अजीब समय है. जो लोग इंटरव्यू लेने के लिए बैठे मिले, उनके पास टीवी का कोई ज्ञान नहीं है. पर वे एक टीवी चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ की तलाश में दर्जनों लोगों का इंटरव्यू लेते रहे. जी हां. पिछले दिनों लोकसभा टीवी के नए सीईओ और एडिटर इन चीफ पद के लिए जो इंटरव्यू बोर्ड बैठा उसमें प्रिंट मीडिया में लंबे समय से कार्यरत अभिलाष खांडेकर (जो इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के काफी करीबी माने जाते हैं) और भाजपा सांसद व फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना भी शामिल थे. जो तीसरा शख्स था वह नौकरशाह था और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़ा हुआ था.
विनोद खन्ना ने फिल्मों में बतौर एक्टर अभिनय किया है और उसके बाद राजनीति की पारी शुरू की. पर इन तीन लोगों ने मीडिया से जुड़े दर्जनों वरिष्ठ पत्रकारों का इंटरव्यू ले डाला. सूत्रों ने बताया का इन तीनों का टीवी का बैकग्राउंड न होने के कारण ये लोग इंटरव्यू में सिर्फ कामचलाऊ सवाल ही पूछते रहे, जैसे कि आपने कहां कहां काम किया है, इस समय आप क्या कर रहे हैं आदि-इत्यादि. इंटरव्यू देने वाले ज्यादातर लोग निराश थे क्योंकि उन्हें इंटरव्यू बोर्ड देखकर ही लग गया है कि ये सब खानापूर्ति के लिए किया जा रहा है. नियुक्ति तो उसे ही मिलेगी जिसे सत्ता के आलाकमान ओके करेंगे. चर्चा है कि जी न्यूज में काम कर चुके नवीन कुमार उर्फ नवीन जिंदल इन दिनों आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से सोर्स लगाकर लोकसभा टीवी का सीईओ बनने के लिए प्रयासरत हैं. बताया जा रहा है कि नवीन कुमार या सीमा गुप्ता में से किसी एक के नाम पर मुहर लग सकती है.
Comments on “लोकसभा चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ पद के लिए इंटरव्यू लेने वाले पैनल में किसी का बैकग्राउंड टीवी का नहीं!”
लाेकसभा चैनल िकसका,सरकार का। इंटरव्यू लेने वाले लाेग काैन, सरकार के नुमांइदे। सरकारी नुमाइंदाें काे टीवी चैनल के अमुभव की क्या जरूरत है। वैसे भी आज टीवी में जाे लाेग शीषॅस्थ पदाें पर जमें हैं उनकी हकीकत िकसी से छुपी नहीं है। सरकारी चैनल ताे सरकार का भाेंपू हाेता है। उसे चलाने के िलए याेग्यता की जरूरत है ही नहीं। याेग्य आदमी ताे वहां िटक ही नहीं पाएगा। वैसे भी चैनल हेड से नहीं, टीम से चलता है। टीम अच्छी हाेगी तभी चैनल या अखबार चलेगा, नहीं ताे डूबना तय है। यह सरकार काे साेचना चा िहए। ले िकन सरकार य िद इतनी छाेटी छाेटी बातें साेचने लगेगी ताे िफर देश काैन चलाएगा….