भड़ास ने बहुत पहले बता दिया था कि पीएमओ की तरफ से अघोषित आदेश सीमा गुप्ता को लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ बनाने का है. वही हुआ भी. इसके लिए इंटरव्यू बोर्ड में ऐसे लोगों को रखा गया जिनका टीवी का कोई अनुभव नहीं था. खासकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपने खासमखास अभिलाष खांडेकर को चयन बोर्ड का काम निपटाने के लिए तैयार कर रखा था. ढेर सारे वरिष्ठ लोगों में अनजाने से नाम सीमा गुप्ता को सीईओ और एडिटर इन चीफ चुना गया. पारदर्शिता के नाम पर जीत कर आई मोदी सरकार की इस करनी से लोगों को कांग्रेस के दिनों की याद आ गई.
लोग कहने लगे हैं कि सब कुछ तो पहले ही जैसा है. वही भेदभाव, वही परिचय-जुगाड़, वही भ्रष्टाचार. बताया जाता है कि सीमा गुप्ता के पिता संघ से काफी गहरे जुड़े हुए हैं. इसी कारण सीमा गुप्ता की दावेदारी को ओके किया गया. कुछ लोगों का कहना है कि सीमा गुप्ता ने एक जमाने में जी न्यूज में काम किया था. लोकसभा टीवी के लिए हुए इंटरव्यू के फाइनल रिजल्ट को आज घोषित कर दिया गया है और इसमें सीमा गुप्ता के नंबर वन पर रहने की बात बताई गई है. सीमा गुप्ता के आने के बाद लोकसभा टीवी में संघ और भाजपा से जुड़े पत्रकारों की भर्ती का काम तेज होने की संभावना है. फिलहाल आप भी देखिए कि सीमा गुप्ता को कितने नंबर मिले और बाकी पत्रकारों को कितने कितने नंबर मिले…
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आजकल चयन पहले होता है और भर्ती का विज्ञापन में बाद में निकलता है। ऐसे तकरीबन सभी पदों के लिए पहले ही पता चल जाता है कि श्रीखंड किसे मिलने वाला है। शेष अभ्यथी केवल इस उम्मीद में भर्ती की औपाचारिक रश्म की शोभा बढ़ाते हैं कि क्या पता उनकी किस्मत में भी कभी श्रीखंड का योग बैठ जाए।
ये नंबर देना, और उसे सार्वजनिक करना बाक़ी पत्रकारों के सम्मान के विरूद्ध है जो लोकसभा टीवी के लिये चुने नहीं जा सके.
शायद ऐसा पूरी दुनिया के किसी मीडिया संस्थान ने नहीं किया होगा.
इस सरकारी चैनल का मकसद इंटरव्यू के लिये गये पत्रकारों को कुंठित करना, या उनका मज़ाक बनाना तो नहीं है ?
क्या चयनकर्ता वाकई इंटरव्यू लेने के लायक थे?
अतिवाद भी विचारधारा से जुड़ा हो, अच्छा नहीं होता। नरेंद्र मोदी की छवि को नजरअंदाज करते हुए पूरे देश ने इस भरोसे के साथ बीजेपी को वोट किया था कि मोदी जनता की इच्छा का सम्मान करेंगे। लेकिन, उनकी नाक के नीचे लोकसभा टीवी में जो हुआ वह बेहद निराशाजनक है। इतने वरिष्ठ पत्रकारों के साथ जो बर्ताव हुआ वह वाकई भर्त्सना करने योग्य है। भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने से पहले ही सीमा गुप्ता का नाम तय कर लिया गया था और फिर पारदर्शिता का ढोंग करने के लिए पूरी पत्रकार बिरादरी को अपमानित किया गया।
आज अगर पत्रकार बिरादरी चुप बैठेगा, तो आगे उसे और भी अपमानित होना पड़ सकता है। इसलिए, लोकसभा टीवी में हुए षडयंत्र का सभी पत्रकारों को विरोध करना चाहिए।
Seema Gupta ko koi nahi jaanta lekin jin baki logo ne interview diya wo kaun se tees maar khaan hain bhai? Aur doosri baat agar Sarkar ko sab kuch chori chupe karna hota to saare candidates ke marks public kar deti?
Khisiyani billi khambha noche wali baat ho gayi