वाराणसी। पत्रकारिता की आड़ में साप्ताहिक समाचार पत्र को हथियार बना अपने महिला कर्मचारी को अनैतिक कार्य करने के लिए विवश करने वाले कथित सम्पादक पर राज्य महिला आयोग ने बुधवार को शिकन्जा कस दिया। आयोग ने सम्पादक और उसके सहकर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश सिगरा थाने को दिया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच सीओ कोतवाली को सौंपा है।
स्थानीय सर्किट हाउस में उ.प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुमन यादव महिला उत्पीड़न आदि से सम्बन्धित सुनवायी कर रही थी कि इसी बीच वहां भुवनेश्वरी मलिक उर्फ सपना यादव नामक महिला पहुंची और आयोग उपाध्यक्ष से गुहार लगायी कि साप्ताहिक समाचार पत्र ‘फास्ट न्यूज’ के संपादक प्रभाकर द्विवेदी तथा एक अन्य कर्मी नितिन ओझा उसे अनैतिक काम करने के लिए दबाव बना रहे है।
बताया कि इस समाचार पत्र में वह दो-तीन महिने तक कार्यरत रही। इस दौरान प्रभाकर द्विवेदी, जिनके खिलाफ थाना चोलापुर एवं कैण्ट में आपराधिक मुकदमें दर्ज है एवं नितिन ओझा द्वारा उन पर अनैतिक कार्यों के लिये दबाव बनाया गया तथा इससे इन्कार करने पर इन लोगों ने भुवनेश्वरी एवं उनके पति को फर्जी मुकदमें में फसाये जाने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं “शातिर चोर’’ के नाम से इन लोगों की फोटो सहित खबर अपने बंद पड़े समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया। फर्जी समाचार प्रकाशित करने तथा पूरे प्रकरण की शिकायत थाना सिगरा में किये जाने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं किया गया।
आयोग की उपाध्यक्ष को पीड़िता ने बताया कि प्रकरण की जानकारी उसके द्वारा एसएसपी को दिये जाने पर उन्होंने क्षेत्राधिकारी चेतगंज को जांच कर कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया था। मामले की गम्भीरता को देख उपाध्यक्ष ने सिगरा थाना प्रभारी को सर्किट हाउस में तुरन्त तलब किया। इस दौरान थाना प्रभारी ने ऐसा कोई भी मुकदमा पंजीकृत होने से इनकार किया। इस पर उपाध्यक्ष ने पूरे प्रकरण को गम्भीरता से लिया तथा सिगरा थाना प्रभारी को प्रभाकर द्विवेदी व नितिन ओझा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी कोतवाली को पूरे प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया।
बनारस से युवा पत्रकार अवनींद्र सिंह अमन की रिपोर्ट.