Pradeep Srivastav : सहारा इंडिया के कर्मचारियों, वर्करों, अधिकारियों की स्थिति को लेकर मेरे जैसे ढेर सारे लोग चिंतित हैं। चार माह से वेतन न मिलने कारण आर्थिक तंगी में जीवन काट रहे लखनऊ में सहारा इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप मंडल द्वारा आज आत्महत्या करने से मन बहुत दुखी है। सहारा में प्रदीप मंडल जैसे ढेर सारे अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें चार-पांच माह से वेतन नहीं मिला है।
दुख और चिंता केवल प्रदीप मंडल की मौत की ही नहीं बल्कि सहारा के दस लाख स्थाई, अस्थाई कर्मचारियों, अधिकारियों के जीवन को लेकर भी है। सहारा की जो स्थिति आज है उसमें प्रदीप मंडल का आत्महत्या करना शुरुआत भर है। यदि हालात नहीं बदले तो आने वाले दिनों में इन दस लाख लोगों का क्या होगा यह सोचकर ही मन कांप जाता है। ईश्वर इन दस लाख लोगों की रक्षा करे। दुख, पीड़ा और वेदना की इस घड़ी में समाज के हर वर्ग के लोगों को सहारा कर्मियों के साथ खड़ा होना चाहिए।
लखनऊ के पत्रकार और ब्लागर प्रदीप श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से.
मूल खबर….
Comments on “सहारा की जो आज स्थिति है उसमें प्रदीप मंडल का आत्महत्या करना शुरुआत भर है…”
Ab Rajesh kumar ke kandhe par banduk rakhkar goli chalayi ja rahi hai. Rajesh jitna din vetan dene se rok payenge unhe puraskrit kiya jayega. Jaibrat Roy badi chalaki se bahar ho gaye hain. April me toh kaphi kharche hote hain. school fee jama karna hi afat hai.
जहा तक हमने सुना है कि केवल कर्मचारीओ की सैलरी को छोड़कर बाकी सब खरचे पहले की तरह हो रहे हैं. यह सब क्यों हो raha है इसका जबाब किसी के पास नहीं है.