मियों की मुरादें पूरी हो जाएँगी. ख़ुशी का इससे बड़ा मौका नहीं हो सकता है . उपेन्द्र जी पर सहाराश्री जी का आशीर्वाद है और हजारों सहराकर्मियों की दुआएं काम कर रही है. संसथान, बस भरोसा मत तोड़े . विरोधियों को कुछ कहने लायक नहीं छोड़े .हमें कामयाबी से कोई रोक नहीं सकता .

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